1. शास्त्रों में उल्लेख
संक्षिप्त नारद पुराण के पूर्व भाग,
द्वितीय पाद, श्लोक 435-438 में
विवाह के इक्कीस दोष बताये गये हैं।
इनमें से छठा दोष है “भौम महादोष”
अर्थात मंगल का लग्न से अष्टम भाव
में होना। श्लोक 435-438 में कहा
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