कुष्ठ रोग अविनाश सिंहकुष्ठ रोग त्वचा से प्रारंभ होता है। जब त्वचा की सभी मुख्य परतें दूषित और बाहरी जीवाणुओं की रोकथाम करने में असमर्थ हो जाती है तो कुष्ठ रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। प्रस्तुत है कुष्ठ रोग के ज्योतिषीय योग... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायराशिजनवरी 2010व्यूस: 18429
राहु के राशि परिवर्तन का विभिन्न राशियों में प्रभाव एवं उपाय मनोज कुमार शुक्लाराहु १४ जनवरी २०१३ को सायंकाल ७:१८ बजे तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं। दृष्टव्य है की शनि पहले से ही तुला राशि में गोचर कर रहे हैं। इस प्रकार राहु व् शनि की युति विषयोग का निर्माण कर रही हैं।... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकगोचरराशिफ़रवरी 2013व्यूस: 18526
लग्नानुसार रत्न निर्धारण वात्सल्य शर्मारत्नों का ज्योतिष में महत्व अत्यंत प्राचीन है। ग्रहों को अनुकूल बनाने हेतु रत्न धारण किये जाते हैं। ग्रहों के अनुसार रत्न इस प्रकार हैं: ग्रह रत्न सूर्य माणिक्य चंद्र मोती मंगल मंूगा बुध पन्ना गुरु पुखराज शुक्र हीरा शनि... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नराशिमई 2014व्यूस: 21690
आप और घर की साज सज्जा तन्वी बंसलकिसी भी गृह की साज-सज्जा, साफ-सफाई और सुंदरता का श्रेय प्रायः घर की गृहिणी को ही जाता है। यह माना जाता है कि इससे स्त्री के गुणों और शौक का पता चलता है। किसी को ब्राइट (चमकीला) कलर का इन्टीरियर पसंद आता है तो कोई साॅफ्ट कलर्स का प... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकराशिदिसम्बर 2015व्यूस: 8638
पेप्टिक अल्सर अविनाश सिंहअम्ल, जो अग्निकारक है, उसका नेतृत्व मंगल एवं सूर्य करता है। इसलिए पंचम भाव, सिंह राशि, सूर्य और मंगल के दुष्प्रभावों के कारण पेप्टिक अल्सर होता है। विभिन्न लग्नों के लिए पेप्टिक अल्सर का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायविविधराशिआगस्त 2010व्यूस: 15460
श्वेत प्रदर अविनाश सिंहश्वेत प्रदर स्त्रियों की एक आम समस्या है। प्रस्तुत है इस रोग के कारण, लक्षण व उपचार और विभिन्न लग्नों में इस रोग का ज्योतिषीय दृष्टिकोण।... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायविविधराशिजून 2010व्यूस: 13932
नकसीर नाक का रक्तस्राव अविनाश सिंहनाक से खून बहने की अवस्था को नकसीर कहते हैं। कई बार ग्रीष्म ऋतु में यह बच्चों बड़ों को समान रूप से प्रभावित करती है। नकसीर के ज्योतिषीय कारण व उपचार पिढ़ए इस लेख में ...... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकराशिजनवरी 2011व्यूस: 16693
पित्ताशय की पथरी अविनाश सिंहपित्ताशय की पथरी होने के कई कारण है। लेकिन मुख्य कारण आहार है। असंयमित भोजन से पाचन क्रिया मंद हो जाती है जिसके फलस्वरूप दूषित द्रव्य संचित होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं। आइए इस रोग के ज्योतिषीय कारणों का भी पता लगाएं ......... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यउपायविविधराशिफ़रवरी 2010व्यूस: 22716
आप और आपका नववर्ष 2016 तन्वी बंसलसबसे पहले आप सभी को नव वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हर नया वर्ष जीवन में नयी उमंग और उम्मीदें लेकर आता है कुछ नई महत्वाकांक्षाएं तो कुछ अधूरे सपने को पूरा करने का नया मौका। प्रायः सभी लोग नववर्ष के अवसर पर खुशियां मनाते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकराशिजनवरी 2016व्यूस: 8101
लग्नानुसार कालसर्प योग राजेंद्र शर्मा ‘राजेश्वर’मेषादि द्वादश राशियों के लग्न में निर्मित होने वाले कालसर्प योगों का विभिन्न रूपों में अलग अलग प्रभाव होता हैं। मेष तथा वृश्चिक लग्न-मंगल की राशि मेष-वृश्चिक लग्न में जन्मकुंडली में कालसर्प निर्मित हो तो मंगल और राहु दोनों से पीड़... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकराशिमार्च 2013व्यूस: 10092
विद्या बाधामुक्ति का एक आसान उपाय - रत्न धारण लक्ष्मीनारायण शर्माआचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति की आयु, उसका कर्म, धन, विद्या एवं मृत्यु ये पांच बातें विधाता व्यक्ति को मां के गर्भ में भेजते ही निश्चित कर देते हैं।... और पढ़ेंउपायशिक्षारत्नमंत्रराशिफ़रवरी 2010व्यूस: 3325
विभिन्न लग्नों के लिए रत्न / रूद्राक्ष चयन डॉ. अरुण बंसलप्रत्येक लग्न के लिए एक ग्रह ऐसा होता है जो योगकारक होने के कारण शुभ फलदाई होता है। यदि ऐसा ग्रह कुण्डली में बलवान अर्थात् उच्चराषिस्थ, स्वराषि का या वर्गोत्तमी होकर केन्द्र या त्रिकोण भाव में शुभ ग्रह के प्रभाव में स्थित हो व इस ... और पढ़ेंज्योतिषउपायरत्नरूद्राक्षराशिमई 2014व्यूस: 21976