शिव भक्त राहु अंजली गिरधरज्योतिष में राहु सर्प के प्रतीक हैं। वस्तुतः राहु में देवत्व के सभी गुण मौजूद हैं। ज्योतिष में राहु को तामसिक कहा गया है। राहु-केतु छाया ग्रह हैं। पाश्चात्य ज्योतिषियों के अनुसार राहु उत्तरी बिंदु पर और केतु दक्षिणी बिंदु को... और पढ़ेंज्योतिषग्रहजुलाई 2014व्यूस: 23577
हस्तरेखा ज्ञान : इतिहास एवं प्रामाणिकता डॉ. अरुण बंसलव्यक्ति की आयु, कर्म, धन, विद्या और मृत्यु का निर्धारण गर्भ में ही हो जाता है। कर्मवादियों एवं ज्योतिषियों का विवाद युगों-युगों से चला आ रहा है। कर्मवादी अपने पक्ष की प्रबल पुष्टि हेतु प्राय: गीता के इस श्लोक की दुहाई देते है। अर्... और पढ़ेंज्योतिषजून 2005व्यूस: 2687
क्या आप बाधक दोष से ग्रस्त हैं ? संजय बुद्धिराजाजन्म कुंडली में विद्यमान विभिन्न दोषों जैसे कि केंद्र दोष, मारक दोष, पापकर्तरी दोष आदि के बारे में भारतीय ज्योतिष ग्रंथ विस्तार से वर्णन करते हैं। इन दोषों के अध्ययन का तो भारतीय ज्योतिषियों में प्रचलन है परंतु ”बाधक दोष“ के अध्यय... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2013व्यूस: 21104
काला जादू ज्योतिष की नजर में अंजना अग्रवालकाला जादू जिसे अभिचार (Abhichara) के नाम से भी जाना जाता है, जोकि विष्व के विभिन्न स्थानों में कई रूपों में प्रचलित है, इसके द्वारा नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काला जादू का मुख्य ध्येय शत्रु को उस स्थान ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाभविष्यवाणी तकनीकजून 2014व्यूस: 22258
कालसर्प एवं लाल किताब उपाय किशोर घिल्डियाललाल किताब के अनुसार राहु केतु जिस राशि में हे, उस राशि के स्वामी ग्रह के उपाय करने चाहिए। प्रस्तुत लेख में विभिन्न काल सर्प योगों के उपायों की विधि एवं दान पूजा का वर्णन है।... और पढ़ेंज्योतिषउपायलाल किताबभविष्यवाणी तकनीकमई 2011व्यूस: 21545
कृष्णमूर्ति पद्धति ईश्वर लाल खत्रीप्रश्न: कृष्णमूर्ति पद्धति का प्रयोग कुुंडली का फलादेश करने हेतु किस प्रकार किया जाता है, उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक समझाएं। क्या यह पराशर पद्धति से अधिक सटीक है? यदि हां तो कैस... और पढ़ेंज्योतिषकृष्णामूर्ति ज्योतिषआगस्त 2014व्यूस: 25063
तबादला: एक ज्योतिषीय विश्लेषण मनोज कुमारनौकरी में तबादला एक नियमित प्रक्रिया है। कुछ वर्ष एक ही स्थान पर कार्यरत रहने के उपरांत नियोजित व्यक्ति का स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कई बार यह तबादला अथवा स्थानांतरण अपनी ईच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार लोगों को... और पढ़ेंज्योतिषदशावर्ग कुंडलियाँगोचरजून 2013व्यूस: 25649
कुंडली मिलान और मांगलिक दोष कनक कुमार वार्षणेयहमारे समाज में कुंडली मिलान की प्रथा इतनी व्यापक हो गई है कि अच्छा संबंध मिलने पर भी मेलापक के गुणों अथवा मांगलिक दोष के कारण बात अटक जाती है। कुंडली मिलाएं या नहीं, मांगलिक दोष से किस प्रकार निपटें, यही इस लेख की चर्चा का विषय है... और पढ़ेंज्योतिषकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2012व्यूस: 19713
महान भविष्यवक्ता कीरो यशकरन शर्माअंक विज्ञान के क्षेत्र में कीरो का नाम बहुत ही सम्मानपूर्वक लिया जाता है। कीरो एक महान अंक विशेषज्ञ होने के साथ-साथ महान हस्तरेखा विशेषज्ञ एवं महान भविष्यवक्ता भी थे। किन ग्रहों की शुभ स्थिति एवं बल ने इस महान व्यक्तित्व को इस क्ष... और पढ़ेंज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2010व्यूस: 21105
क्यों? यशकरन शर्माअनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्र... और पढ़ेंज्योतिषरमल शास्त्रअप्रैल 2014व्यूस: 19118
नक्षत्रों से आजीविका चयन और बीमारी का अनुमान बी.एल शर्माआजीविका चयन का ज्योतिष में प्राचीन और सर्वमान्य नियम यह है की कर्मेश / दशमेश जिस ग्रह के नवांश घर में हो उस ग्रह के गुण धर्म के अनुसार व्यक्ति की आजीविका होगी। इसके अतिरिक्त ज्योतिष ग्रंथों और वृहत संहिता खंड एक के अनुसार १५ में उ... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यनक्षत्रभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायफ़रवरी 2013व्यूस: 16828
आयु निर्णय डॉ. अरुण बंसलजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सामान्यतः होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास केवल ज्योतिष के माध्यम से ही सम्भव है। ज्योतिष हमारा मार्गदर्शक शास्त्र है, नियामक नहीं। वस्तु स्थिति यह है कि शास्त्र व अनुभव ये दो आंखें हैं, इन्हीं आंखों के द... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यकुंडली व्याख्याघरचिकित्सा ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2013व्यूस: 13748