जीवन रेखा के माध्यम से जातक का स्वास्थ्य, ह्रदय की कार्यप्रणाली, विशेष शुभाशुभ फलों, कुल परंपराओं आदि का विचार किया जाता है। प्राच्य हस्तरेखा विद्वान इसे पितृ रेखा, मित्र रेखा, गोत्र रेखा आदि नामों से भी संबोधित करते है। पाश्चात्य... और पढ़ें
हस्तरेखा शास्र