भविष्यवाणी तकनीक (पृष्ठ-85)

भविष्यवाणी तकनीक


पं. लेखराज शर्मा जी की विलक्षण प्रतिभा

जीवन में अनेक व्यक्तियों से मिलकर हम उनके चमत्कारी व्यक्तित्व से अत्यंत प्रभावित होते हैं। उनकी विशेषता गुण व् कार्य प्रणाली इस हद तक चमत्कारिक होती हैं। की उनके आगे नतमस्तक होने को मन चाहता हैं।... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरजैमिनी ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2013

व्यूस: 64064

कितने दिन में असर दिखाते हैं रत्न

रत्नों की कार्य पद्धति पर अनेक विचार प्रकट किए जाते हैं। हर रत्न का रंग एवं गुण दोनों एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न होते हंै। ये कार्य भी अलग-अलग करते हैं। कुछ रत्न जल्दी असर दिखाना शुरू कर देते हैं तो कुछ धीरे-धीरे।... और पढ़ें

ज्योतिषउपायरत्नभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2006

व्यूस: 98561

विभिन्न भावों में मंगल का फल

जन्मकुंडली के प्रथम भाव में मंगल जातक को साहसी, निर्भीक, क्रोधी, किसी हद तक क्रूर बनाता है, पित्त रोग का कारक होता है तथा चिड़चिड़ा स्वभाव वाला बनाता है। उसमें तत्काल निर्णय लेने की क्षमता होती है तथा वह लोगों को प्रभावित करने तथा अ... और पढ़ें

ज्योतिषघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जून 2013

व्यूस: 39829

कुंडली के द्वादश भावों में बृहस्पति का फल

सभी जानते हैं कि बृहस्पति ग्रह, समस्त ग्रह पिंडों में सबसे अधिक भारी और भीमकाय होने के कारण, गुरु अथवा बृहस्पति के नाम से जाना जाता है। यह पृथ्वी की कक्षा में मंगल के बाद स्थित है और, सूर्य को छोड़ कर, सभी अन्य ग्रहों से बड़ा है। इस... और पढ़ें

ज्योतिषघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2004

व्यूस: 41607

उच्च नीच के ग्रह क्यों और कैसे होते हैं?

ज्योतिष में रुचि रखने वाले उच्च/ नीच के ग्रहों से रोजाना मुखातिब होते हैं और ग्रहों की इस स्थिति के आधार पर फलकथन भी करते हैं। शाब्दिक परिभाषा के आधार पर ‘उच्च’ का तात्पर्य सामान्य स्तर से ऊँचा और ‘नीच’ का तात्पर्य सामान्य ... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2015

व्यूस: 48607

क्या और कैसे होते हैं-उच्च, नीच, वक्री एवं अस्त ग्रह

उच्च तथा नीच राशि के ग्रह भारतवर्ष में अधिकतर ज्योतिषियों तथा ज्योतिष में रूचि रखने वाले लोगों के मन में उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों को लेकर एक प्रबल धारणा बनी हुई है कि अपनी उच्च राशि में स्थित ग्रह सदा शुभ फल दे... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2015

व्यूस: 43913

व्यवसाय का निर्धारण

हमारे जन्मांग चक्र में विभिन्न भावों को धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चार भागों में बांटा जाता है। 1, 5, 9 धर्म भाव, 2, 6, 10 अर्थ भाव, 3, 7, 11 काम भाव और 4, 8, 12 मोक्ष भाव है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2009

व्यूस: 58869

टाॅन्सिलाइटिस

टाॅन्सिलाइटिस

अविनाश सिंह

टाॅन्सिलाइटिस एक बाल रोग है, जो बच्चों को बचपन में ही अपने शिकंजे में जकड़ लेता है। इसका मुख्य कारण गलत खान-पान होता है। अगर बड़े होने पर भी खान-पान गलत रहे, तो बड़े होकर भी यह रोग हो सकता है। जो बालक बचपन में अपने खान-पान का... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीक

अप्रैल 2017

व्यूस: 3182

रत्नों द्वारा रोग मुक्ति एवं ग्रह शांति

यह सर्वविदित है कि रत्नों में दैवीय शक्ति का वास होता है। इन रत्नों का यदि उचित उपयोग किया जाए तो अनेक रोगों, कष्टों, बाधाओं आदि से रक्षा हो सकती है। यहां विभिन्न रत्नों और उनके प्रभावों का विश्लेषण प्रस्तुत है।... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यरत्नभविष्यवाणी तकनीक

जून 2006

व्यूस: 3991

नक्षत्र और रोग

नक्षत्र और रोग

पारस राम वशिष्ट

ज्योतिष शास्त्र में मृत्युदायी रोग का विचार दूसरे और सप्तम भाव से किया जाता है क्योंकि ये मारकेश भाव होते हैं। इन भावों के सहायक रोग देने वाले भाव तृतीय, षष्ठ, अष्टम एवं द्वादश होते हैं। जिस समय मारकेश की महादशा होती है,... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीक

जून 2006

व्यूस: 4794

आयुर्वेद, ज्योतिष और निरोगी काया

आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ मानव शरीर में ‘वात’ (वायु), ‘पित्त’ (अग्नि) और ‘कफ’ (जल) तत्व समान अनुपात में विद्यमान रहते हैं। इनका संतुलन बिगड़ने से रोगों की उत्पत्ति होती है। सर्वप्रथम वायु तत्व का संतुलन बिगड़ता है और उसके बाद ... और पढ़ें

ज्योतिषस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीक

जून 2006

व्यूस: 4489

पोलियो

पोलियो

अविनाश सिंह

बचपन में होने वाली बीमारियों में से ‘पोलियो’ एक है। आयुर्वेद में इसे शैशवीय पक्षवध या अधरंग- वात कहा गया है; अर्थात शरीर के ऊपरी या निचले भाग का निष्क्रिय या संवेदना शून्य हो जाना पक्षवध यानी इस भाग में कार्य नहीं हो सकत... और पढ़ें

स्वास्थ्यज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2016

व्यूस: 4667

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Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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