2 जी स्पेक्ट्रम की पृष्ठभूमि में ए. राजा
2 जी स्पेक्ट्रम	 की पृष्ठभूमि में ए. राजा

2 जी स्पेक्ट्रम की पृष्ठभूमि में ए. राजा  

उमाधर बहुगुणा
व्यूस : 4432 | अप्रैल 2011

ज्योतिष के आइने में 2जी स्पेक्ट्रम की पृष्ठभूमि में ए. राजा आचार्य उमाधर बहुगुणा ''सावली'' द्र सरकार में ए. राजा को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सीधे तौर पर नाम आने के बाद संचार मंत्री का पद छोड़ना पड़ा। अंदीमुत्थु राजा ने न केवल आजादी के बाद देश में सबसे बड़े घोटाले को अजांम दिया, बल्कि बड़ी ढिलाई से कहते रहे कि वह पाक साफ हैं।

संयुक्त प्रगतिशील गठबध्ं ान सरकार क े दसू र े कायर्क ाल में अंदीमुत्थु राजा ने संचार मंत्रालय पाने के लिए अपने पक्ष में खूब लॉबिंग करवाई थी क्योंकि वे कुछ समय के लिए पहले भी इस मंत्रालय म ें रह चुके थे। भाग्य ने साथ दिया। राजा को फिर संचार मंत्रालय मिल गया।

बस, यहीं से उन्होंने मनमाने ढंग से देश में संचार सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनियों को काम सौंप दिया। इस घोटाले में देश को 1,76,625 लाख करोड़ रुपयों की चपत लगी। 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की यह रकम देश कोुसूकेरक्षा बजट के समतुल्य है। इतना ही नहीं हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ,़ उत्तराखडं पद्र ेश की विकास योजनाओं का वार्षिक बजट लगभग इतना ही होता होगा।

राजा का ताज फिलहाल छिन गया है, लेकिन सवाल यह भी उठ रहा है, कि घोटाले के उजागर होने के बाद भी वह कैसे 400 दिन तक (क्यों) केंद्रीय मंत्री मंडल के सदस्य बने रहे? तमिलनाड के पेरबूंलर के वले रू गावं में राजा का जन्म हुआ, उनकी मां चिन्नापिल्लई ने उनका, नाम अंदीमुत्थु रखा।

इनका लग्नेश व अष्टमेश मंगल चतुर्थ स्थान में अपनी नीच राशि में स्थित होने और जन्म के समय विंशोत्तरी दशा में मगंल की ही दशा के कारण य.ू पी.ए सरकार को राजनीतिक चक्रवात म ें फसांने वाले डी.एम के नतो अदंीमत्ुथु अर्थात ए राजा कभी फर्श पर थे। पेरंबलूर के ए राजा बेहद मध्यम वर्ग से आते है।

भाग्येश और व्ययेश बृहस्पति के धन स्थान में शुक्र के घर में स्थित होने और भाग्य स्थान में केतु की नीच स्थिति के कारण राजा के माता-पिता साठ क े दशक में राजे ी रोटी की तलाश में तमिलनाडू से श्रीलंका गये थे, लेकिन वहां निरंतर अशांति रहने की वजह से वे वापस लौट आए।


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दशम एवं लाभ स्थान में मंगल व बृहस्पति की पण्ू र्ा दृष्टि एव ं शनि - चदं ्र की युति के कारण राजा ने स्नातक की परीक्षा पास करने के बाद कानून की शिक्षा हासिल की और पेरंबलूर में एक सीनियर वकील के पास वकालत के गरु सीखन े लग।े लेि कन पराक्रम स्थान के राहु के कारण वकालत के पेशे के दौरान ही वह तमिलनाडु की द्रविड़ राजनीति की तरफ मुखातिब हुए और डी.एम के की राजनीति में रुचि लेने लगे। तथापि ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था, राजा की वकालत उन दिनों कोई खास नहीं चल रही थी। उन्हें अपने घर से कचहरी आने-जाने के लिए अपने स्कूटर के तेल का निकालना भी मुश्किल पड़ता था।

