ज्योतिषीय योग (पृष्ठ-18)

ज्योतिषीय योग


तलाक एवं पुनर्विवाह: एक विश्लेषण

ज्योतिषशास्त्र में बृहस्पति एवं शुक्र को श्रेष्ठ शुभ फलदायक माना गया है। मानसागरी ग्रंथ के अनुसार बृहस्पति या शुक्र केंद्र या त्रिकोण में हो, तो सभी अरिष्टों का नाश हो जाता है। दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाने में भी बृहस्पति एवं शु... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2007

व्यूस: 15105

राजनीतिज्ञ बनने के ज्योतिषीय कारण

‘‘होनहार बिरवान के होत चिकने पात’’ अर्थात देश काल व परिस्थितियों से जन्म लेते हैं- जनप्रिय राजनीतिज्ञ राजनेता। यही कारण हैं राजनीतिज्ञ बनने के। प्रजातांत्रिक समाज में लोगों की आम समस्याओं एवं उनके समाधान तथा जनहित के विकास कार्यों... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रह

अप्रैल 2014

व्यूस: 16478

प्रेम व अंतर्जातीय विवाह

प्रेम व अंतर्जातीय विवाह

किशोर घिल्डियाल

भारतीय समाज में विवाह एक संस्कार के रूप में माना जाता है। जिसमें शामिल होकर स्त्री पुरुष मर्यादापूर्ण तरीके से अपनी इच्छाओं की पूर्ति कर वंशवृद्धि या अपनी संतति को जन्म देते हैं। सामान्यतः विवाह का यह संस्कार परिवारजनों की सहमति य... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 17700

सुदर्शन चक्र कुंडली एक अध्ययन

किसी भी कुंडली का फलकथन राशि, लग्न एवं ग्रह दशा को ध्यान में रखकर किया जाता है। जन्म नक्षत्र ज्योतिषीय शास्त्र में वह केंद्र बिंदु है जिसके चारों तरफ जातक की जीवन गति चलती रहती है। सटीक फलकथन करने के लिए जन्म नक्षत्र विचार करना पर... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2011

व्यूस: 33197

कैसे जानें बंधन दोष

मंगलवार को 3 किलो पालक, सूर्यास्त से पहले, ला कर घर में किसी परात आदि में रख दें। बुधवार के दिन प्रातः, पालक किसी थैले में रख कर, घर से बाहर जा कर, किसी गाय को खिला दें। यदि गाय पालक सूंघ कर छोड़ दे, या थोड़ा खा कर छोड़ दे, तो समझें ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2010

व्यूस: 40017

चिराग तले अंधेरा

सही कहा है - विधना नाच नचावे। मनुष्य लाख चेष्टा कर ले, होता वही है जो उसके ग्रह, नक्षत्र चाहते हैं। निशा और विशाल ने भी अपने लाड़ले का जीवन संवारने में कोई कसर नहीं छोड़ी, पर वे असफल रहे। परंतु सही दशा आने पर वही बच्चा जि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याहस्तरेखा सिद्धान्तगोचर

दिसम्बर 2014

व्यूस: 28230

लग्नानुसार विदेश यात्रा के प्रमुख योग

जन्मकुंडली के द्वादश भावों में से प्रमुखता, अष्टम भाव, नवम, सप्तम, बारहवां भाव विदेश यात्रा से सम्बंधित है। तृतीय भाव से भी लघु यात्राओं की जानकारी ली जाती है।... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकराशि

अप्रैल 2013

व्यूस: 24171

यश, धन और पद की स्थिति कैसे जानें

भारतीय धर्म और संस्कृति में मनुष्य के चार पुरुषार्थों - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष में से जीवन में अर्थ प्राप्त करना एक अनिवार्य पुरुषार्थ है, जिसके लिए हमारे पौराणिक ग्रंथों में अपनी योग्यता व क्षमता के अनुरूप निष्काम भाव से कर्म क... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगदशायशभविष्यवाणी तकनीकसंपत्ति

अप्रैल 2007

व्यूस: 27570

दाम्पत्य जीवन सुखी बनाने के उपाय

विवाह के बाद पति-पत्नी का दांपत्य जीवन प्रारंभ होता है जो दीर्घकाल तक चलता रहता है परंतु कभी-कभी ऐसा होता है कि कुंडली मिलान ठीक न होने या स्वभाव में भिन्नता, संतान का न होना, संतान का बिगड़ जाना, शारीरिक अक्षमता आदि के कारण दांपत्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगविवाह

मार्च 2014

व्यूस: 27306

स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला एक भयंकर रोग

महिलाओं में पाए जाने वाले सबसे खतरनाक रोग स्तन कैंसर के बारे में पूर्व जानकारी इस रोग के प्रारंभिक अवस्था में ही कैसे प्राप्त की जा सकती है और रोगी को कालग्रसित होने से आसानी से बचाया जा सकता है। आइए, जानें इस बारे में विभिन्न लग्... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगचिकित्सा ज्योतिषहस्तरेखा सिद्धान्तराशि

फ़रवरी 2011

व्यूस: 27765

विवाह के समय ध्यान रखने योग्य बातें

हिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार है। शादी को व्यक्ति का दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2013

व्यूस: 30419

संतान योग ज्योतिषीय आधार पर विवेचना

आज के अर्थ प्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति स्त्री/पुरुष धन धनवान एवं संपत्तिवान शीघ्राशीघ्र होना चाहता है। इस चाहत में विवाह विलंब से हो रहे हैं, तथा व्यक्ति का रूझान भी परिवार बढ़ाने का विवाह के उपरांत शीघ्र संतान नहीं चाहता अतः स... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2009

व्यूस: 16174

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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