ज्योतिषीय विश्लेषण


शिशु जन्म समय निर्धारण कैसे करें

आज के वैज्ञानिक युग में यदि मशीनीकरण हो रहा है एवं चिकित्सा शास्त्र में उन्नति हो रही है तो शिशु जन्म प्रक्रिया में भी अनेक अंतर आए हैं। आज शिशु का जन्म शल्य चिकित्सा द्वारा अपने मनचाहे समय पर करवा सकते हैं और इस प्रकार ज्योतिष ... और पढ़ें

ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

जनवरी 2006

व्यूस: 10477

ज्योतिष में अनुसंधान एवं पुनरुत्थान

ज्योतिष में पुनरुत्थान को तीन भागों में बांटा जा सकता हैं. ज्योतिष के मूल नियम : प्रत्येक ग्रह, भाव, या राशी को ज्योतिष में किसी न किसी का कारक माना गया हैं. जैसे सूर्य को आँखों का, तो चन्द्र को मन... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषण

फ़रवरी 2004

व्यूस: 3451

व्यापारिक दृष्टिकोण से नववर्ष 2017

1 जनवरी 2017, रविवार, धनु लग्न से वर्ष का आरंभ हो रहा है जिससे विशेष वर्ग प्रसन्न रहेगा। सरकार नवीन योजनाओं के लिये चेष्टा करेगी। विपक्षी दल सरकार की कमजोरियों को जनता के सामने रखने का प्रयास करेगा। व्यापारी वर्ग पर सरकारी ... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषण

जनवरी 2017

व्यूस: 12588

कैरियर निर्माण की अनुभूत ज्योतिषीय प्रक्रिया

ज्योतिष ग्रंथों में कर्मक्षेत्र के चयन हेतु असंख्य सिद्धांत एवं नियम प्रतिपादित हैं। इन नियमों को किसी जातक की जन्मकुंडली में लागू कर उसके वास्तविक व्यवसाय का निर्धारण कर पाना अत्यंत कठिन एवं दुरूह है। सारे सिद्धांतों को लागू कर ल... और पढ़ें

ज्योतिषप्रसिद्ध लोगनक्षत्रज्योतिषीय योगकृष्णामूर्ति ज्योतिषग्रहघरसफलताभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसाय

अकतूबर 2005

व्यूस: 15462

शनि और करियर

शनि और करियर

यशकरन शर्मा

करियर निर्माण में सभी ग्रहों की अलग-अलग भूमिका है। शनि सभी ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है जो व्यावसायिक जीवन में स्थिरता व सुरक्षा प्रदान करता है। शनि के इसी महत्वपूर्ण गुण को उजागर करने हेतु प्रस्तुत है यह लेख जिसमें शन... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसाय

नवेम्बर 2014

व्यूस: 38374

आप और आपका जीवनसाथी

प्रस्तुत लेख में अपने बारे में जानने के लिए अपने लग्न अनुसार पढ़ें। यदि लग्न न मालूम हो तो चन्द्र राशि अनुसार पढे़ं। यह भी न मालूम हो तो जन्म तारीख अनुसार सूर्य राशि ज्ञात कर लेख पढ़ें । लग्न जो कि जन्म तारीख, समय व स्थान पर निर्भर... और पढ़ें

ज्योतिषराशिभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषण

आगस्त 2015

व्यूस: 18592

सफल शिक्षक बनने के ग्रह योग

शिक्षक का हमारे समाज में महत्वपूर्ण स्थान होता है। किसी भी छात्र को योग्य बनाने व उसको शारीरिक व मानसिक तौर पर सक्षम बनाने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। जैसा कि हमारे शास्त्रों में विदित है माता-पिता के पश्चात वह गुरु ह... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसाय

मई 2016

व्यूस: 20031

दूषित गजकेसरी योग धमान नहीं वजन बढ़ता है

भारतीय ज्योतिष में मान, सम्मान, समृद्धि कारक योगों में ‘गजकेसरी योग’ का विशिष्ट स्थान है। यह योग बृहस्पति और चंद्रमा की परस्पर केंद्र स्थिति से बनता है (केंद्र स्थिते देवगुरौ) मृगांकात योस्तदाहुगर्जकेसरीति। जातक परिजात, ;टप्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

मार्च 2015

व्यूस: 24145

फर्श से अर्श तक पंच कोटि महामनी के विजेता सुशील कुमार

बिहार राज्य के मोतीहारी जिले के सुशील कुमार ने कौन बनेगा करोड़पति प्रतियोगिता में पांच करोड़ जीतकर अपने प्रदेश एवं जिले का नाम तो रोशन किया ही है साथ ही अपने घर की दयनीय आर्थिक स्थिति भी सुधार ली।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषण

दिसम्बर 2011

व्यूस: 16291

कालसर्प दोष शान्ति के उपाय

राहु -केतु की प्रथम (लग्न भाव) से लेकर द्वादश भाव तक स्थिति के अनुसार १२ प्रकार के कालसर्प दोष देखने में आते हैं। जिनका फल भी भिन्न-भिन्न होता हैं तथा भावों के अनुसार बनने वाले कालसर्प दोष की शान्ति के उपाय भी पृथक पृथक ही करने चा... और पढ़ें

ज्योतिषउपायघरभविष्यवाणी तकनीकज्योतिषीय विश्लेषण

मार्च 2013

व्यूस: 14936

गूंगा बहरा होने के ज्योतिषीय कारण एवं उपाय

गूंगापन: जन्मलग्न या चंद्र लग्न से द्वितीय भाव वाणी का प्रतिनिधित्व करता है तथा बुध ग्रह को वाणी का कारक माना गया है। द्वितीय भाव, द्वितीयेश या कारक ग्रह बुध के पाप ग्रस्त या दुःख स्थानों में होने पर यह दोष उत्पन्न होता है।... और पढ़ें

ज्योतिषउपायज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषण

जनवरी 2011

व्यूस: 24099

विधाता ने जब सब कुछ कुंडली में लिखा है तो उपाय क्यों?

विधि के लिखे लेख ऐसी गूढ़ लिपि में लिखे होते हैं जिसकी भावार्थ, शब्दार्थ सहित पूर्ण व्याख्या कभी संभव नहीं हो सकती। फलतः मनुष्य के कर्म क्षेत्र में उपायों की गुंजाइश बनी ही रहती है।... और पढ़ें

ज्योतिषदेवी और देवज्योतिषीय योगज्योतिषीय विश्लेषणविविध

जनवरी 2012

व्यूस: 11578

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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