कुंडली व्याख्या


शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

सेवाराम जयपुरिया

किसी जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह भाव माता का भाव है। इसका शिक्षा से गहरा संबंध है, क्योंकि बच्चे की मां उसकी पहली शिक्षक होती है। कुंडली के पंचम, अष्टम और नवम भाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। भाव, भा... और पढ़ें

ज्योतिषसंपत्तिज्योतिषीय योगशिक्षाभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसाय

जनवरी 2005

व्यूस: 13432

शुक्रअष्टकवर्ग से सटीक फलकथन

अष्टकवर्ग विद्या में नियम है कि कोई भी ग्रह चाहे वह स्वराद्गिा या उच्च का ही क्यों न हो, तभी अच्छा फल दे सकता है जब वह अपने अष्टकवर्ग में 5 या अधिक बिंदुओं के साथ हो क्योंकि तब वह ग्रह बली माना जाता है। अतः यदि शुक्र ग्रह शुक्र अष... और पढ़ें

ज्योतिषअष्टकवर्गग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2010

व्यूस: 16275

शनि और करियर

शनि और करियर

यशकरन शर्मा

करियर निर्माण में सभी ग्रहों की अलग-अलग भूमिका है। शनि सभी ग्रहों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण ग्रह है जो व्यावसायिक जीवन में स्थिरता व सुरक्षा प्रदान करता है। शनि के इसी महत्वपूर्ण गुण को उजागर करने हेतु प्रस्तुत है यह लेख जिसमें शन... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याज्योतिषीय विश्लेषणव्यवसाय

नवेम्बर 2014

व्यूस: 38172

काल सर्प योग कष्टदायक अथवा ऐश्वर्यदायक

कालसर्प योग जितना कष्टदायक होता हैं। उतना ही ऐश्वर्य दायक भी होता हैं। निम्नांकित छ: योग जातक के भाग्य निर्णय में बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। पहले से सातवें स्थानों में बनने वाला योग, दूसरे से आठवें स्थानों में बनने वाला योग।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

मार्च 2013

व्यूस: 15643

ज्योतिष व आनुवंशिकता द्वारा संतान विचार

प्राचीन ऋषियों व ज्योतिष सिद्धांतानुसार संतान संबंधी विचार (संतान की संखया व लिंग) लग्न, लग्नेश, पंचम, पंचमेश, सप्तम, सप्तमेश व चंद्र कुंडली में स्थित शुभाशुभ योगों के द्वारा ज्ञात करते हैं। किसी भी क्षेत्र में आधुनिकता लाने के लि... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याबाल-बच्चे

अकतूबर 2010

व्यूस: 14587

सूर्य-चंद्र दिलाते हैं कामायाबी

व्यक्ति के सफलता व प्रभावशीलता ग्रहों की स्थिति, गति और नक्षत्रों की चाल से तय होती है। इनकी स्थिति के अनुरूप व्यक्ति को कामयाबी मिलती है। इनके विपरीत स्थिति में होने पर व्यक्ति चाह कर भी सफलता का स्वाद नहीं चख पाता है। ग्रहों का ... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्यायश

जुलाई 2013

व्यूस: 14851

विवाह का काल निर्धारण

ज्योतिष शास्त्र में संभावित घटना का काल निर्धारण सर्वाधिक दुस्साध्य प्रक्रिया है क्योंकि काल को परमशक्ति का प्रतिरूप स्वीकारा गया है, अतएव रहस्यात्मकता के अतिगोपनीय विश्व के सूत्रों का सम्यक् उद्घाटन दुष्कर कर्म है। विवाह जैसे महत... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरविवाहभविष्यवाणी तकनीकमुहूर्तकुंडली व्याख्या

जुलाई 2013

व्यूस: 15853

दुर्योग

दुर्योग

जय इंदर मलिक

ज्योतिष में शुभ-अशुभ योग होते है। अर्थात जातक की कुंडली में ग्रहों का सम्बन्ध कैसा है। ग्रहों का आपसी सम्बन्ध जैसे युति एक-दूसरे से २/१२ होना केंद्र या त्रिकोण में होना, भावाधिपति होना।... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

