कुछ उपयोगी टोटके छोटे-छोटे उपाय हर घर में लोग जानते हैं, पर उनकी विधिवत् जानकारी के अभाव में वे उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं। इस लोकप्रिय स्तंभ में उपयोगी टोटकों की विधिवत् जानकारी दी जा रही है। मोर का पंख घर में रखने से सर्वत्र सुख एवं सम्मान की प्राप्ति होती है। गधे के दाएं पैर के नाखून को गरम करके छल्ला बनाकर हाथ में पहनने से मिरगी का दौरा समाप्त हो जाता है। लोहे की अंगूठी बनवाकर उसे कृत्तिका नक्षत्र में पहनने से प्रेत बाधा समाप्त हो जाती है। पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी की जड़ को चांदी की डिब्बी में भरकर उसे घर की तिजोरी में रख देने से धन की कभी कमी नहीं रहती है।
फिटकरी का टुकड़ा काले कपड़े में बांधकर गले में पहना देने से बच्चा सो जाता है। साबुत सुपारी को लाल चंदन में सात दिन तक डुबोकर रखने से उसे निकाल कर सुखाकर थोड़ा-थोड़ा काट कर चूसने से हकलाना दूर हो जाता है। हनुमान जी के सिर पर लगा सिंदूर, एक लाल मिर्च, एक लोहे की कील, थोड़े से काले उड़द के दाने इन सब को सफेद वस्त्र में बांधकर कपड़े पर काला धागा लपेट दें और उसे पालने के ऊपर बांध दें। बालक को भूत, पिशाच तथा सभी आसुरी शक्तियों से छुटकारा मिल जाएगा।
सर्व ग्रह अनिष्टकारक टोटका आक, धतूरा, अपामार्ग (चिरचिटा) दूध बरगद का, पीपल की जड़, शमी (शीशम) आम व गूलर के पत्ते एक मिट्टी के नये कलश में भरकर उसमें गाय का दूध, घी, मट्ठा व गोमूत्र डालें। चावल, चना, मूंग, गेहूं, काले व सफेद व तिल, सफेद पीली सरसों, उसमें शहद डालकर उस मिट्टी के कलश को मिट्टी के ही ढक्कन से ढक कर शनिवार को संध्या काल में पीपल की जड़ के पास गड्ढा खोदकर जमीन से एक फुट नीचे गाड़ दें। या तो उसी पीपल वृक्ष के नीचे किसी मंदिर में बैठकर गाय के घी का दीपक जलाकर अगरबत्ती जलाकर इस मंत्र से 'क्क नमो भास्कराय ;अमुकंद्ध सर्व गृहाणां पीड़ा नाशनम् कुरू कुरू स्वाहा।' 108 बार जप करें। अमुक के स्थान पर ग्रह पीड़ित का नाम लें। सावधानी : यह तंत्र, मंत्र सर्व ग्रहों की अनिष्टता का नाशक है। अतः किसी भी ग्रह की खराब दशा में शनिवार के दिन ही संध्याकाल में किया जाय एवं ग्रह पीड़ित व्यक्ति यह क्रिया अपने घर में ही करें। मिट्टी का कलश नया हो। सभी वस्तुएं कलश में डाली जाय। जिस व्यक्ति पर ग्रह दशा चल रही है
वही मौंन धारण कर कलश में इन सब वस्तुओं को डाले। ढक्कन ढकने के पश्चात फिर कभी न खोले, वही कलश दुकान पर लगायें। पूर्ण क्रिया तक मौन रहें। वृक्ष की जड़ों को इकट्ठा करते समय जड़े हाथ से ही तोड़ें या किसी अन्य व्यक्ति से तुड़वा कर मंगवायें। इस क्रिया से समस्त ग्रहों का उपद्रव नष्ट हो जायेगा व महादरिद्रता का नाश हो जाएगा। रोग, कष्ट, उपद्रव सभी असफलताएं नष्ट होंगी। और जब तक जीवित रहेगा, तब तक ग्रहादिक पीड़ा का भय नहीं रहेगा। यह क्रिया सात्विक है इसको करने में किसी तरह का भय नहीं रहता है।