दीपावली वर्क प्लानर और सावधानियां बृजमोहन पंत घर के पूजा गृह में दीपावली के दिन ‘श्री यंत्र’ की स्थापना करें। महालक्ष्मी को कमलगट्टे की असली माला पहनायें। ‘ऊँ श्रीं ह्यीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं हीं श्रीं ऊं महालक्ष्मयै नमः’ का जप करें। जप रुद्राक्ष, स्फटिक, लाल चंदन या कमल गट्टे की माला से करें।
दीपावली के दिन शास्त्रोक्त विधि से मां लक्ष्मी की पूजा करें। ‘श्री सूक्त’ का यथेष्ट पाठ, धन प्राप्ति के लिये अचूक उपाय माना जाता है। लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप करें। मंत्र इस प्रकार है - ऊँ महादेव्यै च विद्महे विष्णु पत्नयै च धीमहि तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्। दीपावली के दिन श्री यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, गणेश यंत्र के पूजन से जीवन में धन व समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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सभी यंत्रों को गंगाजल या नदी के शुद्ध जल से स्नान करा कर शुद्ध कर लेना चाहिये। इन्हें धूप-बत्ती दिखाकर श्री गणेश, श्री सूक्त व श्री महालक्ष्मी मंत्र का जप व पाठ करना चाहिये। नित्य गणेश व महालक्ष्मी मंत्र का जप करें। एकमुखी रुद्राक्ष समस्त कामनाओं को पूर्ण करता है। 6-7 मुखी रुद्राक्ष समस्त कामनाओं व धन समृद्धि के लिये उत्तम है।
इन रुद्राक्ष मालाओं से महालक्ष्मी मंत्र का जप करें। दीपावली से पूर्व घर की भली भांति साफ-सफाई करें। वर्ष भर का कूड़ा कर्कट बाहर कर दें। हरे -भरे पेड़- पौधों व पुष्पों से घर के वातावरण को सुगंधित व पेड़-पौधों व पुष्पों से घर के वातावरण को सुगंधित व मनभावक बनायें। घर के ड्राइंग रूम, बैड रूम व पूजा ग्रह को मनमोहक ढंग से सजायें।
लक्ष्मी पद् चिह्नों का बाहरी दरवाजे से घर के फर्श पर पेंट करें। पूजागृह तक पदचिह्न ले जायें। कर्णप्रिय भजन, गीतों से वायुमंडल में पवित्र व मनभावक तरंगे उत्पन्न करायें। घर, आंगन में देवी-देवताओं की मूर्ति न लगायें। यदि लगी हों तो इन्हें पवित्र जल में विसर्जित कर दें। केवल घर के भीतर रहें। दीपावली दीपों का उत्सव है।
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इस दिवस विद्युत मालाओं, दीपकों व मोमबत्तियां से दीपावली को जगमग बनायें। इस दिन कलह, अशांति व वाद-विवादों से दूर रहें। दीपावली के दिन लक्ष्मी-पूजन व घर के मनमोहक वातावरण से लक्ष्मी प्रसन्न होगी और धन, समृद्धि, प्रसन्नता व सफलता प्रदान करेंगी।
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