विंशोत्तरी दशा फल फ्यूचर पाॅइन्टप्रश्न: ग्रह स्थिति, युति, राशि स्वामित्व, दृष्टियां, योग, गोचर, नक्षत्र, स्वामित्व आदि सभी का समाव ेश करत े ह ुए वि ंशा ेत्तरी दशा फल के नियमों की उदाहरण सहित व्याख्या करें।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकजून 2015व्यूस: 13079
पद, उपपद और अर्गला के आधार पर फल कथन अर्जुन कुमार गर्गलग्नकुंडली के आधार पर की गई भविष्यवाणी मिथ्या हो जाती है, जिसके निराकरण हेतु महर्षि पराशर ने षड्वर्ग की व्यवस्था की। जब कोई फल लग्नकुंडली के साथ-साथ षड्वर्ग कुंडली से भी प्रकट होता है, तो उसके मिथ्या होने की संभावना कम होती है और ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगजैमिनी ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2005व्यूस: 18076
ग्रहों के दुष्प्रभावों का शमन फ्यूचर पाॅइन्टग्रह मानवीय जीवन पर अपना भला या बुरा प्रभाव डालते हैं... ग्रहों का भला-बुरा परिणाम होता है कि नहीं- यह विवाद का विषय नहीं बल्कि अनुभव करने की बात है। लाल किताब का मूल उद्देश्य यह है कि सामान्य से सामान्य आदमी अपनी जन्मकुंडली के ... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकलाल किताबसितम्बर 2015व्यूस: 16618
ग्रहों का बलवान एवं अच्छी स्थिति में होना सफलता की कुंजी क्यों है? अमित कुमार रामजन्म कुण्डली का सबसे महत्वपूर्ण भाव प्रथम भाव (लग्न) है क्योंकि जन्म के समय जो राशि पूर्वी क्षितिज पर उदित होती है वही राशि प्रथम भाव में स्थापित होती है और उसके पश्चात् अन्य राशियों एवं ग्रहों को उनकी स्थिति के अनुसार इस पर... और पढ़ेंज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणजनवरी 2015व्यूस: 13517
लेडी सिंघम बी. चंद्रकला आभा बंसलआधुनिक भारतीय समाज में स्मृति ईरानी, दुर्गा शक्ति नागपाल, कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स आदि महिलाओं ने जो उपलब्धियां अर्जित की हैं और देश व समाज के लिए जो सराहनीय कार्य कर रही हैं उसके आधार पर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि उन्... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशागोचरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणअप्रैल 2015व्यूस: 12872
कारको भाव नाशाय सीताराम सिंहजन्मकुंडली के बारह भाव मानव जीवन के विभिन्न अवयवों को दर्शाते हैं। किसी भाव के फल का विचार करते समय सर्वप्रथम उस भाव और भावेश के बल का आकलन किया जाता है। जिस भाव में उसके स्वामी या शुभ ग्रह की स्थिति हो, या उनकी दृष्टि पड़ती हो, तब... और पढ़ेंज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याअप्रैल 2012व्यूस: 20738
अंशों की महत्ता विक्रम मावीलबे अर्से से क्षेत्र में शोध कार्य कुछेक श्रेष्ठों के कुंडली विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया, प्रायः देखा गया है कि कुछ ही क्षणों में श्रष्ठ कुंडली का विश्लेषण कर देते हैं, अंशों पर ध्यान नहीं दिया जाता विशेष स्थान पर सवाल कर दिय... और पढ़ेंज्योतिषग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याजनवरी 2009व्यूस: 13409
बाधक दोष अर्जुन कुमार गर्गकुंडली में भाव 6, 8 और 12 को निकृष्ट स्थान की संज्ञा दी गई है। इन भावों के स्वामी और इन भावों में स्थित ग्रह अपने गुण खोकर अपनी दशा या अंतर्दशा में जातक के लिए कष्ट उत्पन्न करते हैं। इन भावों के अतिरिक्त भाव 2 और 7 यश, धन, पद और स... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2008व्यूस: 14865
जन्मांग में आपका धन एवं आमदनी का साधन लक्ष्मीनारायण शर्माविभिन्न लग्नों के धनदायक ग्रहों की बलवान स्थिति व्यक्ति को खूब धन लाभ कराती है। यदि कुंडली में धन भाव और लाभ भाव दोनों श्रेष्ठ है तो व्यक्ति धन आसानी से कमा सकता है। किस योग से किस जन्म लग्न में और किन ग्रहों से धन प्राप्त होता है... और पढ़ेंज्योतिषसंपत्तिभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्यामई 2011व्यूस: 13711
वक्री ग्रहों का शुभाशुभ प्रभाव आर. के. शर्माआकाश में जब कोई ग्रह वक्री होता है तो उस काल में जन्मे सभी प्राणियों मनुष्य, पशु, पक्षी, जलचर, कीट, वृक्षादि पर एवं संपूर्ण भूमंडल (मेदनीय ज्योतिष) पर समान रूप से प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि गोचरीय स्थिति में ग्रहांे की वक्रत... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकखगोल-विज्ञानअप्रैल 2015व्यूस: 14257
लोक विख्यात मुहूर्त बसंत कुमार सोनीअभिजित मुहूर्त स्वयं में सिद्ध मुहूर्त है इनमें कोई भी शुभ तथा मांगलिक कार्य पंचांग एवं ज्योतिषीय परामर्श के बिना ही किए जा सकते हैं। इस लेख को पढ़कर उसकी जानकारी प्राप्त करके उसका लाभ उठाया जा सकता है।... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकमुहूर्तजून 2011व्यूस: 14112
बड़ी उम्र का सफल प्रेम आभा बंसलकुछ लोगों की जन्मपत्रियों में आजन्म सुखी रहने के योग होते हैं। ऐसी ही जन्मपत्रियां हैं सुशांत और रितिका की। सुशांत की कुंडली में लग्नेश और शुक्र का स्थान परिवर्तन योग है।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशागोचरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणआगस्त 2010व्यूस: 13078