ज्योतिष (पृष्ठ-90)
सिंहस्थ गुरु एवं कुम्भ स्नान

कुंभ और मेष राशि में सूर्य होने पर हरिद्वार में, मेष राशि में गुरु और मकर राशि में सूर्य होने पर प्रयाग तथा सिंह राशि में गुरु और मेष राशि में सूर्य होने पर उज्जैन में कुंभ पर्व होता है। सिंह राशि में गुरु और सिंह राशि में ही सूर्... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवअध्यात्म, धर्म आदिपर्व/व्रतमन्दिर एवं तीर्थ स्थलगोचर

आगस्त 2015

व्यूस: 5870

हिमालय की संतानोत्पादक जड़ी बूटियां

प्राचीन भारतीय ऋषि-महर्षियों को जड़ी-बूटियों का पूर्ण ज्ञान था। यह दुर्लभ विद्या समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरी के साथ पैदा हुई। ये वनस्पतियां रोग मुक्ति तो करती हैं ही, इनका विधि-विधान से प्रयोग करें तो तांत्रिक लाभ भी चमत्कारी ... और पढ़ें

ज्योतिषउपायबाल-बच्चेभविष्यवाणी तकनीक

सितम्बर 2014

व्यूस: 26729

प्रतिस्पर्धात्त्मक परीक्षा में सफलता कैसे ?

मानव के समस्त कार्य और व्यवसाय को संचालित करने में नेत्रों की भूमिका जिस प्रकार अग्रगण्य मानी गई है ठीक उसी प्रकार ज्ञान, विज्ञान विद्या के क्षेत्र में ज्योतिष विज्ञान दृष्टि का कार्य करता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 26719

रत्न

रत्न

आभा बंसल

हर मनुष्य की जन्मपत्री में कोई न कोई ग्रह कमजोर और कुछ ग्रह बली होते हैं और इनके अनुसार ही जातक के भाग्य में परिवर्तन आता रहता है।... और पढ़ें

ज्योतिष

जून 2004

व्यूस: 1082

पंचांग इतिहास - विकास - गणना विधि

इस अनुपम विशेषांक में पंचांग के इतिहास विकास गणना विधि, पंचांगों की भिन्नता, तिथि गणित, पंचांग सुधार की आवश्यकता, मुख्य पंचांगों की सूची व पंचांग परिचय आदि अत्यंत उपयोगी विषयों की विस्तृत चर्चा की गई है। पावन स्थल नामक स्तंभ के अं... और पढ़ें

ज्योतिषखगोल-विज्ञानआकाशीय गणितपंचांग

अप्रैल 2010

व्यूस: 27443

पंचांग देखे बिना तिथि बताना

क्या पंचांग या कैलेण्डर देखे बिना हिंदी महीना, पक्ष (पखवाड़ा) और तिथि बताई्र जा सकती है? इस प्रकार का उत्तर हां में दें तो यह एक प्रकार का चमत्कार ही माना जाएगा। किंतु वास्तव में यह कोई चमत्कार नहीं बल्कि एक पूर्णतया शास्त्र... और पढ़ें

ज्योतिषपंचांगभविष्यवाणी तकनीक

आगस्त 2015

व्यूस: 25369

अष्टम भाव का राजयोग

अष्टम भाव का राजयोग

आचार्य किशोर

वर्तमान समय में हमारे भारत के प्रधानमंत्री के लग्न से अष्टम भाव में चंद्र, शुक्र व मंगल का होना यह सूचित करता है कि अष्टम भाव में स्थित ग्रहों का शुभ फल भी मिलता है। प्रधानमंत्री बनने से पहले मनमोहन सिंह जी रिजर्व बैंक में गर्वनर ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगघरभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2007

व्यूस: 31371

सटीक जन्म समय का निर्धारण

सटीक जन्म समय का निर्धारण

बी. पी. विश्वकर्मा

भारतीय ज्योतिष में जन्मकुंडली निर्माण में सही समय का होना परम आवश्यक है। परंतु यह विषय हमेशा से ही विवादित रहा है। शिशु जन्म के विभिन्न चरणों में से योनि द्वार का मुख खुलने से लेकर शिशु की नाल काटे जाने तक कौन से चरण को जन्म समय क... और पढ़ें

ज्योतिषआकाशीय गणित

जुलाई 2011

व्यूस: 33110

कुंडली में बहु विवाह एवं द्विभार्या योग

शादी के बारे में हर व्यक्ति को जानने की इच्छा होती है। आज के आधुनिक समय में किसी-किसी व्यक्ति की शादी भी नहीं हो पाती और किसी जातक की दो या तीन बार शादी हो जाती है। शादी कितनी बार होगी इसको हम कुंडली की सहायता से जान सकते हैं। ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जून 2015

व्यूस: 35610

अष्टकवर्ग से फलकथन

ज्योतिष शास्त्र में फलित करने की प्रायः तीन विधियां प्रचलन में रहती हैं - जन्म कुंडली, चन्द्र कुंडली तथा नवांश कुंडली। लग्न से शरीर का विचार होता है, चंद्रमा से मन का। जन्म पत्रिका में चंद्रमा से मन की स्थिति देखकर यह निश्चय किया ... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2013

व्यूस: 46641

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