मानव शरीर पांच भौतिक तत्वों-पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि एवं आकाश से बना है। इन पांचों तत्वों की क्षतिपूर्ति के लिए मनुष्य को संतुलित भोजन की आवश्यकता होती है। भोजन के अभाव में मानव शरीर रूग्ण हो जाता है। संतुलित भोजन के मुख्य तत्व-प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट्स, खनिज लवण, विटामिन एवं जल है। संतुलित भोजन मनुष्य को स्वस्थ, निरोगी एवं पुष्ट बनाए रखता है। सभी भोज्य पदार्थ धरती से उत्पन्न होते हैं तथा उनके निर्माण में इन पांचों तत्वों की निर्धारित मात्रा शामिल होती है। यही पांचों तत्व प्रत्येक ग्रह के निर्माण में भी सहायक है, अतः ग्रह अपनी प्रकृति, अवस्था, स्थिति, आकार, तत्व, कारकत्व, धातु एवं गोचर के अनुसार पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त प्राणियों को जन्म से मृत्युपर्यन्त प्रभावित करते हैं। इसलिए यदि हम प्रत्येक ग्रह के प्रतिनिधि दिन को उस ग्रह से संबंधित भोज्य पदार्थ का सेवन करें तथा प्रतिनिधि प्राणी को दान करें तो हम बिना किसी अतिरिक्त प्रयास के ग्रहों के दुष्प्रभाव से बच सकते हैं तथा आरोग्य एवं ऐश्वर्य प्राप्त कर सकते हैं। यहां ग्रहों से संबंधित भोज्य पदार्थों के संतुलित आहार का मीनू दिया जा रहा है। इस मीनू का शुक्ल पक्ष के संबंधित ग्रह के प्रथम वार (दिन) से शुभारंभ करें तथा संबंधित ग्रह से प्रभावित या पीड़ित व्यक्ति के हाथ से निर्धारित संख्या में मंत्रोच्चारण करवाकर प्रतिनिधि प्राणी को भोजन का पहला अंश दान करावें। ईश्वर की कृपा से यह आपके संपूर्ण परिवार के लिए हितकारी सिद्ध होगा।