लग्न, चंद्रमा और गुरु से पंचम भाव पुत्रप्रद होता है। इनसे नवम भाव भी पुत्रप्रद होता हैं। इन स्थानों के स्वामियों की दशा अंतर्दशा में जातक को पुत्र लाभ होता है। पंचमेश, छठे, आठवें या १२वें भाव में हो तो संतान का अभाव होता है। यदि प... और पढ़ें
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