मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो कुछ सामाजिक बंधनों और रिश्तों की सुनहरी डोर से बंधा हुआ है। कोई भी व्यक्ति अपना संपूर्ण जीवन शिक्षा ग्रहण करने में, व्यवसाय, घर परिवार एवं बच्चों के पालन-पोषण इत्यादि में ही व्यतीत कर देता है। इन सब... और पढ़ें
अन्य पराविद्याएंउपायवास्तु