दीपावली पर किये जाने वाले विशेष उपाय व मंत्र
दीपावली पर किये जाने वाले विशेष उपाय व मंत्र

दीपावली पर किये जाने वाले विशेष उपाय व मंत्र  

फ्यूचर समाचार
व्यूस : 8651 | नवेम्बर 2012

दीपावली पर किये जाने वाले विशेष उपाय व मंत्र दाती राजेश्वर महाराज लक्ष्मी की कृपा हो तब ही व्यक्ति जीवन के भौतिक सुखों की प्राप्ति कर सकता है, उन्हें भोग सकता है। लक्ष्मी की कृपा हो तो जातक का हर दुःख दूर हो जाता है। माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए भला दीपावली से अच्छा और उत्तम अवसर क्या हो सकता है।

अतः दीपावली के शुभ अवसर पर व दीपावली की रात्रि में प्रत्येक व्यक्ति को लक्ष्मी को प्रसन्न करने का भरसक प्रयास करना चाहिए। पूर्ण श्रद्धा से उनकी अराधना करनी चाहिए। दीपावली की रात्रि में तकरीबन डेढ़ से दो बजे तक के समय को महानिशा कहते हैं, इस समय की साधना का विशेष महत्व है, इसी समय में लक्ष्मी की अराधना करने से अक्षय धन-धान्य की प्राप्ति होती है। अतः यह समय लक्ष्मी प्राप्ति की दृष्टि से अति उत्तम है।

Book Laxmi Puja Online

लक्ष्मी प्राप्ति का मंत्र :

1. ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी ममगृहे आगच्छ आगच्छ ह्रीं नमः। इस मंत्र को दीपावली की रात्रि में कुंकुम या अष्टगंध से थाली पर लिखें, व्यापारी लोग बही खाते में लिखें तथा उसी रात्रि को 12000 मंत्र का जाप करें, फिर नित्य एक माला का जप करने से जातक को पूरे वर्ष धन-दौलत व ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है।

2. दीपावली की रात्रि में नहा-धोकर पवित्र होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, फिर अपने पूजा स्थान में जाकर सफेद रंग के आसन पर बैठकर, लकड़ी की छोटी चैकी पर लाल वस्त्र बिछाकर ग्यारह कमल के पुष्प या गुलाब के पुष्प मां लक्ष्मी के आगे रखें, इनके साथ धातु या स्फटिक के श्री यंत्र को रखें, पंचामृत एवं गंगाजल से स्नान करायें फिर केसर का तिलक लगाएं तथा धूप-दीप एवं सुगंधित अगरबत्ती जलाकर मां लक्ष्मी का निम्न मंत्र से पूजन् करें। ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्म्यै नमः ।। 11 माला, फिर एक चम्मच खीर व कमलगट्टे की आहुति दें। इसके पश्चात प्रतिदिन एक माला का जाप करें। इस प्रयोग को करने से महीने भर के पश्चात् ही आप पर माता लक्ष्मी की कृपा होने लगती है।

3. लक्ष्मी के स्थायी निवास हेतु दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी पूजन के बाद चांदी की एक छोटी सी ढक्कन वाली डिबिया लें या अन्य धातु की भी ले सकते हैं, इसमें ऊपर तक नागकेशर तथा शहद भरकर बंद करके रात्रि में ही अपने गल्ले या तिजोरी में रख दें, फिर अगली दीपावली तक रखे रहने दें। प्रत्येक दीपावली को इस डिबिया को बदल लें और पुरानी वाली को जल में प्रवाहित कर दें, इस प्रयोग से आपके गल्ले, तिजोरी में कभी कोई कमी नहीं रहेगी, लक्ष्मी स्थायी रूप से आपके यहां वास करंेगी।

4. व्यापार वृद्धि का अमोघ मंत्र श्री शुक्ले महाशुक्ले, कमलदल निवासे श्री महालक्ष्मी नमो नमः। लक्ष्मी माई, सत्य की सवाई, आगे माई करो भलाई, न करो तो सात समुद्र की दुहाई, ऋद्धि-सिद्धि खावोगी तो नौ नाथ चैरासी की दुहाई। दीपावली की रात्रि में एकांत स्थान में स्नान कर शुद्ध आसन पर बैठकर, मां लक्ष्मी की प्रतिमा, धूप-दीप, पुष्प चढ़ाकर, 10,000 मंत्र जपें। फिर नित्य दुकान, फैक्ट्री में सुबह शाम 21-21 बार जपें तो निश्चित रूप से व्यापार बढ़ेगा व रोजी खुलेगी।

