1- ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि चंद्रमा का जैसा प्रभाव समुद्र पर होता है ठीक वैसा ही प्रभाव मानव शरीर एवं मन पर भी होता है। अगर चंद्रमा समंदर में बड़े-बड़े ज्वार भाटा उत्पन्न कर सकता है तो फिर मानव शरीर को क्यों प्रभावित नहीं कर सकता जिसमें 75 प्रतिशत पानी है। चंद्रमा को गहरी संवेदनाओं को जागृत करने वाला भी माना जाता है और व्यक्ति को अतिसंवेदनशील अवस्था में पहुंचाकर अश्रुओं से भर देता है। चंद्रमा की शक्तियों से स्त्रियों का मासिक धर्म भी प्रभावित होता है।
2- ज्योतिष को विज्ञान और कला दोनों का ही दर्जा प्राप्त है। इसे वैज्ञानिक दर्जा इसलिए प्राप्त है क्योंकि इसके लिए गणित और खगोल की समझ होना आवश्यक है। इसे कला इसलिए कहा गया है क्योंकि विभिन्न पहलुओं को एक साथ लाने के लिए विश्लेषण आवश्यक है। ऐसा करने पर ही आप व्यक्ति के गुणों, चरित्र और योग्यताओं के बारे में पूर्वानुमान लगा सकते हैं।
3- ”कैप्लर कालेज आफ एस्ट्रालाजिकल सांइसेज“ सीटल यू. एस. ए. में ऐसी पहली संस्था है जिसने ज्योतिषीय अध्ययन के लिए पश्चिमी जगत् में बी.ए. और एम.ए. की उपाधियां देना प्रारंभ किया। पहला पाठ्यक्रम सन 2000 में शुरू हुआ। इस कालेज का नाम विख्यात जर्मन गणितज्ञ, खगोल शास्त्री व ज्योतिषी जान कैप्लर के नाम पर है।
4- साउथेम्पटन यूनिवर्सिटी में ज्योतिष का आलोचनात्मक अध्ययन करने वाला एक रिसर्च ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में पीएच. डी के विद्यार्थी Alcoholism के बृहस्पति ग्रह से संबंध पर शोध कर रहे हैं। वेश्याओं की जन्मतिथि और औरतों के बांझपन का गुरु और शनि से संबंध आदि विषयों पर व्यापक स्तर पर शोध हो रहा है।
5- ज्योतिष फसलों के चक्र की व्याख्या करता है। फसलों का चक्र दालों और अनाज की पैदावार के रूप में क्रमशः निरंतरता के साथ चलता है जिसका प्रतिनिधित्व कन्या राशि करती है। न केवल कन्या राशि को अनाज की मां के रूप में देखा जाता है जो धरती का फसलों द्वारा भरण पोषण करती है अपितु हमारे विचारों और विश्वास को भी नई दिशा प्रदान करती है। यह हमें हमारी बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल करने की प्रेरणा देती है।
6- अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन पर गोली चलाए जाने के बाद उनकी पत्नी ने रीगन की आगामी भविष्य में सुरक्षा प्रबंधों की भविष्यवाणी करने हेतु एक ज्योतिषी को नियुक्त किया था।