संसार में किसी का कुछ नहीं, भौतिक विषयों को व्यर्थ में अपना समझना मूर्खता है, क्योंकि अपना
होते हुए भी, कुछ भी अपना नहीं होता। कुछ रुपये दान करने वाला यदि यह कहे कि उसने ऐसा
विशेष कार्य किया है, तो उससे बड़ा मूर्ख और कोई नहीं औ... more
देवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिविविध