जन्मकुंडली का नवम भाव त्रिकोण स्थान है, जिसके कारक देवगुरु बृहस्पति
हंै। यह भाव शिक्षा में महत्वाकांक्षा और उच्च शिक्षा अर्थात
शिक्षा किस स्तर की होगी, को दर्शाता है। यदि इस भाव
के नैसर्गिक कारक बृहस्पति का संबंध पंचम भाव से हो... और पढ़ें
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