हस्त रेखा और निवेश के अवसर भारती आनंद यदि भाग्य रेखा एक से अधिक हों और जीवन रेखा गोल हो, तो व्यक्ति को संपत्ति में निवेश करना चाहिए। इससे शीघ्र लाभ मिलता है और संपत्ति में किया गया निवेश अच्छा परिणाम देता है। अंगुलियां लंबी हों, हृदय व मस्तिष्क रेखा एक हो, जीवन रेखा गोल हो और भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुकी हो तो संपत्ति में सोच-समझ कर निवेश करना चाहिए, अन्यथा हानि हो सकती है। हानि का कारण संपत्ति का किसी वजह से जब्त हो जाना या संपत्ति पर किसी का नाजायज कब्जा होना भी हो सकता है। जीवन रेखा गोल हो और उसकी संखया एक से अधिक हो, भाग्य रेखा साफ-सुथरी हो, शनि पर्वत व गुरु पर्वत स्पष्ट रूप से उठे हुए हों, तो संपत्ति में निवेश करना चाहिए। अगर निवेश से संबद्ध व्यवसाय में लाभ की अच्छी संभावना होती है। यदि जीवन रेखा खंडित और टेढ़ी-मेढ़ी या मोटी-पतली हो, तो संपत्ति में सोच-समझ कर निवेश करना चाहिए, अन्यथा हानि हो सकती है। यदि भाग्य रेखा गुरु पर्वत से ही खंडित हो व उस पर त्रिकोण बनते हों, तो संपत्ति में निवेश की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। भाग्य रेखा की इस स्थिति के साथ-साथ हथेली में शनि, गुरु व मंगल प्रबल हों तो निवेश करना चाहिए। मस्तिष्क रेखा विभाजित हो व उस पर स्पष्ट रूप से त्रिकोण बनते हों, जीवन रेखा गोल हो तथा मंगल, राहु, गुरु व शनि साफ-सुथरे हों, तो व्यक्ति किसी के साथ मिल कर भी संपत्ति में निवेश कर सकता है। यदि साझीदार के ग्रह भी पूरी तरह प्रबल हों, तो निवेश में लाभ की प्रबल संभावना रहती है। यदि जीवन रेखा गोल हो, मस्तिष्क और हृदय रेखा एक हो तथा हृदय रेखा पर एक अन्य रेखा (जिसे विशेष भाग्य रेखा कहते हैं) हो, तो निवेश करना चाहिए। इसके अतिरिक्त हथेली में गुरु, मंगल, शनि व बुध ग्रहों के उन्नत होने की स्थिति में निवेश करना चाहिए, किंतु बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए उचित मूल्य मिलने पर उसे तुरंत बेच भी देना चाहिए।