भविष्यवाणी तकनीक (पृष्ठ-30)

भविष्यवाणी तकनीक


पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में किसका खुलेगा भाग्य, किसका जाएगा ताज, किसको आएगी लाज

निर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित कर चुका है। प्रत्येक राज्य में विभिन्न चरणों में मतदान होंगे। इन पांच राज्यों में से उŸार प्रदेश और उŸाराखंड का चुनावी परिदृश्य क्या होगा?... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2012

व्यूस: 6251

शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव

प्रत्येक जातक को अपने जीवन में दो या तीन बार शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का सामना करना ही पड़ता है। जिन जातकों की दीर्घायु होती है उनके जीवन में कुल तीन साढ़ेसाती आती है क्योंकि 30 वर्षों के पश्चात ही शनि वापस राशि में आता है। यह आव... और पढ़ें

ज्योतिषउपायग्रहभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2017

व्यूस: 7272

गत्यात्मक दशा पद्धति: एक परिचय

प्राचीन ज्योतिष के गं्रथों में वर्णित ग्रहों की अवस्था के अनुसार मनुष्य के जीवन पर पड़ने वाले ग्रहों की गति के सापेक्ष उनकी शक्ति के प्रभाव के 12-12 वर्षों का विभाजन ‘गत्यात्मक दशा पद्धति’ कहलाता है। यह सिद्धांत, परंपरागत ज्योतिष प... और पढ़ें

ज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2010

व्यूस: 7830

तृतीय प्रकृति एवं ज्योतिष ग्रह योग

न केवल भारतीय सनातन परम्परा में बल्कि शिव की अन्य संस्कृतियों में भी ‘आदि-मिथुन’ की कल्पना की गई है। चाहे वह पाश्चात्य संस्कृति में उपलब्ध एडम और ईव हों अथवा स्वयम्भुवन् मनु और सद्रूपा। मानव जाति को स्त्री-पुरुष द्वन्द्वात्मक स्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2014

व्यूस: 6343

दर्द का रिश्ता

संसार में जब बच्चा जन्म लेता है तो अपने माता-पिता से खून का शाश्वत रिश्ता लेकर आता है। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है नये रिश्ते जुड़ते जाते हैं कभी दोस्ती का रिश्ता तो कभी प्यार का ।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचर

दिसम्बर 2010

व्यूस: 5127

ग्रह स्थिति एवं व्यापार

मासारंभ में गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र और उच्चस्थ राशि कर्क में स्थित होकर उच्चस्थ शनि द्वारा दृष्टित होना और बुध व शनि का वक्री गति में होना प्राकृतिक प्रकोपों, भयंकर बाढ़ इत्यादि से जन-धन की भारी हानि का संकेत देता है। ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकगोचर

जुलाई 2014

व्यूस: 5406

मंगलीक एवं गैर मंगलीक कुंडलियों का उदाहरण सहित तुलनात्मक अध्ययन

ज्योतिषीय दृष्टि से जन्मांग का सप्तम, द्वितीय, द्वादश (पुरुषों के मामलें में) और अष्टम (स्त्रियों के मामले में) भाव, सप्तमेश, द्वितीयेश, द्वादशेश और अष्टमेश तथा वैवाहिक सुख प्रदाता शुक्र वैवाहिक सुख, गृहस्थ सुख से संबंधित भा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणकुंडली व्याख्याग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2015

व्यूस: 5648

मन के रिश्ते

मन के रिश्ते

आभा बंसल

अक्सर देखने में आता है कि माता-पिता अपने बच्चों के विवाह के समय अपनी जात-पांत, अपने खानदान, रहन-सहन के स्तर आदि पर बहुत जोर देते हैं और उनकी कोशिश यही होती है कि उनका दामाद या उनकी बहू अपनी ही जाति से हो ताकि उनके रीति रिवाज, खान... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचर

मार्च 2010

व्यूस: 5749

कुछ सटीक ज्योतिषीय नियम

कुछ सटीक ज्योतिषीय नियम

बाल कृष्ण गुप्ता

नियम-1 ः मंगल यदि दूसरे घर में बैठा हो या दूसरे घर को देख रहा हो और शनि मेष राशि में बैठा हो या मेष राशि को देख रहा हो तो जीवन साथी की अकाल मृत्यु होती है। नियम -2 ः यदि सातवें या आठवें घर में कोई पापी ग्रह बैठा हो और कोई अन्य पा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2007

व्यूस: 5000

विवाह विलम्ब में बाधक ग्रह की भूमिका

आजकल ज्योतिषियों गणों के सामने प्रायः एक प्रश्न बार-बार आता है कि अमुक जातक का विवाह नहीं हो रहा। व्यावहारिक रूप से देखने में जातक की शिक्षा, आय, मान-सम्मान सब ठीक होने पर भी विवाह में देरी होती है। इसी विषय का ज्योतिषीय कारण जा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणविवाहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2016

व्यूस: 5709

चिक्कारंगप्पा

बाॅलीवुड की पटकथा की तरह लगने वाली यह स्टोरी चिक्का के जीवन की सच्ची कहानी है। गुदड़ी के लाल कहावत को असल मायने में चरितार्थ करते हुए चिक्कारंगप्पा देश के सबसे प्रतिभावान उभरते गोल्फर हैं। प्राइमरी तक पढ़े चिक्का अब फर्राटेदा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचर

मार्च 2015

व्यूस: 6054

न्यायकारी और ज्ञान-वैराग्य प्रदायक शनि देव

केतु और उच्च शनि की दृष्टि है। केतु की द्वादश (मोक्ष) भाव पर भी दृष्टि है। शनि अष्टम (गुप्त विद्या) भाव में उच्चस्थ होकर पंचम भाव स्थित उच्च ज्ञानकारक बृहस्पति पर दृष्टिपात कर रहा है। नवमांश में चंद्र व शनि की युति गहरी साधन... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीक

नवेम्बर 2014

व्यूस: 5781

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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