महादेव प्रसन्न हो जाते हैं बम-बम बोल से नीरज शर्मा त्रिलोकीनाथ, त्रिकाल दृष्टा, त्रिनेत्र, आशुतोष, अवढरदानी, जगतपिता शिव आदि अनेक नामों से हम भगवान महादेव को पुकारते हैं महाप्रलय के समय भगवान शिव ही अपने तीसरे नेत्र से सृष्टि का संहार करते हैं परंतु जगतपिता होकर भी भगवान शिव परम सरल व शीघ्रता से प्रसन्न होने वाले हैं। सम्पूर्ण विश्व की मनोकामना को पूर्ण करने वाले भगवान शिव को स्वयं के लिए न ऐश्वर्यशाली स्थान की आवश्यकता है न अन्य पदार्थों की। वे तो कैलाश-शिखरों में प्रकृति के मध्य ही निवासते हैं। कन्दमूल ही जिन्हें प्रिय हैं और जो मात्र जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं। जहां अन्य देवों को प्रसन्न करने के लिए कठिन अनुष्ठान पूजा-पाठ करनी होती है वहीं भगवान महादेव केवल जलाभिषेक से ही प्रसन्न होते हैं। केवल बिल्वपत्र अर्पण करने मात्र से आशीर्वाद प्रदान करते हैं वैसे सभी समय महादेव की पूजा कल्याणकारी होती ही है परंतु वर्षभर में श्रावण मास में महादेव की उपासना का विशेष महत्व है। इसी लिए श्रावण मास में महादेव के भगत कावरियां कांवर लेकर हरिद्वार से गंगाजल लेकर पद-यात्रा करते हुए महादेव को प्रसन्न करने के लिए गंगाजल से उनका अभिषेक करते हैं और इसी पद-यात्रा के दौरान सभी भक्त बम्-बम् का जयकारा लगाते हुए मीलों पैदल चलते हैं। कांवरियों के द्वारा उच्चारित यह बम् शब्द बहुत गूढ महत्व रखता है जिसमें शिव और शक्ति दोनों का समावेश है जिनमें सम्पूर्ण सृष्टि निवास करती है। वास्तव में बम् शब्द को अमृत बीज कहा गया है। यह अमृत बीज है और इस दो अक्षर के बीजाक्षर के उच्चारण से महादेव शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को वरदान और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। जहां महादेव को प्रसन्न करने के लिए अन्य कठिन मंत्र आदि किये जाते हैं वहीं इस छोटे से बीजाक्षर बम् का अपना विशेष व अतुल्य महत्व है जिसके उच्चारण मात्र से कांवरियों को वह शक्ति व क्षमता प्राप्त होती है कि वे मीलांे लंबी दूरी को बड़ी सरलता से पूर्ण कर लेते हैं। इस बम् शब्द का जाप रोग मुक्ति प्रदाता व मृत्यु तुल्य कष्ट को टालने वाला है और आपकी शारीरिक व मानसिक विकृतियों की करने वाला है यदि आप किसी भी कारण महामृत्युंजय जाप न कर पायें, तो रुद्राक्ष की माला से सामथ्र्य अनुसार बम्-बम्-बम्-बम् का जाप करें। यदि श्रद्धापूर्वक जाप करें तो निश्चय ही महादेव प्रसन्न होंगे और आपको अच्छा स्वास्थ्य आरै समृि द्ध पद्र ान करेंगे। श्रावण मास में भी शिवलिंग का अभिषके करें और बम्-बम् जपें, महादेव कल्याण करेंगे।