स्वास्थ्य एवं वास्तु शास्त्र

आज के इस मशीनी युग एवं एक दूसरे से आगे निकलने की अंधी प्रतिस्पर्धा ने न केवल हमारे जीवन, रहन-सहन और कार्यप्रणाली को ही असंतुलित किया है, बल्कि स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक शुद्ध वातावरण तथा पर्यावरण को भी दूषित कर दिया है। परिणामस्वर... और पढ़ें

वास्तुस्वास्थ्यवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

अकतूबर 2004

व्यूस: 9075

वास्तु में कबाड़खाने का महत्व

वास्तु विज्ञान मनुष्य के चिरकालीन अनुभव का परिणाम है। यदि इसके सिद्धांतों का ठीक-ठीक पालन किया जाए तो निश्चित और तत्काल परिणाम मिलते हैं। विभिन्न वास्तु ग्रंथों में जीवन सुखी व समृद्ध बनाने के लिये घर के हर सदस्य को शयनकक्ष, भंडा... और पढ़ें

वास्तुगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु के सुझाव

जनवरी 2005

व्यूस: 8124

ईशान कोण को खाली रखना वैदिक भी है और वैज्ञानिक भी

हमारे ऋषि मुनि महान वैज्ञानिक थे। उनका वैज्ञानिक ज्ञान हमारे वैज्ञानिक ज्ञान की तुलना में ब्रह्मांडीय अनुपात रखता था। उन्होंने संभ्रागन सूत्रधार, मायामतम, स्थापत्य वेद, मनसा आदि में जो कुछ कहा है वह सत्य है। आवश्यकता केवल उस सत्य ... और पढ़ें

वास्तुगृह वास्तुवास्तु पुरुष एवं दिशाएंव्यवसायिक सुधार

जनवरी 2008

व्यूस: 7314

शैक्षणिक संस्थान में वास्तु की उपयोगिता

शैक्षणिक संस्थान व्यक्तित्व निर्माण का एक ऐसा मंदिर है जहां से व्यक्ति ज्ञान एवं शिक्षा अर्जित करते हुए अपने चारित्रिक मूल्यों का विकास करता है। अतः इसका निर्माण उचित एवं तरीके से होना आवश्यक है। इसके निर्माण में वास्तु के सिद्धां... और पढ़ें

वास्तुवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2015

व्यूस: 9763

वास्तु निर्माण: काल पुरुष ज्योतिषीय योग

वास्तु पुरूष - वास्तुपुरूष का महत्व भवन निर्माण करते समय भूखंड पर निर्माण योजना से है। वास्तु पुरूष को भवन निर्माण की योजना बनाते समय विभिन्न प्रकार से परिकल्पित किया जाता है। वास्तुपुरूष का विभाजन भवन विशेष की योजनानुसार परिकल्प... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2016

व्यूस: 9514

होटल, रेस्तरां एवं रिजाॅट

होटल व्यवसाय एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर, लोकेशन, साज-सज्जा, अच्छी सुविधा एवं आतिथ्य का बड़ा ही अहम रोल है। ग्राहकों एवं अतिथियों को आमंत्रित एवं आकर्षित करने में वास्तु की अहम भूमिका है क्योंकि होटल की सही जगह ... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2015

व्यूस: 8369

उत्तर-पूर्व दिशा के मकान भूखंड

उत्तर-पूर्व दिशा को ईशान कोण अथवा वास्तु पूजा कोण अथवा ईश्वर का कोण कहा जाता है। ईशान कोण सर्वाध्कि महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे विकास का मार्ग प्रशस्त होता है। यदि ईशान कोण कम हो तो परिवार एवं परिवार के सदस्यों को अनेक समस्याओं का ... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2016

व्यूस: 10433

फ्लैट खरीदने में किन बातों का रखें ध्यान

मुख्य द्वार या चारदीवारी का द्वार दिशा के अनुसार शुभ स्थान पर हो। शुभ स्थान पूर्वी ईशान, उत्तरी-ईशान, दक्षिणी-आग्नेय और पश्चिमी-वायव्य है। नैर्ऋत्य कोण के द्वार अशुभ होते हैं।... और पढ़ें

वास्तुउपायवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

दिसम्बर 2015

व्यूस: 8038

वास्तु दोष शांति हेतु कुछ सरल उपाय/टोटके

वत्र्तमान युग में बने हुये भवन को तोड़कर, वास्तुदोष के निराकरण हेतु पुनः बनवाना बहुत ही कष्ट साध्य एवं महंगा साबित होता है। वास्तुदोष से त्रास्त होने से कुप्रभावों को शांत करने हेतु कुछ व्यावहारिक उपाय एवं टोटके लेख में दिये गये है... और पढ़ें

वास्तुउपायवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावटोटके

दिसम्बर 2016

व्यूस: 8434

वास्तु-सम्मत ईशान - सुख-समृद्धि की खान

जून के प्रथम सप्ताह में पं0 जी मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में एक दाल मिल का निरीक्षण करने गये। दाल मिल के मालिक श्री बंसल जी का कहना था कि उन्होंने यह मिल कुछ पुस्तक पढ़कर वास्तुनुरुप बनाई है। उत्तर में बोरिंग है। उत्तर-पूर्व बढ़ा हु... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारण

जुलाई 2014

व्यूस: 7878

दीपावली पर धनदायक वास्तु टिप्स

प्रत्येक व्यक्ति की यही कामना होती है कि माता लक्ष्मी का आगमन हमारे घर में हो और हमें सर्वसमृद्धि की प्राप्ति हो। दीपावली पर की जाने वाली विभिन्न पूजा-अर्चना आदि के साथ-साथ कुछ सरल वास्तु प्रयोगों को भी यदि अपनाया जाये... और पढ़ें

वास्तुसंपत्तिवास्तु के सुझाव

अकतूबर 2014

व्यूस: 8832

वास्तु पूजन की महत्ता

भवन निर्माण में वास्तु देवता या वास्तु पुरुष का बड़ा महत्व है। ये भवन के प्रमुख देवता हैं। इनका मस्तक ईषान एवं पैर नैर्ऋत्य में रहते हैं। दोनों पैरों के पद तल एक-दूसरे से सटे होते हंै। हाथ व पैर की संधियां आग्नेय और वायव्य में होती... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2015

व्यूस: 8687

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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