सिंधु दर्शन : एक सांस्कृतिक यात्रा फ्यूचर समाचारबर्फ में रहने वाले उंचे पहाड़ों के देवता। चांदनी रात में जब तुम नीचे देखते हो तो क्या तुम्हें नहीं लगता की एक स्वर्ग का नजारा इधर अपने आप में इस क्षेत्र के असीम सौंदर्य का वर्णन है। यह एक रहस्यमय भौगोलिक क्षेत्र है। यहाँ की बौद्ध स... moreअन्य पराविद्याएंस्थानअप्रैल 2007Views: 9409
क्यों करनी चाहिए तीर्थयात्रा फ्यूचर समाचारमानव जीवन में यात्रा का विशेष महत्त्व है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर यदि मनुष्य विचरण न करें और एक-दूसरे से न मिले तो उसका जीवन बहुत ही बोझिल एवं नीरस हो जाएगा। तीर्थयात्रा का धार्मिक महत्त्व अनेक वेद पुराणों में वर्णित है।... moreअन्य पराविद्याएंस्थानअप्रैल 2007Views: 8607
श्रीराम से जुड़े पावन स्थल फ्यूचर समाचारश्री राम मानव अवतार लेकर अनेक स्थानों पर गए। राम जी का जहां जन्म हुआ, उस अयोध्या नगरी का वर्णन बाल्मीकि रामायण में पढते समय लगता है, की भारत का कोई भी आधुनिक नगर उसकी बराबरी नहीं कर सकता। यह नगर कौशल नामा के जनपद में सरयू नदी के क... moreस्थानअप्रैल 2007Views: 10357
बैजनाथ : शिव-शिवा का अनुपम धाम फ्यूचर समाचारप्रकृति के उन्मुक्त प्रांगण में बसे देवभूमि उतरांचल में शायद ही ऐसा कोई स्थल होगा जहां मंदिर न हो। कलकल करते झरने, अविरल बहती नदियां, प्रहरी की भूमिका में गर्व से सिर उठाए खड़े पहाड़, मुक्त हवा में झूमते हरे-भरे वृक्ष यहां आने वाले ... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंस्थानमई 2007Views: 5766
भीमकाली मंदिर फ्यूचर समाचारहिमाचल की राजधानी शिमला से २०० किमी. सरहन की सुंदर वादियों में गगनचुंबी देवदार वृक्षों के बीच सतलुज नदी के तट पर बसा है। प्रसिद्द भीमकाली मंदिर। यह मंदिर देश के भव्य एवं वैभवशाली मंदिरों में से एक है। संपूर्ण मंदिर परिसर पुरातत्व ... moreदेवी और देवस्थानउपायजून 2007Views: 5751
शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंग फ्यूचर समाचारशिव पुराण में वर्णित है की आशुतोष भूत भावन भगवान शिव, शंकर प्राणियों के कल्याणार्थ तीर्थ में लिंग रूप में वास करते है। जिस पुण्य स्थल में भक्तजनों ने उनकी अर्चना की उस स्थान में वे वहीँ अवतरित हुए और ज्योतिर्लिंग के रूप में सदा के... moreदेवी और देवअन्य पराविद्याएंस्थानउपायजुलाई 2007Views: 10142
वास्तु ने बनाया ताज को सरताज डी.आर. उमरेदुनिया की कोई भी इमारत प्रसिद्द है तो यह तय है की उसकी बनावट वास्तु के अनुकूल होगी। ताजमहल की विश्व प्रसिद्धि का कारण इसकी सुंदर बनावट तो है ही, परन्तु इस प्रसिद्धि में चार चाँद लगा रहा है। इसका वास्तु के अनुकूल भूखंड पर हुआ वास्त... moreअन्य पराविद्याएंस्थानवास्तुआगस्त 2007Views: 6628
दुनागिरी : एक रहस्यमय शक्तिपीठ फ्यूचर समाचारउतरांचल का समस्त भूभाग आध्यात्मिक महिमा से मंडित और नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। ययहां देवी देवताओं के कई सिद्ध पीठ है। भारत में वैष्णव शक्तिपीठ के नाम से विख्यात तो शक्तिपीठ है। और दोनों हिमालय में ही विद्धमान है। उनमे... moreअन्य पराविद्याएंस्थानआगस्त 2007Views: 10528