एक बार की बात है। संगीतविशारद हाहा, हूहू और तुम्बरू नामक गन्धर्व पीतांबर धारण किये, गोपीचन्दन का तिलक लगाये, वीणापुर मधुर स्वरों में हरिगुण गाते कैलाश की यात्रा करते हुए महर्षि कश्यप के आश्रम पर पहुंचे। मुनि ने उनका स्वागत किया और... और पढ़ें
देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध