मैं मनी मंत्रा कोर्स लगभग 15 वर्षों से करा रही हूं और लोगों में अभी भी इस कोर्स को लेकर कौतुहल और उत्सुकता बनी हुई है। यह मनी मंत्रा क्या है? कैसे काम करता है? इन प्रश्नों के उŸार देने के लिए इस किताब को माध्यम बनाया मैंने इस लेख द्वारा। मंत्र अर्थात मनन करना यानी मन जिस पर मनन करता है। विचारों, भावनाओं इत्यादि से हमारा मन बनता है और मन ही हमारी इच्छाओं को जागृत करता और उनकी पूर्ति करवाता है।
तभी तो हम मनुष्य कहलाते हंै। मन का तात्पर्य समझें जरा। मैं यह एक कहानी के माध्यम से समझाना चाहती हूं। हमारा अचेतन मन कल्पवृक्ष है। जो कुछ भी अचेतन मन चाहेगा वह मिलेगा। कई बार लोग ऊपर से पैसा कमाना चाहते हैं, पर डरते हैं अचेतन में। अचेतन में भावना छुपी रहती है, डर की, जिम्मेदारी की। यह डर आपके पैसा चाहने की ऊपर वाली भावना पर हावी हो जाता है।
आपको परिणाम के रूप में मिलती है केवल पैसे की चाहत, पैसा नहीं। हम अपने अचेतन पर काम करें तो धन की प्राप्ति हो सकती है। मेरे एकं क्लायन्ट ने मनी मंत्रा कोर्स किया। ये महाशय एक प्रोपर्टी डीलर हैं। अशोक विहार में पार्टनरशिप में एक अपनी शाॅप थी। वे चाहते थे कि अपना हिस्सा बेचूं या दूसरे का खरीदूं। उनके मन में यह पशोपेश 2-3 साल से चल रही थी।
कभी मन कुछ और कभी कुछ और कहता, बड़ी गड़बड़ थी, बातचीत हो रही थी। पर सौदा नहीं हो पा रहा था। वे आए मनी मंत्रा करने, उनके पास आधी प्रोपर्टी खरीदने के पैसे नहीं थे। इसीलिए मन डांवाडोल हो रहा था। पर कोशिश थी। हमने मनी मंत्र कोर्स के द्वारा अचेतन मन पर काम किया। मैनें उन्हें मंत्र की आॅडियो सीडी और लिखने को मंत्र दे दिए। बड़ी शिद्धत के साथ उन्होंने हमारी सीडी को सुना।
रात को मनी एफर्मेशन लिखी जैसा कि मैंने उन्हें बताया था हफ्ते भर ऐसा करने के बाद उन्होंने बताया कि उनमें एक कानफिडेंस आ गया है। अब उन्होंने अपने भाई से बात की। उनका भाई बिना ब्याज के पैसा देने के लिए मान गया। पार्टनर ने 10 लाख रुपये कम में प्रोपर्टी देने की रजामंदी दे दी। यह सब एक मिरेकल की तरह हो गया। पर यह उनके अचेतन मन की जागृति का कमाल था। इसमें मैंने केवल एक फेसिलिटेटर का धर्म निभाया। उन्होंने मुझे हफ्ते भर बाद बोला ‘‘संगीता, अपने मनी मंत्रा की फीस बढ़ा दो’’ उसके ये शब्द आज भी मेरे कान में गूंज रहे हैं। ऐसे अनोखे किस्से जो बिल्कुल सत्य हैं, और भी हैं। अगली किस्त में आपसे शेयर करूंगी।