वास्तु दोष निवारण


व्यावसायिक वास्तु दोष एवं उपाय

फैक्ट्री, दुकान या कार्यालय या सार्वजनिक स्थल जैसे बैंक, अस्पताल, मंदिर, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हाॅल, रेस्टोरेंट आदि व्यावसायिक वास्तु के अंतर्गत आते हैं। इन स्थानों का प्रमुख उद्देश्य धन कमाना या समाज की सेवा करना होता है। व्यावसाय... और पढ़ें

वास्तुउपायवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावहस्तरेखा सिद्धान्त

दिसम्बर 2016

व्यूस: 7131

गया शहर का वास्तु

गया शहर का वास्तु

प्रमोद कुमार सिन्हा

शक्तिशाली एवं समृद्ध शहरों की उन्नति के कारणों का जब हम अध्ययन करते हैं तो पाते हैं कि उन शहरो का निर्माण वास्तु के सिद्धांतों के अनुरूप है। अतः किसी भी राष्ट्र, शहर या प्रांत के विकास एवं प्रगति में उसके वास्तु का अनुकूल होना आवश... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2015

व्यूस: 7225

नैर्ऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में भारी निर्माण क्यों

प्रकृति के अंदर दो प्रकार की शक्तियां पायी जाती हैं, एक है सकारात्मक तथा दूसरी है नकारात्मक। इनमें से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त करने में सकारात्मक शक्ति सहायता करती है। इसके विपरीत नकारात्मक शक्ति व्यक्ति के अं... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

जुलाई 2006

व्यूस: 5874

आग्नेयकोण (दक्षिण-पूर्व) में रसोईघर क्यों

भोजन जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। भोजन पंचमहाभूतों से बने प्राणी को ऊर्जा प्रदान करता है। भोजन जितना अच्छे वातावरण में तैयार किया जाता है उसका लाभ उतना ही मनुष्य को प्राप्त होता है। अग्नि भोजन को पकाने में सहायक तत्व है... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

जून 2006

व्यूस: 5959

वास्तु शास्त्र की प्रभावोत्पादकता

‘वास्तु’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘वस’ धातु से हुई है जिसका अर्थ है रहना। अतः वास्तुशास्त्र एक ऐसा विज्ञान है जिसका संबंध किसी स्थल एवं भवन के प्रारूप एवं निर्माण से है। यह शहर, महल एवं कम्प्लेक्स आदि के निर्माण का भी विस्तृत व... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

फ़रवरी 2017

व्यूस: 7629

वास्तु सीखें

वास्तु सीखें

प्रमोद कुमार सिन्हा

उत्तर: अध्ययन कक्ष का सबसे उपयुक्त स्थान पष्चिम दिषा है क्यांेकि इस दिषा पर विद्या की देवी मां सरस्वती का वास होता है।... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

नवेम्बर 2011

व्यूस: 3934

उत्तर दिशा में ड्राॅइंग रूम क्यों?

ड्राॅइंग रूम भवन का वह स्थान है जहां पारिवारिक, सामाजिक, व्यापारिक, आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोग आकर बैठते हैं, आपस में बातचीत करते हैं। वास्तुशास्त्र में भवन का उत्तर का क्षेत्र ड्राॅइंग रूम बनाने के लिए प्रशस्त माना गया है। उत्तर ... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझाव

सितम्बर 2006

व्यूस: 5809

अपने वास्तु विशेषज्ञ से जानिए

प्रश्न: इस भूखंड के उपयोग के लिए वास्तु सुझाव दें। -नवल कुमार पटेल, मुजफ्फरपुर उत्तर: प्रिय पटेल जी, आपके प्लाॅट का उत्तर-पूर्व तथा उत्तर-पश्चिम हिस्सा कटा हुआ है। यदि दो हिस्से भी कर लिये जाएं तो दक्षिण-पश्चिम हिस्सा कटा हुआ माना... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारण

जनवरी 2006

व्यूस: 5363

दक्षिण में भूमिगत जल स्रोत

दक्षिण में भूमिगत जल स्रोत महिलाओं के स्वास्थ्य हानि एवं अनचाहे खर्चों का कारण होता है:- कुछ दिन पूर्व पंडित जी, इलाहबाद (उत्तर प्रदेश) के एक व्यापारी के यहाँ वास्तु निरीक्षण करने गए। उनके घर में बातचीत के दौरान उनकी पत्नी ने बताय... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

मई 2016

व्यूस: 6223

भूखंडों का श्रेणीकरण

वास्तु सम्मत गृह निर्माण के लिए उत्तम भूखंड का होना आवश्यक है। अगर आप बिना वास्तुविद से सलाह लिये गृह निर्माण कर चुके हैं तो आप लेख में दिये गये भूखंडों की श्रेणी के अनुसार पढ़कर अपने घर का वास्तु ठीक कर सकते हैं। इस लेख में भूख... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारण

अप्रैल 2016

व्यूस: 6798

वीथिशूल: शुभाशुभ फल एवं उपाय

1. परिभाषा और प्रकार वास्तु संदर्भ में, किसी भी प्रकार की मानव रचित रुकावट को वीथिशूल कहते हैं। “वीथि” का शाब्दिक अर्थ सड़क, मार्ग या रास्ता है और “शूल” का शाब्दिक अर्थ तीर, बाण या काँटा है। प्राचीन समय की अपेक्षा आधुनिक युग में, व... और पढ़ें

वास्तुउपायवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

दिसम्बर 2016

व्यूस: 7310

उत्तर दिशा में स्थित गृह/भूखंड

उत्तर दिशा के मकान / भूखंड उत्तर दिशा एक पवित्रा दिशा है। भगवान कुबेर इस दिशा के अध्पिति हैं। ये ध्न एवं समृ(ि के भी देवता हैं। ये व्यवसाय एवं व्यापार के लिए प्रमुख हैं। इनकी अभिरुचि ललित कलाओं में अध्कि है किंतु ये कुष्ठ रोग से प... और पढ़ें

वास्तुवास्तु परामर्शवास्तु पुरुष एवं दिशाएंवास्तु दोष निवारणवास्तु के सुझावभविष्यवाणी तकनीक

आगस्त 2016

व्यूस: 6554

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

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