ज्योतिष की नज़र में मानसून विचार जगदम्बा प्रसाद गौडज्योतिष शास्त्र को तीन प्रमुख भागों में बांटा गया है: 1. गणित (सिद्धांत) 2. जातक (होरा) 3. संहिता । त्रिस्कंध ज्योतिष शास्त्र चतुर्लक्षमृदाहवम। गण जातकं विप्र संहिता स्कन्धा संक्षितम।। गणित में लग्नादि, वर्गादि, भाव स्पष्ट... moreज्योतिषमेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2005Views: 30829
विवाह के समय ध्यान रखने योग्य बातें दयानंद शास्त्रीहिंदू धर्म शास्त्रों में हमारे सोलह संस्कार बताए गए हैं। इन संस्कारों में काफी महत्वपूर्ण विवाह संस्कार है। शादी को व्यक्ति का दूसरा जन्म भी माना जाता है क्योंकि इसके बाद वर-वधू सहित दोनों के परिवारों का जीवन पूरी तरह बदल जाता है।... moreज्योतिषज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याघरविवाहग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2013Views: 30283
शेयर बाजार में तेजी-मंदी रजनीकान्त सी. ठक्करसूर्य: मासांरभ में कुंभ में है, 14.03.2006 से मीन में प्रवेश करेगा। मीन संक्रांति मंगलवार को 45 मुहूर्ती है जो तेजी दर्शाती है। मंगल: मासभर वृषभ में है। बुध: मासारंभ में मीन में है, 9.3.2006 को कुंभ में प्रवेश करेगा। बुध 3.3. ... moreज्योतिषदशामेदनीय ज्योतिषभविष्यवाणी तकनीकगोचरमार्च 2006Views: 4273
विवाह आयु-खंड निर्धारण सुशील अग्रवालदो परस्पर विरुद्ध स्वभाव की मौलिक शक्तियों के मध्य सम्बन्ध स्थापित होना ही विवाह है। जहाँ प्राचीन युग में कुटुंब को देखकर विवाह निश्चित किया जाता था, वहीं आधुनिक युग में जातक के आर्थिक स्तर को अधिक महत्व दिया जा रहा है। आजक... moreज्योतिषविवाहभविष्यवाणी तकनीकनवेम्बर 2016Views: 5498
कुंडली द्वारा व्यवसाय निर्धारण आभा बंसलमानव जीवन पर ग्रहों का निद्गिचत रूप से प्रभाव पड़ता है। हमारा व्यक्तित्व, स्वास्थ्य, शौर्य, विद्या, धन और कार्य क्षेत्र सभी कुछ ग्रहों से प्रभावित होता है। बचपन में विद्यार्जन से लेकर व्यवसाय के निर्धारण तक कुंडली में स्थित सभी ग्र... moreज्योतिषअप्रैल 2010Views: 16741
गुरु करेंगे मोदी का राजतिलक सुनील जोशी जुन्नकरुजरात में जीत की हैट्रिक लगाने वाले भाजपा के पी. एम. इन वेटिंग नरेंद्र मोदी क्या वास्तव में भारत के प्रधानमंत्री बन सकते हैं अथवा नहीं? इसी प्रश्न की जांच-पड़ताल करता हुआ यह ज्योतिषीय लेख प्रस्तुत है। इसमें नरेंद्र मोदी की जन्मकुंड... moreज्योतिषवशीकरणअप्रैल 2014Views: 16316
संतान योग ज्योतिषीय आधार पर विवेचना अशोक सक्सेनाआज के अर्थ प्रधान युग में प्रत्येक व्यक्ति स्त्री/पुरुष धन धनवान एवं संपत्तिवान शीघ्राशीघ्र होना चाहता है। इस चाहत में विवाह विलंब से हो रहे हैं, तथा व्यक्ति का रूझान भी परिवार बढ़ाने का विवाह के उपरांत शीघ्र संतान नहीं चाहता अतः स... moreज्योतिषज्योतिषीय योगबाल-बच्चेकुंडली व्याख्याघरग्रहभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2009Views: 16065
छोटे भाई/बहन - ज्योतिषीय विश्लेषण संजय बुद्धिराजाभारतीय वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी जातक के जीवन में होने वाली प्रत्येक घटना के लिये किसी न किसी ग्रह की भागीदारी आवष्यक होती है। कोई भी घटना ग्रहों के आपसी संबंध या योगों के कारण व ग्रहों के गोचरीय प्रभाव के कारण घटती है। ज... moreज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणज्योतिषीय योगकुंडली व्याख्याभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2014Views: 31322
भोग कारक शुक्र और बारहवां भाव अमित कुमार रामद्वादश भाव को प्रान्त्य, अन्त्य और निपु ये तीन संज्ञायें दी जाती हैं और द्वादश स्थान (बारहवां) को त्रिक भावों में से एक माना जाता है, अक्सर यह माना जाता है कि जो भी ग्रह बारहवें भाव में स्थित होता है वह ग्रह इस भाव की हानि करता है... moreज्योतिषघरभविष्यवाणी तकनीकमई 2013Views: 16459
कुछ विशिष्ट धन योग रश्मि चैधरीधन जीवन की मौलिक आवश्यकता है। सुखमय, ऐश्वर्य संपन्न जीवन जीने के लिए धन अति आवश्यक है। आधुनिक भौतिकतावादी युग में धन की महत्ता इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि धनाभाव में हम विलासितापूर्ण जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते, विलासित जीवन जीना त... moreज्योतिषज्योतिषीय योगसंपत्तिमई 2013Views: 18063
ज्योतिष के आईने में दाम्पत्य सुख रामप्रवेश मिश्रसुखी वैवाहिक जीवन धरती पर स्वर्ग के सुख के समान है। यह जीवन सामान्यतः मनुष्य जीवन का सबसे अतंरंग और जीवंत भाग है। जीवन की आकांक्षा की पूर्ति बिना जीवन साथी के संभव नहीं है। इसलिए जीवन की चतुराश्रम व्यवस्था में गृहस्थाश्रम सर्वाधिक... moreज्योतिषज्योतिषीय योगविवाहभविष्यवाणी तकनीकअप्रैल 2005Views: 18259
सुंदर बाल हर व्यक्ति की चाह वेद प्रकाश गर्गबाल किसी भी स्त्री के सौंदर्य तथा पुरुष के व्यक्तित्व मंे अहम भूमिका निभाते हैं। मुख्य रूप से किसी व्यक्ति के सिर पर कितने बाल होंगे, यह जन्म के समय ही तय हो जाता है। हर व्यक्ति के प्रतिदिन औसतन 100 बाल टूट जाते हैं और नये ... moreज्योतिषस्वास्थ्यभविष्यवाणी तकनीकमई 2006Views: 4977