शनि शांति के अचूक उपाय पं. किशोर घिल्डियाल शनि ग्रह 4 अगस्त 2012 को मार्गी होकर पुनः कन्या से तुला राशि में प्रवेश करेगें। अतः इस राशि संक्रमण से प्रभावित होने वाले जातक शनि शांति के लिए जो प्रभावी उपाय कर सकते हैं वे इस लेख में दिये जा रहे हैं। सर्वप्रथम भोजन जमीन में बैठकर ही करें। मासांहार व मदिरापान ना करें। यदि करते हैं तो छोड़ दें। अपना अधिकतर कार्य (सफाई, जूते पाॅलिश व जूठे बर्तन, कपड़े धोना) स्वयं करें। बुजुर्गों, अपाहिजों व असहाय व्यक्तियों की यथासंभव सहायता करें। पीपल वृक्ष पर जल चढ़ाकर उसके चारो ओर चक्कर लगाएं परिक्रमा करें। शनिवार का व्रत करें तथा सायंकाल में शनि पत्नियों के नाम जपें। किसी भी प्रकार का कोई नया कार्य जिसमें पूंजी निवेश होना हो, उससे बचने का प्रयास करें। किसी भी शनि मंत्र का जाप कम से कम 1 माला (108 बार) अवश्य करें। उड़द की दाल के पकौड़े सरसों के तेल में बनाकर कुत्तों को खिलाएं। मछली, भैंसा, कौआ, काली गाय को यथाशक्ति भोजन कराएं, उनकी सेवा करें। आत्मचिंतन करें, विवादों से बचें कम से कम बोलने का प्रयास करें, धैर्य धारण करें। अमावस्या के दिन कच्चा दूध दान करें। शिव पूजा, हनुमान पूजा कर सके तो अवश्य करें। शनिवार को हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ करें। शनिवार के दिन शनि की वस्तुएं दान करें। स्नान करने के जल में दूध डालकर स्नान करें। शनिवार के दिन बंदरों को केले खिलाएं। रात को दूध व दुग्ध पदार्थ ना खाएं पिएं। चीटियों को कीडी नागरा/ कराए। नारियल या बादाम बांटे अथवा जल प्रवाह करें। यदि शनि शुभ हो तो शनि- मुद्रिका, नीलम रत्न आदि धारण करें। माथे पर दूध/दही का तिलक लगाएं। काले व नीले वस्त्र कम प्रयोग करें। शिव लिंग पर दूध चढ़ाएं। बुजुर्ग व्यक्तियों से आशीर्वाद लें। मजदूरों को प्रसन्न रखें। कुष्ठ आश्रम में भोजन सामग्री दान करें। शुक्रवार की रात काले तिल व काले चने भिगोकर शनिवार के दिन घोड़े को खिलाएं। तिल के तेल का दीपक शनि यंत्र के सम्मुख जलाकर शनि चालीसा प्रतिदिन पढ़ें। शनि होरा में निर्जल रहें, वैसे खूब जल ग्रहण करें। 11 शनिवार 1 मुट्ठी उडद दाल जल प्रवाह करें। अपने पहने हुए जूते, चप्पल (काले) किसी चैराहे पर छोड़ आएं। सूर्योदय के समय 21 बार निम्न श्लोक पढ़ते हुए सूर्य दर्शन करें। सूर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालक्षायः शिवप्रियः मन्दचारः प्रसन्नात्मा पीड़ां दहतु मे शनिः। काले कुत्ते को तेल चुपडी रोटी मिष्ठान्न रखकर खिलाएं। घर से कबाड़ व बेकार समान हटाएं। छायापात्र का दान किया करें। कच्चे कोयले, रांगाधातु, जौ, कीलंे सर से उतारा कर शनिवार को बहाएं। उन्नीस हाथ लंबा काला धागा गूंथकर माला बनाएं, 1 सप्ताह तक धारण कर जल प्रवाह कर दें। भैरव मंदिर में मदिरा एवं इमरती का भोग लगाएं। ऊँ शं शनेश्चराय नमः का यथाशक्ति जप करें।