Book Shani Shanti Puja for Diwali

5. धन-धान्य व यशवर्द्धक मंत्र मनसः काममाकूतिं वाचः सत्यमशी महिं। पशूनां रूपमंत्रस्य मयि श्री श्रयतां यशः।। दीपावली की रात्रि में 11000 मंत्र जप कर सिद्ध कर लें, फिर नित्य एक माला का जाप करने से जातक के धन-धान्य व यश में वृद्धि होती है।

6. कैसे करें लक्ष्मी पूजन् दीपावली की रात्रि में स्नान करके शुद्ध व साफ वस्त्र पहनकर, आचमन और प्राणायाम करके दाएं हाथ में जल लेकर, कुंकुम, अक्षत तथा पुष्प लेकर संकल्प करें, आज परम मंगल को देने वाले कार्तिक मास की अमावस्या को मैं (अपना नाम बोलें), गोत्र बोलंे, चिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए नीति पूर्वक अर्थोपार्जन करते हुए सभी कष्टों को दूर करने, अपनी अभिलाषा की पूर्ति के लिए, आरोग्य तथा आयुष्य की वृद्धि के साथ राज्य, व्यापार, उद्योग आदि में लाभ मिले इसलिए गणपति, नवग्रह, महाकाली तथा महासरस्वती का श्रद्धा भाव से पूजन् करता हूं।

इसके बाद हाथ में ली हुई सामग्री धरती पर छोड़ दें। तिलक लगायें तथा कलावा बांधें, गणपति भगवान का पूजन् करें, उन्हें स्नान करवाकर जनेऊ, वस्त्र, कलावा कुंकुम, केसर, अक्षत, गुलाब, अबीर आदि चढ़ाकर गुड़ तथा लड्डू का नैवेद्य अर्पित करें, फिर गणपति का ध्यान करें। ऊँ गणपतये नमः एक दन्ताय विद्यमहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ति प्रचोदयात्। फिर नवग्रह का ध्यान करें - ब्रह्मामुरारी त्रिपुरान्तकारी भानु शशि भूमि सुतो। वुधश्च गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतवः सर्व ग्रहाः शान्ति करा भवन्तु।

महालक्ष्मी पूजन् के लिए लक्ष्मी गणेश वाले चांदी के सिक्के को थाली में रखें, आह्वान के लिए अक्षत अर्पण करें, जल से तीन बार अघ्र्य दें, स्नान करायें, फिर दूध, दही, घी, शक्कर तथा शहद से स्नान कराकर पुनः शुद्ध जल से स्नान करायें।

कलावा, केसर, कुंकुम अक्षत, पुष्प माला, गुलाल, अबीर, मेहंदी, हल्दी, कमलगट्टे, कमल पुष्प, फल, मिष्टान्न अर्पण करके 108 बार एक एक नाम बोलकर अक्षत चढ़ायें। ऊँ अणिमे्र नमः ऊँ महिम्रे नमः। ऊँ गरिम्रे नमः । ऊँ लघिमे्र नमः । ऊँ प्राकाम्ये नमः । ऊँ इशितारो नमः। ऊँ वशितारो नमः। इसके बाद मिष्टान्न प्रसाद स्वरूप वितरण करके पान, सुपारी इलायची, फल चढ़ायें और प्रार्थना करें-

नमस्तेस्तु महामाये श्रीपीठे सुर पुजिते।

शंख, चक्र, गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते।।

अपने घर, कार्य स्थल, दुकान आदि के कलम, हथियार, बहीखाते, डायरी आदि नित्य प्रायः प्रयोग होने वाले अन्य साधनों में कलावा बांधें तथा उन पर पुष्प, अक्षत तथा कुंकुम अर्पण करके बोलंे - ऊँ महाकालिकाये नमः। अंत में आरती, पुष्पांजलि अर्पित करके, अपने परिजनों को प्रणाम करें, उनका आशीर्वाद लें, चांदी के इस सिक्के को लाल कपड़े में लपेटकर अपने पूजा स्थान अथवा तिजोरी में रख दें। आप सबको दीपावली की हार्दिक शुभकामनाए।ं

जीवन में जरूरत है ज्योतिषीय मार्गदर्शन की? अभी बात करें फ्यूचर पॉइंट ज्योतिषियों से!



Ask a Question?

Some problems are too personal to share via a written consultation! No matter what kind of predicament it is that you face, the Talk to an Astrologer service at Future Point aims to get you out of all your misery at once.

SHARE YOUR PROBLEM, GET SOLUTIONS

  • Health

  • Family

  • Marriage

  • Career

  • Finance

  • Business


.