विवाहेतर संबंध: कुछ रोचक ज्योतिषीय योग सी. एल. अस्थानाविवाहेतर या एकाधिक संबंधों के कतिपय ज्योतिषीय योग Û यदि शुक्र व बुध की युति दशम, सप्तम या लग्न भाव में हो। Û यदि मंगल और शुक्र की युति दशम, सप्तम या लग्न भाव में हो। Û चतुर्थ, दशम भाव में मंगल व शुक्र स्थित हो तथा तुला, मेष, वृ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2007व्यूस: 21453
सुख-समृद्धि हेतु शाबर मंत्र प्रयोग ब्रजकिशोर शर्मा ‘ब्रजवासी’वर्तमान में ज्यादातर मनुष्य रोजगार से चिंतित रहते हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर भी कार्य नहीं मिल पाता। क्या करें? क्या न करें? यही विचार मस्तिष्क में चलता रहता है। लोग व्यापार करते हैं, लाभ प्राप्त नहीं हो पाता, हो... और पढ़ेंज्योतिषउपायअध्यात्म, धर्म आदिमंत्रसितम्बर 2014व्यूस: 23880
पहला सुख निरोगी काया अरुण कुमारपहला सुख निरोगी काया अर्थात् अच्छा स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा सुख है। यदि व्यक्ति स्वस्थ नहीं है तो अन्य सुख किस काम के। ज्योतिष में स्वास्थ्य का विचार मुख्यतः लग्न, लग्नेश, षष्ठभाव, षष्ठेश, अष्टम भाव, अष्टमेश एवं अष्टम भाव में स... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायज्योतिषीय योगचिकित्सा ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2008व्यूस: 19937
टाइगर आइ (बाघमणि) फ्यूचर पाॅइन्टचर समाचार के इस अंक के साथ उपरत्न टाइगर आइ दिया जा रहा है। यह उपरत्न अत्यधिक लोकप्रिय है। इसे बाघमणि, व्याघ्राक्ष, चित्ती, चीता, टाइगर, टाइगर-आइ, दरियाई-लहसुनिया आदि अनेक नामों से जाना जाता है।... और पढ़ेंज्योतिषरत्नभविष्यवाणी तकनीकफ़रवरी 2006व्यूस: 21038
शिव भक्त राहु अंजली गिरधरज्योतिष में राहु सर्प के प्रतीक हैं। वस्तुतः राहु में देवत्व के सभी गुण मौजूद हैं। ज्योतिष में राहु को तामसिक कहा गया है। राहु-केतु छाया ग्रह हैं। पाश्चात्य ज्योतिषियों के अनुसार राहु उत्तरी बिंदु पर और केतु दक्षिणी बिंदु को... और पढ़ेंज्योतिषग्रहजुलाई 2014व्यूस: 25751
हस्तरेखा और आयुर्विज्ञान डॉ. अरुण बंसलविभिन्न रेखाओं को भी हस्तरेखा शास्त्र में उनके फल के आधार पर विभिन्न मान्यताएं दी गई है. ह्रदय रेखा मनुष्य की मानसिकता को एवं मस्तिष्क रेखा व्यक्ति में सोचने समझने व निर्णय करने की क्षमता को दर्शाती है. जीवन रेखा व्यक्ति के स्वास्... और पढ़ेंहस्तरेखा शास्रग्रह पर्वत व रेखाएंजुलाई 2009व्यूस: 11931
हस्तरेखा ज्ञान : इतिहास एवं प्रामाणिकता डॉ. अरुण बंसलव्यक्ति की आयु, कर्म, धन, विद्या और मृत्यु का निर्धारण गर्भ में ही हो जाता है। कर्मवादियों एवं ज्योतिषियों का विवाद युगों-युगों से चला आ रहा है। कर्मवादी अपने पक्ष की प्रबल पुष्टि हेतु प्राय: गीता के इस श्लोक की दुहाई देते है। अर्... और पढ़ेंज्योतिषजून 2005व्यूस: 3706
क्या आप बाधक दोष से ग्रस्त हैं ? संजय बुद्धिराजाजन्म कुंडली में विद्यमान विभिन्न दोषों जैसे कि केंद्र दोष, मारक दोष, पापकर्तरी दोष आदि के बारे में भारतीय ज्योतिष ग्रंथ विस्तार से वर्णन करते हैं। इन दोषों के अध्ययन का तो भारतीय ज्योतिषियों में प्रचलन है परंतु ”बाधक दोष“ के अध्यय... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2013व्यूस: 22925
काला जादू ज्योतिष की नजर में अंजना अग्रवालकाला जादू जिसे अभिचार (Abhichara) के नाम से भी जाना जाता है, जोकि विष्व के विभिन्न स्थानों में कई रूपों में प्रचलित है, इसके द्वारा नकारात्मक शक्तियों को जागृत किया जाता है। काला जादू का मुख्य ध्येय शत्रु को उस स्थान ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाभविष्यवाणी तकनीकजून 2014व्यूस: 24221
कालसर्प एवं लाल किताब उपाय किशोर घिल्डियाललाल किताब के अनुसार राहु केतु जिस राशि में हे, उस राशि के स्वामी ग्रह के उपाय करने चाहिए। प्रस्तुत लेख में विभिन्न काल सर्प योगों के उपायों की विधि एवं दान पूजा का वर्णन है।... और पढ़ेंज्योतिषउपायलाल किताबभविष्यवाणी तकनीकमई 2011व्यूस: 23353
कृष्णमूर्ति पद्धति ईश्वर लाल खत्रीप्रश्न: कृष्णमूर्ति पद्धति का प्रयोग कुुंडली का फलादेश करने हेतु किस प्रकार किया जाता है, उदाहरण सहित विस्तारपूर्वक समझाएं। क्या यह पराशर पद्धति से अधिक सटीक है? यदि हां तो कैस... और पढ़ेंज्योतिषकृष्णामूर्ति ज्योतिषआगस्त 2014व्यूस: 27236
तबादला: एक ज्योतिषीय विश्लेषण मनोज कुमारनौकरी में तबादला एक नियमित प्रक्रिया है। कुछ वर्ष एक ही स्थान पर कार्यरत रहने के उपरांत नियोजित व्यक्ति का स्थानांतरण होना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। कई बार यह तबादला अथवा स्थानांतरण अपनी ईच्छा के अनुरूप होता है तो कई बार लोगों को... और पढ़ेंज्योतिषदशावर्ग कुंडलियाँगोचरजून 2013व्यूस: 27587