जीव का परम उद्देश्य है जीवत्व से
मुक्त होकर शिवत्व में प्रवेश करना।
यह तभी संभव है जब जीव वस्तु
स्थिति का ज्ञान का लेता है, वह
अपनी आत्म स्थिति का अनुसंधान
करते हुए उसमें अवस्थित हो जाता
है। स्वरूप स्थिति में स्थायित्व प्राप... और पढ़ें
विविधअन्य पराविद्याएं