क्या कहते हैं सितारों के सितारे? उमाधर बहुगुणा अमेरिका के वर्तमान राष्ट्रपति जार्ज डब्लू. बुश का कार्यकाल 20 जनवरी 2009 को समाप्त हो जाएगा। जैसे-जैसे यह दिन समीप आ रहा है, वैसे-वैसे न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में वरन संपूर्ण विश्व में लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है कि अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन होगा। ज्योतिषीय विश्लेषण से स्पष्ट है कि बराक हुसैन ओबामा ही होंगे अमेरिका के छप्पनवें राष्ट्रपति। बराक हुसैन ओबामा की जन्म कुंडली में उपस्थित गजकेसरी योग, नीच भंग राजयोग, विपरीत राजयोग, महालक्ष्मी योग, पाराशरीय राज योग, सुनफा उभयचारी, प्रसिद्धि योग, बुधादित्य योग आदि इस बात की पुष्टि करते हैं। बराक हुसैन ओबामा का लग्नेश शुक्र भाग्य भाव में बुध की राशि में स्थित है, जो इनके नैतिक, सदाचारी, संस्कारी एवं लोकप्रिय होने का सूचक है। लग्नेश शुक्र चंद्र और बुध-सूर्य के बीच स्थित है, जो इन्हें विश्वविख्यात, सामाजिक और लोकप्रिय बनाता है। इनका द्वितीयेश तथा सप्तमेश मंगल लाभ भाव में राहु के साथ स्थित है। ऐसे व्यक्ति का राजनीति से संबंध उमाधर बहुगुणा अवश्य होता है, इसीलिए ये सन् 1996 में चुनाव जीतकर प्रांतीय सीनेट के सदस्य बने। उस समय इनकी उम्र केवल 35 वर्ष थी। ये सन् 2004 तक लगातार इसके सदस्य बने रहे। सन् 2005 से ये संघीय सीनेट के सदस्य हैं। पराक्रमेश व षष्ठेश बृहस्पति अपनी नीच राशि मकर में राशि स्वामी शनि के साथ स्थित है। दशमेश चंद्र अपनी उच्च राशि में स्थित होकर एक साथ कई राजयोग (नीच भंग राजयोग, विपरीत राजयोग तथा पाराशरीय राजयोग) बना रहा है। यही कारण है कि वे चतुर, वाक्पटु, अच्छे वक्ता, अधिवक्ता, कानून के ज्ञाता और कानून के प्राध्यापक होने के साथ साथ लेखक और संपादक भी रहे हैं। चंद्र के अष्टम में स्थित होने से इनकी माताजी को असाध्य रोग का सामना करना पड़ा। इस स्थिति ने उन्हें भावुक भी बनाया। चंद्र से द्वितीय स्थान में शुक्र की स्थिति भी सुनफा योग बना रही है जो व्यक्ति को समृद्ध एवं विख्यात बनाता है। पंचम स्थान का केतु इन्हें समय-समय पर खीझ, हताशा और उत्तेजना देता रहेगा। दशम स्थान में सूर्य और बुध के कारण बुधादित्य योग, सूर्य के कारण उभयचारी योग तथा शनि व बुध के कारण पाराशरीय राजयोग बन रहा है। इनके साथ-साथ एकादश स्थान में राहु और मंगल की युति बराक हुसैन ओबामा को अमेरिका का छप्पनवां राष्ट्रपति बनने का स्पष्ट संकेत दे रही है। ओबामा के प्रतिद्वंद्वी हैं जाॅन सिडनी मैकेन। इनका लग्नेश-अष्टमेश शुक्र लाभ भाव में सूर्य के साथ स्थित होकर अस्त एवं क्रूर बन गया है। लग्न पर शनि एवं केतु की दृष्टि भी अच्छी नहीं है। ये दोनों ग्रह कार्य सिद्धि में बाधक साबित होंगे। इस कारण मैकेन को रिपब्लिकन पार्टी की नीतियों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। द्वितीय स्थान का बृहस्पति अच्छे-बुरे प्रभाव देता रहेगा। यह बृहस्पति धन और कुटुंब के लिए अच्छा है। यह विपरीत राजयोग भी बना रहा है, किंतु यह भय व रोग भी देता है। मैकेन अपने पिता की भांति नौसेना में अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे और सन् 1981 में कैप्टन के पद से सेवानिवृŸा हुए। पराक्रम स्थान का राहु कुछ अर्थों में अच्छा है, लेकिन धनु राशि में स्थित होकर यह जातक को अति महत्वाकांक्षी एवं दुःसाहसी भी बनाता है। इसी कारण ये राजनीति में आए। चतुर्थ स्थान में चंद्र और पंचम में शनि के कारण ये नौसेना में आए। शुक्र और सूर्य की दृष्टि राजयोग कारक है इसलिए ये राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं, लेकिन भाग्य भाव का केतु एवं दशम स्थान का मंगल दोनों इन्हें अमेरिका का राष्ट्रपति नहीं बनने देंगे। लाभ भावस्थ लाभेश और व्यय भावस्थ व्ययेश दोनों विपरीत राजयोग बना रहे हैं, लेकिन भाग्येश का व्यय भाव में होना अच्छा नहीं है। यह स्थिति अच्छे परिणाम नहीं देगी। चुनाव के समय बुध की विंशोत्तरी दशा में बुध का ही अंतर रहेगा। इस प्रकार, ग्रह नक्षत्र योग जाॅन सिडनी मैकेन के लिए अच्छे नहीं हैं। ये सब उनके चुनाव परिणाम को गहरे प्रभाावित करेंगे।