स्थान (पृष्ठ-5)

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भटकती आत्माओं का मुक्ति स्थल : गयाधाम

इस वर्तमान सदी में देश के सामजिक माहौल में बहुत तेजी से बदलाव आया है। पहले वृद्धों की सेवा को पुन्य का कार्य समाजः जाता था, किंतु आज वृद्धों के प्रति पारंपरिक आदर का बहाव लुप्त होता जा रहा है। संवेदनहीनता इस हद तक बढ़ गई है की लोग ... more

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उडीसा का प्रसिद्द – विरजा देवी मंदिर

उडीसा के जाजपुर नामक स्थान पर एक भव्य मंदिर है जो “विरजा देवी” मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। विरजा देवी को स्थानीय लोग ही नहीं वरन दूर-दराज के लोग भी जानते और मानते है। याजपुर को उडीसा के स्थानीय लोग “जाजपुर” कहते है। यह नाभि गया... more

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शिव की भक्तवत्सलता का प्रतिक भीमशंकर ज्योतिर्लिग

भगवान भोलेनाथ की महिमा अपरंपार है। किसी भी भक्त की निश्छल भक्ति पर प्रसन्न होकर शीघ्र वरदान देने वाले एकमात्र देव देवाधिदेव भगवान शिव ही है। उनकी इसी भक्तवत्सलता का लाभ रावण सहित अनेकानेक असुरों ने उठाया और वरदान में अतुल बल प्राप... more

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मल्लिकार्जुन : कोटिफल प्रदायी धाम

दक्षिण भारत का कैलाश मान जाने वाले आंध्र प्रदेश में अवस्थित मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग की छटा देखते ही बनती है। चारों ओर पहाडियां, केले और बिल्वपत्र के घने जंगल, साथ में बहती पाताल गंगा ऐसा लगता है मानो भोले शंकर ने अपने स्वभाव के ... more

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क्यों प्रसिद्द हैं चार धाम

शिव अवतार आदि गुरु शंकराचार्य ने सनातन धर्म की प्रतिष्ठा के लिए बदरीनाथ, द्वारकापुरी, जगन्नाथपुरी व् रामेश्वरम चार धामों में चार पीठ स्थापित किए। इन चार धामों में बदरीनाथ उत्तर में स्थित है। ऐसी मान्यता है की जब तक कोई तीर्थयात्री... more

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हिमालय के दिव्य तीर्थ स्थल

संपूर्ण हिमालय क्षेत्र अनेकानेक तीर्थों का प्रमुख स्थल हिया, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री यमुनोत्री, कैलाश , मानसरोवर आदि पावन स्थलों की छटा देखते ही बनती है। ऋषिकेश से जोशीमठ तक मोटर, बस की राष्ट्रीय सड़क बन गई है। जोशीमठ तक केवल ... more

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दक्षिणेश्वर मां काली का दिव्य धाम

कहते है इस कलियुग में भक्त और भगवान का जहां प्रत्यक्ष लीला दर्शन हुआ वहीँ आज का दक्षिणेश्वर है जिसकी गणना न सिर्फ बंगाल वरन पूरे भारत के महानतम देवी तीर्थों में की जाती है। हुगली नदी के पूर्वी तट पर शोभायमान विश्व प्रसिद्द काली मं... more

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सालासर धाम के साक्षात हनुमान

श्री हनुमान जी के प्रमुख सिद्ध शक्ति पीठों में राजस्थान के शुरू जिले में स्थित श्री सालासर धाम पर श्रद्धालुओं का तांता साल भर लगा रहता है। सन १७५४ ई। में नागौर के असोटा निवासी साखा जात को घिटोला के खेत में हल जोतते समय के मूर्ति म... more

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द्वादश ज्योतिर्लिंग एवं प्रमुख शिव धाम

शिवपुराण में उल्लेख है की भगवान शंकर प्राणियों के कल्याणार्थ विभिन्न तीर्थों में लिंग रूप में वास करते है। जिस किसी पुण्य स्थान में भक्तजनों में उनकी अर्चना की, उसी स्थान में वे आविर्भूत हुए और ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा एक लिए अ... more

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मोक्षदायिनी सप्त पुरियां

इसका नाम बनारस या वाराणसी भी है। उत्तर रेलवे की मुग़ल सराय से अमृतसर तथा देहरादून जाने वाली मुख्य लाइन के मुग़ल सराय स्टेशन से ७ मील पर काशी और उससे ४ मील आगे बनारस छावनी स्टेशन है। इलाहाबाद के प्रयाग स्टेशन से भी जंघई होकर एक सीधी... more

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मोक्ष स्थली सोरों जहां पृथ्वी का उद्धार भगवान ने वराह रूप में किया

बात उस समय की है जब दैत्यराज हिरण्याक्ष पृथ्वी को जल के अंदर ले गया। तब उसके उद्धार हेतु भगवान ने वराह रूप में लीला करने का निश्चय किया। पृथ्वी के पुनर्स्थापन के उपरांत पृथ्वी को ज्ञानोपदेश एवं अपनी वराह रूपी... more

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मैया नर्मदा का उद्गम स्थल – अमरकंटक

मध्य प्रदेश के शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील के दक्षिण पूर्वी कोने में विंध्य की प्रमुख श्रेणी मेकल के पठार पर स्थित अमरकंटक भारत का सुविख्यात तीर्थ है। नर्मदा का उद्गम स्थान होने के कारण यह देश के कोने-कोने से श्रद्दालु यात्रियो... more

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