अप्रैल 2013

व्यूस: 17972

सीमा का वहम

सीमा का वहम

आभा बंसल

आप सभी के संपर्क में कभी न कभी ऐसा व्यक्ति अवश्य आया होगा जिसे वहम की बीमारी होती है। यह बीमारी किसी भी तरह की हो सकती है। कुछ लोग लगातार हाथ धोते रहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि हाथ गंदे हैं। इसी तरह कुछ बार-बार ताले को चेक कर... और पढ़ें

ज्योतिषदशागोचरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2013

व्यूस: 13797

द्वादश भावों में राहु का फल

राहु आलस्य, अस्थिरता, स्थावर संपत्ति, योगाभ्यास, उदर रोग, वाहन, जन नेता, विधान/लोक सभा पद, कूटनीति, राजदूत आदि का कारक है। 3, 6, 11 भावों में यह कारक ग्रह है। नवग्रहों में राहु एक छाया ग्रह है। राहु से पितामह का विचार किया ज... और पढ़ें

ज्योतिषग्रहभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्या

जुलाई 2014

व्यूस: 16814

कैरियर और ज्योतिष

कैरियर और ज्योतिष

शरद त्रिपाठी

आजीविका और कैरियर के विषय में दशम भाव को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अतिरिक्त कैरियर के लिए हम द्वितीय तथा षष्ठ भाव को भी महत्वपूर्ण दर्जा देते हैं जिसमें दशम भाव हमारा कर्म क्षेत्र है हम जो भी कार्य करते हैं उसका निर्... और पढ़ें

ज्योतिषज्योतिषीय योगग्रहघरभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 19433

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

शिक्षा, व्यवसाय और धन योग

सेवाराम जयपुरिया

जातक की कुंडली में चतुर्थ भाव का स्थान अति महत्वपूर्ण है। यह भाव माता का भाव है। इसका शिक्षा से गहरा संबंध है, क्योंकि बच्चे की मां उसकी पहली शिक्षक होती है। कुंडली के पंचम, अष्टम और नवम भाव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। भाव, भावेश औ... और पढ़ें

ज्योतिषसंपत्तिज्योतिषीय योगग्रहघरशिक्षाभविष्यवाणी तकनीककुंडली व्याख्याव्यवसाय

अप्रैल 2010

व्यूस: 14297

Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business

लोकप्रिय विषय

करियर बाल-बच्चे चाइनीज ज्योतिष दशा वर्ग कुंडलियाँ दिवाली डऊसिंग सपने शिक्षा वशीकरण शत्रु यश पर्व/व्रत फेंगशुई एवं वास्तु टैरो रत्न सुख गृह वास्तु प्रश्न कुंडली कुंडली व्याख्या कुंडली मिलान घर जैमिनी ज्योतिष कृष्णामूर्ति ज्योतिष लाल किताब भूमि चयन कानूनी समस्याएं प्रेम सम्बन्ध मंत्र विवाह आकाशीय गणित चिकित्सा ज्योतिष Medicine विविध ग्रह पर्वत व रेखाएं मुहूर्त मेदनीय ज्योतिष नक्षत्र नवरात्रि व्यवसायिक सुधार शकुन पंच पक्षी पंचांग मुखाकृति विज्ञान ग्रह प्राणिक हीलिंग भविष्यवाणी तकनीक हस्तरेखा सिद्धान्त व्यवसाय पूजा राहु आराधना रमल शास्त्र रेकी रूद्राक्ष श्राद्ध हस्ताक्षर विश्लेषण सॉफ्टवेयर सफलता मन्दिर एवं तीर्थ स्थल टोटके गोचर यात्रा वास्तु परामर्श वास्तु दोष निवारण वास्तु पुरुष एवं दिशाएं वास्तु के सुझाव स्वर सुधार/हकलाना संपत्ति यंत्र राशि
और टैग (+)