ज्योतिषीय योग (पृष्ठ-25)

ज्योतिषीय योग


ज्योतिष और मृत्यु काल

ज्योतिष और मृत्यु काल

सेवाराम जयपुरिया

भारतीय परंपरा में अनेक विशेषताएं हैं और प्रत्येक के पीछे एक ही उद्देश्य रहा है कि मानव जीवन को अधिकतम सुविधा व सुरक्षा प्रदान की जाय। वेदशास्त्र ज्ञान विज्ञान का महाभंडार हैं। इसी परंपरा में ज्योतिष शास्त्र वेदों का विशेष छठा अंग ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगदशाजैमिनी ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचर

अप्रैल 2008

व्यूस: 12164

कोर्ट में जय पराजय के ग्रह योग

कोर्ट केस में किन ग्रहों की क्या भूमिका होती है। उन ग्रहों की नक्षत्र में स्थित का गहराई के साथ अध्ययन करके, समय से पूर्व विधवत् उपाय करने से विजय प्राप्ति संभव है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

जनवरी 2011

व्यूस: 14941

विदेश यात्रा

विदेश यात्रा

तिलक राज

विदेश यात्रा का आकर्षण प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। पहले विद्या प्राप्ति या धन प्राप्ति के लिए ही विदेश यात्रा की जाती थी। समय के साथ विदेश यात्रा का स्वरूप भी बदला है। अब व्यक्ति इलाज के लिए या सिर्फ भ्रमण के लिए भी विदेश जाते... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2008

व्यूस: 11470

स्वतंत्र व्यवसाय के ग्रह योगों की विवेचना

जातक के कार्य, व्यवसाय निर्धारण में दशम भाव एवं सप्तम भाव का प्रभाव होता है। प्रस्तुत लेख में स्वतंत्र व्यवसाय के ग्रह योगों की विवेचना की गयी है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीक

जून 2010

व्यूस: 9374

जन्म पत्रिका में इंजीनियरिंग योग

इंजीनियरिंग में सफलता के लिए शनि मंगल, सूर्य आदि कारक ग्रहों का लग्न, चतुर्थ, पंचम, सप्तम, नवम व दषम भाव और इन भावों के स्वामी के साथ संबंध होना अति आवष्यक है।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकव्यवसाय

दिसम्बर 2010

व्यूस: 10111

कृष्णमूर्ति पद्धति एवं विवाह

भविष्यवाणियां करने की अनेक पद्धतियां हैं, जैसे टैरो कार्ड, अंक शास्त्र, हस्त रेखा, पाराशरी पद्धति, कृष्णमूर्ति पद्धति आदि। उपर्युक्त सभी पद्धतियों का उपयोग किया गया है, लेकिन सटीक भविष्यवाणियां तथा घटना कब घटित होगा, इसका निर्णय ज... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगदशाकुंडली व्याख्याकृष्णामूर्ति ज्योतिषविवाहभविष्यवाणी तकनीकगोचर

जुलाई 2004

व्यूस: 15935

कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया

ज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंख्य सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ल... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरकृष्णामूर्ति ज्योतिषनक्षत्रग्रहभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायसफलता

अकतूबर 2005

व्यूस: 12288

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

सेवाराम जयपुरिया

किसी जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह भाव माता का भाव है। इसका शिक्षा से गहरा संबंध है, क्योंकि बच्चे की मां उसकी पहली शिक्षक होती है। कुंडली के पंचम, अष्टम और नवम भाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। भाव, भा... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगशिक्षाकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकव्यवसायसंपत्ति

जनवरी 2005

व्यूस: 11249

काल सर्प योग कष्टदायक अथवा ऐश्वर्यदायक

कालसर्प योग जितना कष्टदायक होता हैं। उतना ही ऐश्वर्य दायक भी होता हैं। निम्नांकित छ: योग जातक के भाग्य निर्णय में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पहले से सातवें स्थानों में बनने वाला योग, दूसरे से आठवें स्थानों में बनने वाला योग।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीक

मार्च 2013

व्यूस: 12359

ज्योतिष व आनुवंशिकता द्वारा संतान विचार

प्राचीन ऋषियों व ज्योतिष सिद्धांतानुसार संतान संबंधी विचार (संतान की संखया व लिंग) लग्न, लग्नेश, पंचम, पंचमेश, सप्तम, सप्तमेश व चंद्र कुंडली में स्थित शुभाशुभ योगों के द्वारा ज्ञात करते हैं। किसी भी क्षेत्र में आधुनिकता लाने के लि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

अकतूबर 2010

व्यूस: 12310

सूर्य-चंद्र दिलाते हैं कामायाबी

व्यक्ति के सफलता व प्रभावशीलता ग्रहों की स्थिति, गति और नक्षत्रों की चाल से तय होती है। इनकी स्थिति के अनुरूप व्यक्ति को कामयाबी मिलती है। इनके विपरीत स्थिति में होने पर व्यक्ति चाह कर भी सफलता का स्वाद नहीं चख पाता है। ग्रहों का ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगयशकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 12949

विवाह का काल निर्धारण

ज्योतिष शास्त्र में संभावित घटना का काल निर्धारण सर्वाधिक दुस्साध्य प्रक्रिया है क्योंकि काल को परमशक्ति का प्रतिरूप स्वीकारा गया है, अतएव रहस्यात्मकता के अतिगोपनीय विश्व के सूत्रों का सम्यक् उद्घाटन दुष्कर कर्म है। विवाह जैसे महत... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहमुहूर्तग्रहभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2013

व्यूस: 13265

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