जीवन को सुखमय बनाता है गजकेसरी योग मनोज कुमार शुक्लाकुंडली में ज्ञान के कारक गुरु और मन के कारक चन्द्रमा दोनों मिलकर गजकेसरी योग का निर्माण करते हैं। गुरु कुंडली के 2, 5, 9, 10, और 11वें भाव का कारक होता है, वहीं चन्द्रमा चैथे भाव का कारक होता है। कुंडली में जब गुरु और चन... moreज्योतिषज्योतिषीय योगमई 2016Views: 7457
वैवाहिक जीवन: शुभ तथा अशुभ योग सुखविंदर सिंहज्योतिष शास्त्र अनुसार वैवाहिक जीवन में गुरु तथा शुक्र ग्रह की प्रमुख भूमिका है क्योंकि यही दोनों ग्रह स्त्री तथा पुरुष जातकों के शादी के कारक ग्रह हैं तथा द्वितीय, सप्तम तथा द्वादश भाव का वैवाहिक जीवन में विशेष योगदान है। जहां ... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2016Views: 7639
इन्फर्टिलिटी नीरज शर्मा‘‘फर्टिलिटी अर्थात प्रजनन क्षमता से जुड़ी समस्यायें स्त्री और पुरूष दोनों में ही पायी जाती हैं। हमारी कुंडली जीवन के प्रत्येक पक्ष को स्पष्ट रूप से दर्शाती है। पुरूष की कुंडली में शुक्र और सूर्य तथा स्त्री की कुंडली में... moreज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेभविष्यवाणी तकनीकसितम्बर 2014Views: 6234
कालसर्पयोग एक अध्ययन आर. के. शर्मालग्न से गणना करने पर यदि केतु पहले आए तो इसे काल अमृत या शुभ योग जानना चाहिए। लग्न या लनेश से शुभ ग्रह का संबंध भी कालसर्प योग को भंग करता है।... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकमई 2011Views: 4473
क्या कहते हैं इस वर्ष के ग्रह? नारायण शर्माज्योतिषीय गणना के अनुसार यह वर्ष आम तौर पर शुभ रहेगा। साहित्य, कला, उद्योग आदि के क्षेत्रों की स्थिति अच्छी रहेगी।... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगग्रहजनवरी 2010Views: 4699
ज्योतिष- एक विज्ञान आभा बंसलअनेको बार पूछा जाता है एक प्रश्न, क्या मुझको है ज्योतिष में पूर्ण विश्वास? उठते-बैठते, सोते जागते, सुबह-शाम क्या करती रहती हूं मैं ज्योतिष की ही बात? सुन कर यह प्रश्न, मुस्करा कर दे देती हूं मैं यह जवाब, जी जनाब, ज्योतिष तो ह... moreज्योतिषअप्रैल 2004Views: 5837
ग्रहों के बल का मापक षड्बल अविनाश सिंहभविष्यकथन में ग्रह बल की गणना अति आवश्यक है। यदि ग्रह योगकारक है तो वह पूर्ण फल तभी दे सकता है जब वह बली हो। मारक ग्रह निष्फल हो सकता है यदि वह निर्बल हो। इस बलाबल को जानने के लिए ज्योतिष की सर्वोत्कृष्ट पद्धति है-षड्बल ...... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणभविष्यवाणी तकनीकमई 2006Views: 7195
भाग्य का खेल आभा बंसलसमीर ने अपने वैवाहिक जीवन के जो सपने देखे थे वे पूरे नहीं हो सके। उसके जीवन में जो कुछ भी घटा वह ग्रहों की ही करामात थी। इसे अपनी नियति न मानकर उसने इसके विपरीत जाना चाहा और परिणाम उसके दुःखद अंत के रूप में सामने आया। ऐस... moreज्योतिषदशाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकगोचरजनवरी 2006Views: 6339
कैसे करें गोमेद रत्न की पहचान पुरु अग्रवालज्योतिष में गोमेद राहु का रत्न माना गया है। इसे धारण करने से राहु तो बलवान होता ही है साथ ही काल सर्प दोष, नजर दोष एवं टोटके आदि से बचाव भी होता है। यह रत्न कुछ रुपए रत्ती से लेकर कुछ हजार रुपए रत्ती तक मिलता है।... moreज्योतिषरत्नमार्च 2006Views: 5881
महत्वाकांक्षी कल्पना आभा बंसलयह सत्य कथा है एक ऐसी कल्पना की जिसे बचपन से कल्पना लोक में विचरने का बहुत शौक था। अपने खिलौनों से खेलते हुए वह अपने कल्पना लोक में चली जाती और फिर घंटों उसी आनंद में डूबी रहती। उसके माता-पिता ने भी शायद इसीलिए उसका नाम कल्... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजनवरी 2015Views: 6096
ग्रह स्थिति एवं व्यापार दिव्यदीप गौडगोचर फल विचार मासारंभ में केतु व शुक्र का शनि व राहु ग्रहों से समसप्तक योग में बने होना तथा मंगल व शुक्र ग्रह का परस्पर षडाष्टक योग में होना राजनीति के क्षेत्र में परस्पर विरोधाभास की स्थिति दर्शाता है। शासकीय व्यवस्थ... moreज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचरजून 2014Views: 5819
कैसे हो शनि की पीड़ा से बचाव? मनोहर शर्मा पुलस्त्यशनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं। शनि प्रायः किसी को क्षति नहीं पहुंचाता लेकिन मतिभ्रम की स्थिति अवश्य पैदा करता है। ऐसी स्थिति में शनि शांति के उपाय रामबाण का कार्य करते हैं। शनि से प्राप्त कष्टों से बचाव की विस... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणग्रहनवेम्बर 2006Views: 6123