लेि कन जैसे ही बृहस्पति की विंशोत्तरी दशा प्रारंभ हुई, डी.एम के की राजनीति में अहम रोल निभाने वाले डॉ एम देवराजन से मुलाकात के बाद राजा ने पूर्णकालिक रूपसे राजनीति में बने रहने का मन बना लिया। जल्दी ही उन्हें डी.एम के की अधिवक्ता इकाई का अध्यक्ष बना दिया। डी.एम के वकील प्रकोष्ठ में जगह पाने के बाद महत्वाकांक्षी राजा ने चैन्नई के नेताओं के बीच भी अपनी पहचान कायम कर ली। बृहस्पति की विंशोत्तरी दशा में शनि के अंतर में 1996 में उन्हें पहली बार डी.एम केकी तरफ स े लाके सभा का टिकट दिया गया। राजा के पास उस समय लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं था, लेकिन पार्टी के दूसरे नेताओं की मदद से उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीत लिया।

करुणानिधि ने जब राजा को देखा, तो उन्हें लगा कि इस नौजवान के सहारे पार्टी को दलित मतां े का खासा लाभ हो सकता है, इस लिए करुणानिधि ने अपना वरदहस्त राजा के ऊपर रख दिया। धनेश ओर सप्तमेश शुक्र पंचम में सूर्य के घर में अहंकारी, हठी तथा ज्ञान बुद्धि का दुरुपयोग करने वाला बनाता है। चतुर्थेश चंद्रमा लाभ में शनि के साथ होने के कारण 1999 में राजा 13वीं लाके सभा के लिए दसू री बार निर्वाचित होकर दिल्ली पहुंचे, तो उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने का मौका मिला। ए राजा की जन्म कुंडली में सात ग्रह आपस में षडाष्टक यागे बना रहे हैं, जिस कारण वे छोटी ही उम्र में 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं लोकसभा के चार बार सदस्य रहे और दो बार राज्य मंत्री तथा दो बार केंद्रीय मंत्री रहे।


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इनकी जन्म कुंडली में माला योग है जो बहुत अच्छा है जिस कारण ए राजा कम उम्र में ही राजनीति के शिखर की ओर अग्रसर होते हुए कई पायदान चढ़कर राजनीतिक सफलता का स्वाद चखते रहे। शनि, मगं ल के दृि ष्ट संबधांें ने उन्हें शनि की दशा में 05 अगस्त 2001 से लगातार सफलता दी, वहीं विंशोत्तरी में शुक्र के अंतर ने उनकी पतन की कहानी भी लिख दी। शनि महादशा में सूर्य का अंतर 27 जुलाई 2011 से 08 जुलाई 2012 तक रहेगा। यह समय ए राजा के लिए शुभ नहीं कहा जा सकता। इन पर लगे आरोप साबित होंगे और सजा भी मिलेगी। पार्टी से निकाले जाएंगे, प्रभावहीन हो जाएंगे, मानसिक तनाव झेलेंगे। कोर्ट कचहरी के चक्कर लगते रहेंगे।

2020 से स्वास्थ्य खराब होगा। 2037 तक का समय अच्छा नहीं है खासकर 05 जुलाई 2020 से 02 जनवरी 2023 तक हर प्रकार से सावधानी की आवश्यकता है, कुछ भी बुरा हो सकता है, हर प्रकार से सावधान रहें। ए. राजा की कुंडली में विद्यमान छः ग्रहों द्वारा निर्मित माला योग, सात ग्रहों द्वारा षडाष्टक योग, शनि, मंगल द्वारा पूर्ण राशि - दृष्टि संबंध, शनि की ढैय्या, शुक्र, सूर्य, बुध द्वारा राशि युति संबंध ने राजा को तमिलनाडू के एक छोटे से शांत गांव से पूरे देश में चर्चित कर दिया और अर्श से फर्श पर भी बिठा दिया। ए राजा की जन्म कुंडली में सात ग्रह आपस में षडाष्टक योग बना रहे हैं, जिस कारण वे छोटी ही उम्र में 12वीं, 13वीं, 14वीं, 15वीं लोकसभा के चार बार सदस्य रहे और दो बार राज्य मंत्री तथा दो बार केंद्रीय मंत्री रहे।



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