भविष्यवाणी तकनीक (पृष्ठ-102)

भविष्यवाणी तकनीक


सफल शिक्षक बनने के ग्रह योग

शिक्षक का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान होता है। किसी भी छात्र को योग्य बनाने व उसको शारीरिक व मानसिक तौर पर सक्षम बनाने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। जैसा कि हमारे शास्त्रों में विदित है माता-पिता के पश्चात वह गुरु ह... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

मई 2016

व्यूस: 17080

कैरियर और ज्योतिष

कैरियर और ज्योतिष

शरद त्रिपाठी

आजीविका और कैरियर के विषय में दशम भाव को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अतिरिक्त कैरियर के लिए हम द्वितीय तथा षष्ठ भाव को भी महत्वपूर्ण दर्जा देते हैं जिसमें दशम भाव हमारा कर्म क्षेत्र है हम जो भी कार्य करते हैं उसका निर्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 16072

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

सेवाराम जयपुरिया

जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह भाव माता का भाव है। इसका शिक्षा से गहरा संबंध है, क्योंकि बच्चे की मां उसकी पहली शिक्षक होती है। कुंडली के पंचम, अष्टम और नवम भाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। भाव, भावेश औ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायसंपत्ति

अप्रैल 2010

व्यूस: 12191

कैसे बनते है हत्या के ग्रह योग

हिंसा का प्रतिनिधि मंगल है, नीच एवं घृणित कार्यों का प्रतीक शनि है तथा आवेश व अप्रत्याशितता के उत्प्रेरक राहु केतु है। जब मंगल, शनि और राहु केतु की दृष्टि, युति या अन्य दृढ़ संबंध लग्न और अष्टम भाव या उनके अधिपतियों से होता है तो ज... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2010

व्यूस: 16349

सूर्य

सूर्य

अजय भाम्बी

आदिकाल में जब ब्रह्माण्ड से ब्रह्मा जी की उत्पति हुई तो उन्होंने सर्वप्रथम ॐ का उच्चारण किया। यही ॐ दृष्टि का प्रथम शब्द था सूर्य का शरीर कहा जाता है। जब ब्रह्मा के चारों मुखों से वेद प्रकट हुए तब वे सूर्य के तेज से प्रकाशित हुए।... और पढ़ें

ज्योतिषघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकराशि

मार्च 2013

व्यूस: 12934

दूषित गजकेसरी योग धमान नहीं वजन बढ़ता है

भारतीय ज्योतिष में मान, सम्मान, समृद्धि कारक योगों में ‘गजकेसरी योग’ का विशिष्ट स्थान है। यह योग बृहस्पति और चंद्रमा की परस्पर केंद्र स्थिति से बनता है (केंद्र स्थिते देवगुरौ) मृगांकात योस्तदाहुगर्जकेसरीति। जातक परिजात, ;टप्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2015

व्यूस: 20742

फर्श से अर्श तक पंच कोटि महामनी के विजेता सुशील कुमार

बिहार राज्य के मोतीहारी जिले के सुशील कुमार ने कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में पांच करोड़ जीतकर अपने प्रदेश एवं जिले का नाम तो रोशन किया ही है साथ ही अपने घर की दयनीय आर्थिक स्थिति भी सुधार ली।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2011

व्यूस: 14146

मुहूर्त बोध में भद्रा विचार

भद्रा पंचांग के पांच अंगों में से एक अंग करण पर आधारित है यह एक अशुभ योग है। भद्रा में विष्टिकरण, किसी को दंड देना इत्यादि दुष्ट कर्म तो किये जा सकते हैं परंतु किसी भी मांगलिक कार्य के लिए भद्रा सर्वथा त्याज्य है।... और पढ़ें

ज्योतिषमुहूर्तपंचांगभविष्यवाणी तकनीक

जून 2011

व्यूस: 13957

ग्र्रह युद्ध में पराजित ग्रह

जब दो ग्रह एक ही भाव में एक दूसरे के बहुत निकट होते हैं व दोनों ग्रहों की डिग्री में 10 से कम का अंतर होता है तो यह अवस्था ग्रह युद्ध की अवस्था कहलाती है। जिस ग्रह की डिग्री कम होती है वह ग्रह युद्ध में जीता हुआ माना जाता है व जिस... और पढ़ें

ज्योतिषकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2011

व्यूस: 14754

विवाह के लिए विशेष महत्वपूर्ण हैं गुरु, शुक्र एवं मंगल

हमारे शास्त्रों में 16 संस्कार बताये गये हैं जिनमें विवाह सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। हमारे समाज में जीवन को सुचारू रूप से चलाने एवं वंश को आगे बढ़ाने के लिए विवाह करना आवश्यक माना गया है। जब हम कुंडली में विवाह का विचार करते हैं ... और पढ़ें

ज्योतिषविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 13601

ग्रहण और उसके प्रभाव

ग्रहण और उसके प्रभाव

फ्यूचर पाॅइन्ट

ग्रहण का व्यक्ति एवं समष्टि पर निस्संदेह व्यापक प्रभाव पड़ता है। सूर्य ग्रहण एवं चंद्र ग्रहण व्यक्ति, समुदाय एवं राष्ट्र को हर दृष्टिकोण से शुभ अथवा अशुभ रूप में प्रभावित करते हैं। 8 अक्तूबर 2014 को चंद्र ग्रहण एवं 24 अक्तूबर 2... और पढ़ें

ज्योतिषआकाशीय गणितभविष्यवाणी तकनीकगोचर

अकतूबर 2014

व्यूस: 12830

मुहूर्त ज्ञान

मुहूर्त ज्ञान

डॉ. अरुण बंसल

जीवन की महत्वपूर्ण कार्यों जैसे-विवाह, गृह प्रवेश, नया पद या नई योजना के क्रियान्वयन के लिए शुभ मुहूर्त निकालकर कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है और जीवन सुखमय बनता है व बिना मुहूर्त के कार्य करने पर निष्फलता देखी है।... और पढ़ें

ज्योतिषमुहूर्तपंचांगभविष्यवाणी तकनीक

जून 2011

व्यूस: 15262

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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