‘शेयर-सट्टा’ से ‘धन कमाने के योग डाॅ. भगवान सहाय श्रीवास्तव शेयर खरीदने और सट्टा खेलने का प्रचलन दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है, परंतु हर आदमी न तो शेयर खरीद सकता है, न सट्टा खेलकर धन कमा सकता है और न हर व्यक्ति की लाॅटरी ही निकल सकती है। इनमें हाथ आजमाने वाले अधिकांश लोगों को आखिर में पछताना पड़ता है। हाथ आजमाते समय प्रायः लोग इस बात का ध्यान नहीं करते कि उनकी जन्मकुंडली में सट्टा या लाॅटरी या शेयर से अकस्मात् धन प्राप्ति के योग हैं भी या नहीं। यदि हैं तो वे कितने फलीभूत हो सकते हैं? वस्तुतः किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी जन्मपत्री दिखलाकर ही शेयर और सट्टे का काम करना चाहिए, अन्यथा हानि उठानी पड़ सकती है। यहां हम कुंडली के कुछ ऐसे योग प्रस्तुत कर रहे हैं जो शेयर या सट्टे से लाभ प्राप्ति के लिए शुभ माने जाते हैं। स यदि जन्मकुंडली में जन्म लग्न या चंद्र लग्न से भाव 3, 6, 10 या 11 में शुभ ग्रह हों और भाग्येश केंद्र या त्रिकोण में हो, तो जातक को अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है। यदि भाव 1, 2, 5, 9, 10 या 11 में नीच या नीचांश के बिना धनेश और लग्नेश या धनेश और लाभेश या भाग्येश और दशमेश अथवा धनेश और पंचमेश का योग हो, तो जातक को लाॅटरी, शेयर, सट्टे से लाभ मिलता है। मीन लग्न की कुंडली में 5वें भाव में बुध या 11वें भाव में शनि हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से लाभ की संभावना रहती है। मेष लग्न की कुंडली में लग्न से चतुर्थ भाव में गुरु, सप्तम में शनि, अष्टम में शुक्र, नवम में गुरु, दशम में मंगल तथा पंचम में चंद्र हो, तो लाॅटरी, शेयर या सट्टे से धन लाभ के योग बनते हैं। प्रथम, चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव में शुभ बली ग्रह हों तो शेयर या सट्टे से धन प्राप्ति के योग बनते हैं। पंचम भाव में गुरु और लग्नेश हों तो अनायास धन प्राप्ति के योग बनते हैं। यदि कुंडली के पंचम भाव में चंद्र हो और उसे शुक्र देख रहा हो तो उस स्थिति में भी जातक को अनायास धन की प्राप्ति होती है। यदि सिंह लग्न की कुंडली में लग्न में पूर्ण चंद्र और सप्तम में शनि हो तथा एकादश में गुरु और मंगल का योग हो, तो भी अकस्मात् धन लाभ की संभावना रहती है। कर्क लग्न की जन्मकुंडली में अष्टम भाव में कुंभ राशिस्थ बुध और शुक्र हों और किसी शुभ भाव में चंद्र तथा मंगल की युति हो, तो उस स्थिति में भी अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है। मकर का सूर्य से रहित चंद्र लग्न में हो, चतुर्थ और सप्तम में गुरु हो, अस्त नीच और नीचांश रहित शनि शुभ स्थान में हो, तो भी अकस्मात् धन प्राप्ति के योग बनते हैं। यदि कुंडली में पंचमेश और लग्नेश का योग हो या लग्नेश बली हो और राहु व बुध कारक हों, तो अकस्मात् धन प्राप्ति की संभावना रहती है। दो ग्रहों का एक राशि में योग हो तथा दोनों 5 अंश से कम पर हों तो धन लाभ के उत्तम योग बनते हैं। लग्न से ग्रह भाव 1, 2, 5, 7, 8, 10 और 11 में हों तथा कहीं भी दो ग्रहों से अधिक की युति न हो, तो शेयर मार्केट या सट्टे से असीम धन की प्राप्ति की संभावना रहती है। धनेश और लाभेश चतुर्थ भाव में हों और चतुर्थ भाव का स्वामी शुभ ग्रहों से युत या दृष्ट हो अकस्मात् धन की प्राप्ति हो सकती है। शेयर, लाॅटरी या सट्टे से धन कमाने के इच्छुक लोगों को चांदी की अंगूठी में शुद्ध लहसुनिया रत्न पहनना चाहिए।