वास्तु के सुझाव (पृष्ठ-13)

वास्तु के सुझाव


उत्तर पूर्व में सीढ़ियां बनाना वंश वृद्धि में रुकावट आना

कुछ माह पूर्व पंडित जी दिल्ली के एक प्रसिद्ध आभूषण विक्रेता के घर का वास्तु परीक्षण करने गए। उनसे मिलने पर उन्होंने बताया कि जबसे उन्होंने अपने घर के साथ वाले घर को खरीदकर उसे पहले वाले घर के साथ जोड़कर एक बड़ा घर बनाया है तबसे ही उ... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

अकतूबर 2010

व्यूस: 4795

भूखंड का अनियमित आकार, दुखों का भंडार

पिछले माह पंडित जी देहरादून के एक प्रसिद्ध व्यवसायी के यहाॅं वास्तु परीक्षण करने गए। उनसे मिलने पर उन्होंने बताया कि जब से वह नये घर में आए हैं तभी से जीवन में एक के बाद एक परेशानी बढ़ती जा रही है।... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

अकतूबर 2012

व्यूस: 4771

भवन में जलीय व्यवस्था

भवन में जलीय व्यवस्था

रश्मि चतुर्वेदी

येक ग्रह या भवन में जल भंडारण का साधन अत्यंत आवश्यक होता है। जीवन यापन के लिए ही नहीं अपितु भवन निर्माण के लिए भी जल की आवश्यकता होती है। इसलिए निर्माण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व जल के भंडारण के लिए कुआं, बोरिंग (नलकूप) खुदवा लेन... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

फ़रवरी 2006

व्यूस: 4956

वास्तु सीखें

वास्तु सीखें

प्रमोद कुमार सिन्हा

वास्तु के अनुसार भवन में रसोईघर बनाने का सबसे उपयुक्त स्थान दक्षिण-पूर्व अर्थात् आग्नेय क्षेत्र है। रसोई के लिए प्रयुक्त किरोसिन, गैस, छुरी, कांटे, इत्यादि मंगल की वस्तुएं हैं।... और पढ़ें

वास्तुटैरोभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

जुलाई 2011

व्यूस: 4893

वास्तु में पृष्ठभाग में काँच से हानि

अक्टूबर के मध्य में पंडित गोपाल शर्मा जी को भाव नगर, गुजरात स्थित एक शिपिंग कम्पनी के कार्यालय में जाने का अवसर मिला। वहाँ कम्पनी के मालिक श्री अग्रवाल जी ने बताया कि जबसे हमने इस स्थान पर अपनी 20 साल पुरानी, अच्छी चलती हुई कम्पनी... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

जनवरी 2016

व्यूस: 4773

अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो क्या करें?

हमारे शास्त्रों में सभी दिशाओं के बारे में विस्तृत रूप से विवेचना की गई है और बताया गया है कि आपके घर में किस दिशा में पूजा स्थल, रसोई घर, शयन कक्ष, स्नान गृह, शौचालय इत्यादि हो ताकि आपका जीवन शांतिमय बना रहे। किंतु जब हम अपने घर ... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

मार्च 2016

व्यूस: 5137

वायव्य कोण में अतिथि कक्ष क्यों?

भारतीय समाज में व्यवस्था बनाने के लिए उसे पारिवारिक इकाइयों में व्यवस्थित किया गया है। मनुष्य जीवन में अकेला नहीं रह सकता है। जन्म से मृत्यु तक का समय वह परिवार में व्यतीत करता है। परिवार के सदस्य जीवन में आने वाले सुख एवं दुख साथ... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

आगस्त 2006

व्यूस: 5320

धन, स्वास्थ्य व सुख शान्ति के लिए दक्षिण-पूर्व का महत्व

कुछ दिन पूर्व पंडित जी, बैंगलुरू के एक व्यापारी के यहाँ वास्तु निरीक्षण करने गए। उनके घर में बातचीत के दौरान उनकी पत्नी ने बताया कि लगभग 7-8 माह पहले इस घर मे आने के बाद आर्थिक समस्याएं बढ़ गई हैं तथा हमारे बीच में काफी लड़ाई व आपसी... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

जून 2016

व्यूस: 3881

वास्तु में समचोरस आकार व ईशान का महत्व

जनवरी माह मे पंडित जी न्यू फ्रेंड्स काॅलोनी में निर्माणाधीन एक भवन देखने गये, जोकि लगभग आधा बन चुका था। भवन निरीक्षण करने के बाद पंडित जी ने गृह स्वामी से कुछ प्रश्न पूछे... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

फ़रवरी 2016

व्यूस: 3795

वास्तु सज्जा, रंग व वास्तु का सही प्रयोग

निर्माण वास्तु सम्मत होने पर भी कई बार व्यक्ति को कष्ट होता है, तो उस स्थिति में यह पाया जाता है कि व्यक्ति उस घर का सही प्रयोग नहीं कर रहा होता।... और पढ़ें

वास्तुभवनगृह वास्तुव्यवसायिक सुधारवास्तु के सुझाव

नवेम्बर 2010

व्यूस: 2924

दक्षिण दिशा में स्थित गृह/भूखंड

उत्तर दिशा स्वास्थ्य एवं ध्न का संकेतक है। उसी प्रकार यदि हम दक्षिण दिशा का उपयोग सही तरह से करें तो यह भी निवासियों को अच्छे स्वास्थ्य एवं ध्न प्रदान करेगा। दक्षिण दिशा के अध्पिति यम हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ये शनि के... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

सितम्बर 2016

व्यूस: 4450

पश्चिम दिशा में स्थित गृह/भूखंड

पश्चिम दिशा का अपना अलग महत्व है। यदि पश्चिम दिशा की सतह पूर्व दिशा की तुलना में अध्कि ऊंची है तो उस मकान के सदस्य सुखी रहेंगे तथा वहां शुभ घटनाएं घटित होंगी, कोई शत्राुता नहीं होगी तथा कोई घातक रोग नहीं होगा। यदि पश्चिम दिशा में ... और पढ़ें

वास्तुभविष्यवाणी तकनीकवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु के सुझाव

जुलाई 2016

व्यूस: 4295

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