वर्ष 2011 आशा और निराशा आचाय पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक वर्ष 2011 संचार क्रांति के करिश्मे, पड़ौसी देशों से संबंधों में कटुता, उत्तरी क्षेत्रों में हिंसात्मक घटनाओं की संभावना, आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सौगातों के साथ शेयर बाजार में नये कीर्तिमान स्थापित होने तथा वर्ष में छह ग्रहणों की घटना से संक्रामक रोगों एवं प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि तथा खेल, सिनेमा व ग्लैमर जगत के लिए उन्नति एवं उपलब्धियों से परिपूर्ण होने के कारण आशा एवं निराशा दोनों का सम्मिश्रण होगा।
आर्थिक दृष्टि से नया वर्ष उत्तम रहेगा, संचार क्रांति आएगी, उद्योग तथा निवेश के रूप में भारत को महत्व मिलेगा, भ्रष्ट राजनेता सरकार की छवि धूमिल करेंगे। ज्योतिष में देशकाल व परिस्थितियों का विशेष महत्व है। संहिता ग्रंथों में राष्ट्र के भविष्य पर विचार करने की कई पद्धतियां प्रचलित हैं। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रारंभ नववर्ष, शारदीय नववर्ष, ग्रहण, राज्यारोहण, भूकंप, संक्रांति व सूर्य के मेष राशि में प्रवेश की कुंडली। समय व परिस्थितियों ने करवट बदली है, गुड़ी पड़वा से नववर्षों का आरंभ अब पंचांगों तक ही सीमित रह गया है। नववर्ष के प्रति भारतीय जनमानस की मानसिकता बदली है, आज भारत सहित सारा विश्व जनवरी से नया वर्ष प्रवेश मान अपने कामकाज में इसका उपयोग करता है।
पाश्चात्य नववर्ष 1 जनवरी 2011 की कुंडली भारत के लिए क्या करिश्मा दिखाती है। सामान्यतः पाश्चात्य नववर्ष का आरंभ कन्या लग्न से ही होता है केवल ग्रह गोचर अपना स्थान बदलते हैं। इस बार नववर्ष 2011 का आगाज कन्या लग्न के मेष नवांश तथा विशाखा नक्षत्र में हो रहा है। राष्ट्र की कुंडली में लग्न एकता-अखंडता का कारक होता है। लग्न का स्वामी बुध तृतीय भाव में वृश्चिक राशि में स्थित है। तीसरा भाव संचार, यातायात तथा खेल का होता है। तृतीय भाव में चंद्र-बुध की युति 2011 में संचार क्रांति के रूप में अपना करिश्मा दिखाएगी। 1 जनवरी 2011 की कुंडली प्रजातंत्र का कारक शनि लग्न में देश की एकता-अखंडता हेतु उत्तम है। भारत के कुछ प्रांतों में जातीय संघर्ष के योग अवश्य बनने की संभावनाएं हैं
लेकिन धीरे-धीरे भारत की स्थिति विश्व के मानचित्र में आदर्श, स्वच्छ और ऊर्जावान देश के रूप में उभरेगी। 15 नवंबर 2011 के बाद शनि तुला राशि में प्रवेश करेंगे, यह समय भारत के लिए अग्नि परीक्षा का होगा। स्वतंत्र भारत के वृषभ लग्न की कुंडली में उस समय छठे स्थान में स्थित बृहस्पति से शनि का भ्रमण होगा। शनि यहां पर पड़ोसी देशों से संबंधों म कटुता तथा आक्रामकता उत्पन्न करवा सकता है। चतुर्थ स्थान जनता तथा जनता के सुख का होता है। नववर्ष कुंडली में चतुर्थ भाव में सूर्य, मंगल और राहु की युति बन रही है। फलित ग्रंथों में इस युति को नकारात्मक प्रभाव देने वाली युति की श्रेणी में रखा गया है।
मंगल आतंकवादी घटनाओं, दुर्घटना, विस्फोट आदि हिंसात्मक घटनाओं को बढ़ावा देगा विशेषकर भारत के ऊपरी हिस्सों में यह घटनाएं हो सकती है। राहु तथा केतु 2 मई 2011 के बाद राशि परिवर्तन कर क्रमशः वृश्चिक और वृषभ राशि में भ्रमण करेंगे, वृषभ भारत का लग्न तथा वृश्चिक सप्तम भाव में स्थित राशि है। यह समय देश के लिए उत्तम रहेगा। राहु से राहु का भ्रमण मई-2011 के बाद भारत के लिए उत्तम है, उद्योग तथा निवेश के रूप में भारत का महत्व बढ़ेगा। आर्थिक दृष्टि से नया वर्ष भारत के लिए महत्वपूर्ण सौगातों वाला होगा।
