देवस्थान तिरूपति बालाजी
देवस्थान तिरूपति बालाजी

देवस्थान तिरूपति बालाजी  

व्यूस : 8388 | फ़रवरी 2009
देवस्थानतिरुपतिबाला जी डॉ. भगवान सहाय श्रीवास्तव दक्षिण भारत के पर्यटन स्थलों की चर्चा करते ही प्रसिद्ध देवस्थान तिरुपति बाला जी का नाम स्वतः होठों पर आ जाता है, जहां दर्शन मात्र से ही आनंद व शांति से हृदय भर जाता है। पूरे भारत में हिन्दुओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला यह देवस्थान अप्रतिम है। प्रदेश के त्रिचूर जिले में सात शिखरों वाले वेंकटाचल पर्वत पर स्थित यह मंदिर तिरुपति तिरुमला (तिरु-सात, मला पर्वत) देवस्थान के नाम से जाना जाता है जो पर्यटन की दृष्टि से भी मनमोहक है। इस पर्वत को सप्ताचल भी कहा जाता है। इसका मध्यवर्ती शिखर शेषाचल नाम से प्रसिद्ध है। तिरुमला तिरुपति शहर से 16 किमी. दूर है, जहां वेंकटेश्वर का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। तिरुपति से सड़क द्वारा जुड़ा यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। हरी-भरी रमणीक पहाड़ियों से घिरा तिरुमला देखने योग्य है। यह मंदिर वास्तुकला का भी उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां प्रतिदिन दस हजार से ज्यादा भक्तजन आते हैं। गोविंदराज स्वामी मंदिर यहां का एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर है। तिरुमला पहाड़ियों की तराई में तिरुपति मंदिर से लगभग 3 कि.मीदूर उत्तर में भगवान शिव को समर्पित श्री कपिलेश्वरस्वामी का प्रसिद्ध मंदिर स्थित है। यहां का कपिल तीर्थम जलप्रपात देखते ही बनता है। इसे अल्वार तीर्थम भी कहते हैं। मंदिर से 3 कि.मी. दूर उत्तर में ही आकाशगंगा जलप्रपात है, जिसके पवित्र जल से भगवान का अभिषेक कराया जाता है। यह एक दर्शनीय स्थल है, जहां पहाड़ से निकलता झरना एक गहरी तंग घाटी में जाकर गिरता है। बरसात के दिनों में यह जलप्रपात अत्यंत सुंदर लगता है और यहां स्नान करने से मन पवित्र हो जाता है। विद्वानों का मत है कि तिरुपति बाला जी वेंकटेश्वर मंदिर की स्थापना द्वापर युग की समाप्ति के पश्चात् कलियुग में हुई थी। यह मंदिर अपने शिल्प, स्थापत्य तथा दक्षिणी मूर्तिकला की दृष्टि से अद्वितीय है। स्वर्ण मंडित शिखरों एवं तोरण द्वारों से अलंकृत इस तीर्थ का दर्शन करने मात्र से मन आनंदित हो उठता है। वेंकटेश्वर के मंदिर से 5 कि.मीदूर तिरुचानू में भगवान विष्णु की अर्द्धांगिनी भगवती पद्मावती का मंदिर है। इसकी महिमा अपरंपार है। भगवान बालाजी के दर्शन के पूर्व भगवती पद्मावती के दर्शन करने चाहिए। यह मंदिर देश के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मंदिर की सजावट में 24 कैरेट शुद्ध सोने का प्रयोग किया गया है। यहां दर्शकों की भीड़ इतनी अधिक होती है कि दर्शन के लिए 6 से 12 घंटे तक पंक्ति में खड़ा रहना पड़ सकता है। मंदिर में वृद्धों, विकलांगों एवं रोगियों के लिए निःशुल्क दर्शन की व्यवस्था की जाती है। वेंकटेश्वर मंदिर के पास ही स्वामी पुष्करणी के किनारे वराह स्वामी मंदिर स्थित है। यहां भगवान विष्णु वराह स्वामी के रूप में स्थापित हैं। तिरुमला से 11 कि.मी. दूर चंदगिरि नामक एक किला है जो 856 मीटर ऊंची पहाड़ी पर बना है। तिरुमला में दर्शन करने के बाद यात्री यहां भी आते हैं। तिरुपति का एक और प्रमुख पर्यटन स्थल तालकोण है। यह एक वन है जिसमें स्थित इसी नाम का जलप्रपात अपनी नैसर्गिक छटा के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। समझा जाता है कि यह तिरुमला की सात पहाड़ियों का द्वार है। यहां सैलानी पिकनिक मनाने आते हैं। मंदिर के परिसर में श्री गणेश मंडपम, दक्षिणामूर्ति मंडपम्, कामाक्षी मंडपम, कुमार स्वामी मंडपम तथा नवग्रह मंडपम भी हैं। कैसे पहुंचें? तिरुपति बाला जी के दर्शन के लिए देश के किसी भी महानगर से ट्रेन या हवाई जहाज द्वारा चेन्नई पहुंचा जा सकता है। यह मंदिर चूंकि तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश की सीमा पर स्थित है, इसलिए दोनों ही राज्यों से होकर यहां पहुंचा जा सकता है। चेन्नई से रेल द्वारा 4 घंटे में तथा बस या टैक्सी से 5-6 घंटे में पहुंच सकते हैं। तिरुपति का नजदीकी रेलवे स्टेशन तिरुपति ही है। स्टेशन से पर्वत पर स्थित वेंकटेश्वर मंदिर की दूरी लगभग 35 कि.मी. है। यहां जाने के लिए हर समय टैक्सी एवं बसें उपलब्ध रहती हैं।



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.