नीलांजनम् समाभासं रविपुत्र यमाग्रज।
छायामार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
नमस्कार मंत्र के साथ शनि ग्रह के संबंध में विचार करते हैं। सूर्य से छठा और सौरमंडल का बाह्य ग्रह शनि सूर्य से 143 करोड़ कि.मी. तथा पृथ्वी से 15 करोड़ कि... और पढ़ें
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