भागवतम के अनुसार भोग-विलास
का फल इन्द्रियों को तृप्त करना नहीं
है, उसका प्रयोजन है केवल जीवन
निर्वाह। जीवन का फल भी तत्त्व
जिज्ञासा है, बहुत कर्म करके स्वर्गादि
प्राप्त करना उसका फल नहीं है।
शास्त्रीय ज्ञान के विपरीत, वर्तमा... और पढ़ें
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