फ्यूचर समाचार के अगस्त अंक के साथ पाठकों के लिए नजर दोष निवारण शनि कवच दिया जा रहा है। नजर दोष निवारण हेतु लाभकारी होता है। जो जातक नजर दोष, साढेसाती या शनि की ढैय्या से परेशान हों तो वे पूजा करके गले में धारण कर सकते हैं। आज की विकट परिस्थति में भी जातक अपने ग्रह के अनुकूल उपाय कर लें तो उसको परेशानी से बचाया जा सकता है।
आज के समय में पग-पग पर शनि देव का प्रभाव देखा जा रहा है इस कलयुग में शनि देव का विशेष महत्व है। शनि की दृष्टि एवं रूष्टता दोनों ही मानव जाति को प्रभावित करती है। ज्योतिष में शनि का विशेष महत्व है। शनि देव की पूजा या साधना से काफी लाभ प्राप्त होता है। शनिदेव की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से शांति एवं संपन्नता की वृद्धि होती है।
इसलिए सूर्य पुत्र शनि देव का नजर दोष शनि कवच धारण करके जीवन को सफल बनायें। अधिकांशतः यह देखने को मिलता है कि नजर दोष से हमारा कार्य या घर में परेशानी उत्पन्न हो रही है। कुछ व्यक्ति स्वार्थ पूर्ति के लिए अपने लिए टोना टोटका करते रहते हैं। ऐसी स्थिति में नजर से बचने के लिए शारीरिक सुरक्षा पाने के लिए शनिवार या मंगलवार की सुबह नजर दोष कवच धारण करना चाहिए।
धारण कैसे करें: सर्व प्रथम स्नान आदि करके गंगाजल से धोकर पूर्व की दिशा में बैठे और धूप दीप जलाकर शनि रक्षा कवच को सीधे हाथ में रख लें और पंचामृत से छिड़काव कर के एक माला शनि मंत्र का जप करें या हनुमान चालिसा पढ़ें। शनि रक्षा कवच से लाभ: नज़र दोष शनि रक्षा कवच को श्रद्धापूर्वक धारण करने से शनि देव जातक के जीवन में यश प्रदान करते हैं और काफी उन्नति होती है। इसे प्रयोग करने से भूत-प्रेत बाधा, नजर व टोटके की पूर्णतः शांति होती है। मंत्र: ¬ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः