पेप्टिक अल्सर अविनाश सिंहआयुर्वेदिक दृष्टिकोण: आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर में अग्नि मूल है। जब तक शरीर में अग्नि संतुलित रहती है तब तक स्वास्थ्य का अनुवर्तन होता रहता है। इसलिए शरीर में प्राण और स्वास्थ्य अग्नि मूलक हैं। शरीर में मंदाग्नि रहने से... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीकजून 2016व्यूस: 5320
ग्रहों के अशुभ प्रभाव देते हैं हृदय विकार फ्यूचर पाॅइन्टआज हृदय रोगियों की संख्या में निरंतर वृद्धि होती जा रही है। हमारे खान-पान एवं जीवन शैली के अतिरिक्त जन्मकुंडली में स्थित ग्रहों का प्रभाव भी हृदय पर पड़ता है। हृदय रोग के ज्योतिषीय कारक क्या हैं, जानने के लिए पढ़िए यह आलेख...... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2006व्यूस: 5678
मधुमेह रोग में ग्रहों की भूमिका पुष्पित पाराशरज्योतिष वेद का नेत्र है तथा फलित उस नेत्र की ज्योति है। अध्ययन, ज्ञान ही ज्योति स्वरूप है। ज्योति को जानने वाला ज्योतिषी है। यह अत्यन्त कठिन एवं संवेदनशील विज्ञान है। ज्योतिष के माध्यम से हम घटनाओं का आकलन कर सकते हैं। सभी व्यक्... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहहस्तरेखा सिद्धान्तज्योतिषीय विश्लेषणजुलाई 2016व्यूस: 5438
मोटापा बढ़ाने वाले ग्रह योग सीताराम सिंहमोटापा आजकल संक्रामक रूप में फैल रहा है। इससे बच्चे व बड़े सभी प्रभावित हैं। इसका मुख्य कारण है फास्ट फूड और चाॅकलेट का अधिक सेवन तथा कम से कम शारीरिक श्रम करना जिससे अतिरिक्त कैलौरी धीरे-धीरे जमा होकर शरीर को मोटा करती है। ... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यग्रहभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणविविधमई 2017व्यूस: 6746
रत्नों का चिकित्सा में प्रयोग एन. पी. कश्यपमनुष्य को प्रकृति की अनुपम भेंट रत्न न केवल आभूषण के रूप में उपयोग किए जाते हैं बल्कि इनमें अनेक औषधीय गुण भी होते हैं। किंतु, बिना सोचे-समझे इनका उपयोग हानिकारक भी हो सकता है। प्रस्तुत आलेख में विभिन्न रत्नों के गुणों और विभिन... और पढ़ेंज्योतिषस्वास्थ्यरत्नभविष्यवाणी तकनीकमई 2006व्यूस: 5528
कैसे करें आयुर्वेदिक नुस्खों से वेट लाॅस? जय इंदर मलिकमोटापा एक अभिशाप है। इससे व्यक्ति की शारीरिक क्षमता कम हो जाती है फिर धीरे-धीरे रोग व्यक्ति को घेर लेते हैं। व्यक्ति यदि एक बार मोटापे का शिकार हो गया तो फिर पतले होने में दिक्कतें आती हैं। हर व्यक्ति पतला, छरहरा, सुडौल नजर... और पढ़ेंस्वास्थ्यविविधमई 2017व्यूस: 5510
त्रिशक्ति लाॅकेट रमेश शास्त्रीरत्नों का इतिहास बहुत प्राचीन है। हमारे वेद, पुराण, स्मृति आदि ग्रंथों में इनके बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है। प्राचीन काल में राजे-महाराजे रत्नों के महत्व से भली-भांति परिचित थे तथा वे रत्नों को हमेशा पहने रहते थे। राजमहल... और पढ़ेंज्योतिषरत्नफ़रवरी 2006व्यूस: 7080
कस्पल पद्धति आर.एस. चानीकस्पल कंुडली में सिगनिफिकेटर का तात्पर्य जैसा कि हम जानते हैं नक्षत्र थ्योरी का नियम है कि कुडंली में हर ग्रह अपने नक्षत्रस्वामी ग्रह का फल प्रदान करता है। ग्रह अपना फल प्रदान करने में तभी सक्षम होता है जब किसी विषिष्ट कुडं... और पढ़ेंज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकमार्च 2016व्यूस: 7086
अध्यात्म का रंग आभा बंसलजन्म जन्मांतरों के कर्मफल स्वरूप मनुष्य को भक्ति व ज्ञान आदि शुभ फल प्राप्त होते हैं और वह ईश्वराभिमुख हो जाता है लेकिन कहते हैं कि ऐसी बुद्धि अधिक समय तक कायम नहीं रहती परंतु यदि कायम रहे तो अध्यात्म का ऐसा रंग चढ़ जाता है कि मनुष... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणसितम्बर 2010व्यूस: 7463
WhatsApp और ज्योतिष फ्यूचर पाॅइन्टज्योतिष की चर्चा हेतु व्हाट्सऐप आकर्षक सूत्र बनकर उभर रहा है। इसके द्वारा प्राप्त जानकारियां बहुत ही महत्वपूर्ण होती हैं। व्हाट्सऐप द्वारा प्राप्त विचारों को हम इस स्तंभ के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं जिसे पढ़क... और पढ़ेंज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2016व्यूस: 8703
ज्योतिष अंतिम सत्य की ओर एक कदम फ्यूचर पाॅइन्ट1. विषय प्रवेश हमारे वेदों और पुराणों में भारत की सत्य और शाश्वत आत्मा निहित है और इन्हें समझे बगैर भारतीय परम्परा एवं दृष्टिकोण को समझना सम्भव भी नहीं है। शास्त्रों में ज्योतिष को वेदों के नेत्र (ज्योतिषम् वेदानां चक्षु) क... और पढ़ेंज्योतिषविविधनवेम्बर 2015व्यूस: 7942
शेयर बाजार में मंदी-तेजी रिपन गुलाटीग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 15 जून को 11 बजकर 2 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। मंगल मासभर कन्या राशि में गोचर करेगा। बुध 7 जून को 17 बजकर 26 मिनट पर मार्गी गति से वक्री गति में गोचर करेगा। 10 जून को ... और पढ़ेंज्योतिषगोचरभविष्यवाणी तकनीकमेदनीय ज्योतिषजून 2014व्यूस: 7895