मई के बाद शेयर बाजार नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। तृतीय भाव पत्रकारिता का होता है, मई 2011 के बाद भारत की लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था के चौथे स्तंभ पत्रकारिता पर प्रश्न चिह्न लगेंगे। पत्रकारिता में स्वच्छता तथा आक्रामकता के बजाय मीडिया का उपयोग रूपया ऐंठने तथा पद-प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करने में रहेगा। राजनेताओं की दृष्टि से नया वर्ष मिलाजुला रहेगा। दशम स्थान केंद्र सरकार, सत्ता पक्ष तथा शासक वर्ग का होता है। शनि की दशम पर दृष्टि तथा सूर्य-मंगल व राहु की सप्तम दृष्टि केंद्र सरकार के लिए उत्तम नहीं है। दागी मंत्री केंद्र सरकार की नाक में दम करेंगे। भ्रष्ट राजनेता केंद्र सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं। दशम स्थान का स्वामी बुध पराक्रम भाव में होकर केंद्र तथा शासक वर्ग की समस्या दर्शा रहा है।
2011 कुल मिलाकर केंद्र सरकार के लिए कांटों भरा होगा। कांग्रेस का धनु लग्न है। मई 2011 तक समय कष्टकारी है। हालांकि मेष राशि का गुरु जनता के बीच एक बार पुनः कांग्रेस को सशक्त पार्टी के रूप में स्थापित कर सकता है। कर्क लग्न की सोनिया गांधी वर्ष के उत्तरार्द्ध में भारत ही नहीं अपितु विश्व में एक आदर्श राजनेता के रूप में अपनी चमक बरकरार रखेगी। राहुल गांधी के लिए नया साल चुनौतीपूर्ण तथा संघर्षों से भरा होगा। मिथुन लग्न की भाजपा उत्तम स्थिति में है। मिथुन लग्न का स्वामी बुध लाभ भाव के स्वामी चंद्रमा के साथ है। भाजपा शासित राज्य अन्य राज्यों पर हावी रहेंगे। यह वर्ष महिला राजनेता और नेत्रियों के लिए उत्तम है। शुक्र भाग्य का स्वामी होकर द्वितीय भाव में स्वराशि में स्थित है।
खेल, सिनेमा और ग्लैमर जगत के लिए नया वर्ष उन्नति एवं उपलब्धि दायक रहेगा। कुंभ लग्न के अमिताभ बच्चन के लिए नया वर्ष स्वास्थ्य के लिहाज से उत्तम नहीं है। सितंबर के बाद उनके स्वास्थ्य में कुछ गिरावट आने की संभावनाएं है। नए वर्ष का आगाज ग्रहण से होगा, पूरे साल में छह ग्रहण होंगे जिसमें से तीन भारत में दिखाई देंगे और तीन नहीं। 4 जनवरी 2011 को खंडग्रास सूर्य ग्रहण, 1 जून को खंडग्रास सूर्यग्रहण, 15 जून को खग्रास चंद्रग्रहण, 1 जुलाई को खंडग्रास सूर्यग्रहण, 25 नवंबर को खंडग्रास सूर्यग्रहण और 10 दिसंबर को खग्रास चंद्रग्रहण होगा। इस प्रकार के छह ग्रहण का अगला योग 2047 यानी 35 साल के बाद बनेगा। हालांकि उपर्युक्त छह ग्रहण में 4 जून, 15 जून और 10 दिसंबर के ग्रहण का असर ही हमारे देश में दिखाई देगा। 1 साल में इतने ग्रहण का होना शुभ संकेत नहीं है, मानव जीवन एवं जलवायु पर इसका बुरा असर पड़ेगा। संक्रामक बीमारी एवं प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी।
खेल के लिहाज से वर्ष उत्तम है, मई 2011 में क्रिकेट का विश्वकप होगा। स्वतंत्र भारत की कुंडली में सूर्य की दशा में राहु का अंतर रहेगा, भारत के लिए यह समय अचानक लाभ प्राप्ति का होगा। भारत का प्रदर्शन उत्तम रहेगा और कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त हो सकती है। ग्रह-नक्षत्रों की चाल की माने तो सचिन तेंदूलकर विश्वकप के बाद सन्यास ले सकते हैं।
कुल मिलाकर नया साल भारत के लिए आशा और निराशा दोनों का समागम लेकर आएगा। एक ओर जहां आर्थिक दृष्टि से भारत सिरमौर बनेगा वहीं दूसरी ओर भ्रष्टचारी राजनेता और अधिकारियों के कारण सिर शर्म से झुकेगा। आतंकवाद और धार्मिक उन्माद पूरे साल हावी रहेंगे, सरकार की सुरक्षा और कानून व्यवस्था लचर रहेगी।