कैसे जानें की संतान कितनी होगी?
कैसे जानें की संतान कितनी होगी?

कैसे जानें की संतान कितनी होगी?  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 21380 | मई 2006

कैसे जानें कि संतान कितनी होगी? ज्ञानेश्वर आज शिक्षित लोग कम संतान की चाहत रखते हैं क्योंकि केवल उनका पालन-पोषण ही नहीं शिक्षा-दीक्षा भी आज बहुत महंगी है। इस तरह संतान को जन्म देना एक तरह से पूरी तरह माता-पिता की इच्छा पर निर्भर हो गया है। इन परिस्थितियों में यहां प्रस्तुत है। जन्मकुंडली देखकर संतान संख्या जानने के कुछ नवीन बिंदु...

संतान सुख की बात जब भी सोचते हैं तो सर्वप्रथम मन में यही विचार आता है कि संतान कितनी होगी? पति-पत्नी यह जानना चाहते हैं कि उनके कितने बच्चे होंगे?

दैवज्ञ इस बात का उत्तर कुंडली देखकर बता सकते हंै। संतान संख्या का विचार करते समय देश काल एवं परिस्थिति का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। पूर्वकाल में अधिक संतान क े हो ने पर मां-बाप को भाग्यशाली कहा जाता था परंतु आ.जकल कम संतान होने पर भाग्यशाली कहा जाता है। प्राचीन दैवज्ञों द्वारा कथित योग आ.जकल की परिस्थितियों में नए रूप से समझने होंगे। संतान संख्या का विचार करते समय अधोलिखित दो रीतियों का प्रयोग करना चाहिए।

1. पंचमेश और भुक्त नवांश द्वारा संतान की संख्या का विचार।

2. अष्टकवर्ग से संतान संख्या का विचार। पंचमेश और भुक्त नवांश द्वारा संतान की संख्या का विचार इस रीति का प्रयोग करते समय इन सूत्रों का पालन करना चाहिए। 

3. पंचमेश कौन सा ग्रह है एवं किस नवांश में स्थित है। वह जितने नवांश भुक्त कर चुका है उतनी ही संतान होंगी। 

4. पार किए हुए नवांश में जितने पुरुष नवांश हैं उतने पुत्र एवं जितने स्त्री नवांश हैं उतनी पुत्रियां होंगी। इसमें और सत्यता लाने के लिए नवांश के स्वामियों पर भी दृष्टि रखनी चाहिए। 

5. पुरुष नवांश के स्वामी स्त्री नवांश में हों तो ऐसे जितने नवांश होंगे उतने पुत्रों की हानि होगी। इसी प्रकार स्त्री नवांश के स्वामी पुरुष नवांश में स्थित हों तो ऐसे जितने नवांश होंगे उतनी पुत्रियों की हानि होगी। 

6. यदि नवांश स्वामी बली हो और उच्च, स्व या मित्र नवांश में स्थित हो तो संतान दीर्घायु होती है और यदि नवांश का स्वामी निर्बल हो और नीच या शत्रु नवांश में स्थित हो तो संतान अल्पायु होती है। अष्टकवर्ग से संतान सुख का विचार गुर्वाष्टक वर्ग में गुरु ग्रह से पांचवंे भाव में जितनी शुभ रेखाएं हों उतनी संतान होंगी।

गुर्वाष्टक वर्ग पर विचार करते समय यह भी देखें कि गुरु से पांचवें भाव में कौन-कौन से ग्रह शुभ रेखाएं प्रदान कर रहे हंै। शुभ रेखा प्रदाता कोई ग्रह नीच राशिगत, अस्त, या शत्रुक्षेत्री है तो उसे कुल रेखा संख्या में से घटा दें। गुरु से पंचम भाव में प्राप्त कुल रेखा संख्या में से नीच, शत्रु और अस्त ग्रहों की रेखा संख्या घटा देने पर जो शेष बचे उसे संतान संख्या समझें।

इसी प्रकार उच्च और स्वक्षेत्री ग्रहों द्वारा प्रदत्त रेखा संख्या को दोगुना कर दें, वही संतान संख्या होगी। उदाहरणस्वरूप एक जातक की लग्न तथा नवांश कुंडलियों का विश्लेषण यहां प्रस्तुत है। लग्न कुंडली में पंचम भाव में स्त्री राशि मकर स्थित है एवं पंचम भाव पंचमेश शनि से दृष्ट है। पंचम भाव पर पुरुष और पुत्रकारक गुरु की दृष्टि पड़ती है। पंचमेश शनि नवांश राशि स्त्री एवं पुरुष ग्रह मंगल के नवांश में स्थित होकर स्वनवांश के पुरुष ग्रह गुरु से दृष्ट है, इसलिए पुरुष प्रभाव अधिक होने से पहला बच्चा पुत्र हुआ।

पंचमेश शनि (5/140/14’/0’’) पांचवें वर्गोत्तम नवांश में स्थित है और चार नवांश भुक्त हो चुके हैं। प्रत्येक नवांश का स्वामी चंद्र (कर्क), सूर्य (सिंह), बुध (कन्या), शुक्र (तुला) एवं वृश्चिक (मंगल) है। गत नवांश चर हैं जिनमें स्त्री नवांश राशि दो कर्क और कन्या के स्वामी ग्रह चंद्र और बुध क्रमशः पुरुष और स्त्री नवांश में स्थित हैं इसलिए एक कन्या की हानि एवं एक की प्राप्ति हुई, एवं पुरुष नवांश राशि दो सिंह और तुला के स्वामी ग्रह सूर्य और शुक्र पुरुष और स्त्री नवांश में स्थित हैं इसलिए एक पुत्र की हानि एवं एक की प्राप्ति हुई।

इस प्रकार जातक के दो बच्चे पुत्र और पुत्री हैं। दूसरी रीति के अनुसार गुर्वाष्टक वर्ग में गुरु से पांचवें भाव में छह शुभ रेखाएं हैं। ये रेखाएं प्रदान करने वाले ग्रह शनि (शत्रुक्षेत्री), मंगल (समक्षेत्री), सूर्य (अधिमित्र क्षेत्री), शुक्र (शत्रुक्षेत्री), चंद्र (शत्रुक्षेत्री) एवं लग्न (लग्नेश बुध है और गुरु वहां स्थित है) हैं। शनि, मंगल, शुक्र और चंद्र की चार रेखाएं कुल संख्या छह में से घटा दीं तो शेष दो बचीं।

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.