महाभारत ग्रंथ में, अपने सर्वगुण संपन्न पुत्रों की दुर्दशा देखकर, कुंती श्री कृष्ण
से कहती हैं:- ‘‘ न विद्या न बलं न च पौरूषं भाग्यं फलति सर्वदा’’ अर्थात्
‘‘विद्या, बल और पौरूष की अपेक्षा भाग्य ही हर समय फलीभूत होता है।’’... और पढ़ें
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