तलाक क्यों?
तलाक क्यों?

तलाक क्यों?  

बालकिशन भारद्वाज
व्यूस : 9449 | मार्च 2014

वर-वधू में से यदि किसी की भी कुंडली में सप्तमेश 00-150 तक का हो।

1 कुंडली में चंद्रमा पाप ग्रह से दृष्ट हो या उसे कोई भी शुभ या अशुभ ग्रह न देख रहे हों।

2 शनि विषम राशिगत हो।

3 मंगल व केतु या केतु या मंगल की किसी भी प्रकार से युति हो या दृष्टि संबंध हो।

4 सप्तम भाव पीड़ित हो।

5 सप्तमेश पाप ग्रह से दृष्ट हो या पाप पीड़ित हो।

6 शुक्र सिंह राशिगत हो।

7 सप्तम भाव को राहु, केतु, मंगल, शनि व सूर्य किसी भी प्रकार से देखते हों या सप्तमेश के साथ युति बनाते हांे।

8 अगर कुंडली में लग्न व सप्तम भाव से दाईं व बाईं ओर से कालसर्प दोष बनता हो।

9 कुंडली में मांगलिक दोष विद्यमान हो व वज्र, शूल, व्यातिपात, गंड, अतिगंड, व्याघात योग हो।

10 शुक्र पाप राशिगत होकर नवमांश में द्विस्वभाव राशि में हो।

11 सप्तम भाव व सप्तमेश किसी भी प्रकार से कमजोर अवस्था में हो।

12 सप्तमेश वक्री व पाप कर्तरी योग में हो। 

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