भविष्यवाणी तकनीक (पृष्ठ-96)

भविष्यवाणी तकनीक


सफलता का प्रथम सोपान श्रेष्ठ मुहूर्त

सर्वार्थ सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग, त्रिपुष्कर योग शुभ योग मुहूर्त की श्रेणी में आते हैं। कुछ कार्यों के लिए इन मुहूर्तों का चयन कर सफलता प्राप्त की जा सकती है।... और पढ़ें

ज्योतिषमुहूर्तभविष्यवाणी तकनीक

जून 2011

व्यूस: 9505

कैरियर निर्धारण में एकादशांश कुंडली का महत्व

ज्योतिष को वेदों की आंख की संज्ञा दी गई है। ज्योतिष शास्त्र मनुष्य के जीवन की वह ज्योति है जो उसके आने वाले समय के बारे में इंगित करता है। हमारा विषय है कैरियर निर्धारण इसके ज्ञान के लिए हमें कुंडली के 12 भावों का अध्ययन करना आवश्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 9576

चंद्राष्टकवर्ग से सटीक फलकथन

भारतीय ज्योतिष में फलकथन हेतु अष्टकवर्ग विद्या की अचूकता व सटीकता का प्रतिशत सबसे अधिक है। अष्टकवर्ग विद्या में लग्न और सात ग्रहों (सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध् गुरु, शुक्र और शनि) को गणना में सम्मिलित किया जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2009

व्यूस: 9537

सर्वतोभद्रचक्र से व्यापार की तेजी-मंदी का आकलन

विश्व के सभी देशों की अर्थव्यवस्था पर पदार्थों और वस्तुओं की तेजी-मंदी का विशेष असर पड़ता है। प्राचीन समय के वस्तु-विनिमय के सीमित दायरे ने अब बड़े-बड़े शेयर बाजारों का रूप ले लिया है। आजकल वस्तुओं से सम्बंधित कम्पनियों के शेयरों ... और पढ़ें

ज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2016

व्यूस: 13100

कुंडली में पितृ दोष: कारण व निवारण

वैदिक परंपरा के अनुसार प्रत्येक मनुष्य तीन प्रकार के ऋण से ग्रस्त होता है, पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि ऋण और तीसरा है पितृ ऋण। महर्षि मनु और महर्षि याज्ञवल्क्य ने कहा है कि प्रत्येक मनुष्य को इन तीनों ऋणों से मुक्ति का प्रयास मोक्ष प... और पढ़ें

ज्योतिषविविधभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2015

व्यूस: 9601

सुख लक्ष्मी तथा राज योग

मनुष्य के जीवनकाल में इस सुख के लिए अनेकानेक रीतियाँ देखने में आती हैं कोई मनुष्य राजा सम्मत बन सम्मान, ऐश्वर्य प्राप्त करता है, कितने ही लोग व्यापार आदि में प्रवीण होकर कई देशों का वाणिज्य सूत्र अपने हाथ में लेकर अगाध ध् ान प्राप... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरमेदनीय ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2014

व्यूस: 9407

कारकांश लग्न और आप

कारकांश लग्न और आप

किशोर घिल्डियाल

कारकांश लग्न के आधार पर व्यक्ति विशेष के बारे में फलादेश आज के युग में समयानुसार परिवर्तन के साथ समझे जा सकते हैं। (1) कारकांश लग्न में सूर्य व राहु की युति हो व शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो व्यक्ति विषवैद्य अर्थात चिकित्सक होता है। (... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2012

व्यूस: 10891

भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की कुण्डलियां

जन्मपत्री भविष्य बताने के लिए बेहतर उपकरण होता है। ज्योतिर्विदों के अनुसार श्रेष्ठ कुंडली के कुछ विशेष लक्षण होते हैं जो जातक को जीवन में ऊँचा उठाने में सहायक होते हैं। शुभाशुभ ग्रह योगों व दशा क्रम पर ग्रहों के गोचरीय प्रभाव का... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2014

व्यूस: 10484

काल सर्प योग की अशुभता को बढ़ा देता है ग्रहण योग

शास्त्रों के अनुसार ग्रहण नामक ज्योतिषीय योग अनेक प्रकार से बनता है। इस योग का विस्तृत फल भी प्राप्त होता है क्योंकि यह योग कालसर्प योग की अशुभता को बढ़ा देता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

मई 2011

व्यूस: 10437

मंगल-मंगल भी, अमंगल भी

मंगल-मंगल भी, अमंगल भी

शिव प्रसाद गुप्ता

मंगलकारी ग्रह 'मंगल' को जन्मकुंडली के प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम एवं द्वादश भावों में होने पर अमंगली होने का दोष लग जाता है। भारतीय ज्योतिष में मांगलिक दोष सर्वाधिक चर्चा का विषय है। क्योंकि यह दोष जातक के विवाह में विलंब, तलाक य... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2011

व्यूस: 10144

पारिवारिक कलह: कारण एवं निवारण

ज्येतिष में सप्तम भाव अपने साथी का भाव माना गया है- वह जीवन साथी हो या व्यापार मंे साझेदार। सप्तम भावेश लग्नेश का सर्वदा शत्रु होता है। जैसे मेष, लग्न के लिए लग्नेश हुआ मंगल एवं सप्तमेश हुआ शुक्र और दोनों में आपस में शत्रुता है... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2006

व्यूस: 4796

पितृ ऋण, मातृ ऋण आदि की व्याख्या एवं फलादेश

पितृ ऋण अर्थात् पितरों (पूर्वजों) का ऋण। पिता का ऋण (कर्ज) बाद में पुत्र ही चुकाता है, यही परंपरा है। श्रवण के माता-पिता ने दशरथ को शाप दिया, ‘‘जैसे हम पुत्र वियोग में मर रहे हैं वैसे ही आप भी पुत्र वियोग में मरेंगे।’’ महाराज दश... और पढ़ें

ज्योतिषलाल किताबभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2015

व्यूस: 11683

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business

लोकप्रिय विषय

करियर बाल-बच्चे चाइनीज ज्योतिष दशा वर्ग कुंडलियाँ दिवाली डऊसिंग सपने शिक्षा वशीकरण शत्रु यश पर्व/व्रत फेंगशुई एवं वास्तु टैरो रत्न सुख गृह वास्तु प्रश्न कुंडली कुंडली व्याख्या कुंडली मिलान घर जैमिनी ज्योतिष कृष्णामूर्ति ज्योतिष लाल किताब भूमि चयन कानूनी समस्याएं प्रेम सम्बन्ध मंत्र विवाह आकाशीय गणित चिकित्सा ज्योतिष Medicine विविध ग्रह पर्वत व रेखाएं मुहूर्त मेदनीय ज्योतिष नक्षत्र नवरात्रि व्यवसायिक सुधार शकुन पंच पक्षी पंचांग मुखाकृति विज्ञान ग्रह प्राणिक हीलिंग भविष्यवाणी तकनीक हस्तरेखा सिद्धान्त व्यवसाय पूजा राहु आराधना रमल शास्त्र रेकी रूद्राक्ष श्राद्ध हस्ताक्षर विश्लेषण सॉफ्टवेयर सफलता मन्दिर एवं तीर्थ स्थल टोटके गोचर यात्रा वास्तु परामर्श वास्तु दोष निवारण वास्तु पुरुष एवं दिशाएं वास्तु के सुझाव स्वर सुधार/हकलाना संपत्ति यंत्र राशि
और टैग (+)