पिरामिड ऊर्जा शक्ति फ्यूचर पाॅइन्टशरीर को स्फूर्तिवान बनाने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। पिरामिड अपनी विशिष्ट आकृति के कारण उपयोगी ऊर्जा का प्रसार करते हैं। इनसे प्राप्त ऊर्जा का उपयोग अनेकानेक रोगों एवं मानसिक तनाव को दूर करने के लिए किया जा सकता... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय विश्लेषणदिसम्बर 2006व्यूस: 6517
राहू कि महादशा में नवग्रहों कि अंतर्दशाओं का फल एवं उपाय अशोक शर्माराहू मूलत: छाया ग्रह है, फिर भी उसे एक पूर्ण ग्रह के समान ही माना जाता है। यह आर्द्रा, स्वाति एवं शतभिषा नक्षत्र का स्वामी है। राहू कि दृष्टि कुंडली के पंचम, सप्तम और नवम भाव पर पड़ती है। जिन भावों पर राहू कि दृष्टि का प्रभाव पडता ... और पढ़ेंज्योतिषउपायग्रहहस्तरेखा सिद्धान्तआगस्त 2008व्यूस: 307073
एक बच्चे का अपहरण एस.सी.कुरसीजाहमारे एक परिचित के बच्चे का अपहरण 5.10.2006 को शाम सात बजे कानपुर में हो गया। उन्होंने अपनी ओर से हर संभव कोशिश की परंतु बच्चे के बारे में कुछ पता नहीं चला। तब उन्होंने ज्योतिष की शरण ली और दो प्रश्न पूछे- 1. जीवित है या नहीं ?... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशागोचरभविष्यवाणी तकनीकजुलाई 2007व्यूस: 6968
जन्म कुंडली से जानें कब होगी आपकी शादी? सत्य प्रकाश दुबेशादी के बारे में कहा जाता है कि जोड़ियां स्वर्ग में निर्धारित होती हैं धरती पर तो केवल आयोजित होती हैं। शादी सात जन्मों का बंधन होता है। इतने पहले निर्धारित हुई शादी धरती पर संपन्न होने में इतनी देर क्यों हो जाती है। इस प्रश्न ... और पढ़ेंज्योतिषज्योतिषीय योगदशाविवाहभविष्यवाणी तकनीकजून 2014व्यूस: 327002
वक्री ग्रह फ्यूचर पाॅइन्टजब पृथ्वी ठ स्थान पर आती है, तब पृथ्वी से शनि 180° पर नजर आता है एवं जब पृथ्वी ब् स्थान पर पहुंचती है, तो शनि 180° से कम अंश पर दृश्य होता है।... और पढ़ेंज्योतिषग्रहखगोल-विज्ञानअप्रैल 2015व्यूस: 9096
क्या आप जानते हैं डॉ. अरुण बंसलक्या आप जानते है की आकाश में लगभग १०० करोड़ ब्रह्माण्ड है और हमारे ब्रह्माण्ड में लगभग दस हजार करोड़ तारे हैं. इस प्रकार पूरे आकाश में लगभग दस लाख करोड़ तारे हैं. हमारी आकाश गंगा का व्यास लगभग... और पढ़ेंज्योतिषमार्च 2004व्यूस: 3445
प्लूटो अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में डॉ. अरुण बंसल24 अगस्त 2006 को प्राग अंतर्राष्ट्रीय खगोल संघ ;प्दजमतदंजपवदंस ।ेजतवदवउपबंस न्दपवदद्ध के 2500 से अधिक खगोलविदों के पुनर्विचार एवं पुनर्परिभाषा के कारण प्लूटो को अब केवल लघु ग्रहों की श्रेणी में स्थापित कर दिया गया है। पहले भी 1... और पढ़ेंज्योतिषगोचरग्रहभविष्यवाणी तकनीकअकतूबर 2006व्यूस: 7899
नए ग्रहों एवं राशियों की खोज का ज्योतिष पर प्रभाव आभा बंसलहाल ही में प्लूटो के आगे १०वें ग्रह की खोज की गई है। खोगोलज्ञों ने कैलिफोर्निया की पालोमर वेधशाला में सेडना नामक १०वें ग्रह का पता लगाया है। यह ग्रह पृथ्वी से १३ अरब कि. मी. दूर है। इसका व्यास लगभग १२०० कि. मी. हैं। इसका रंग मंगल ... और पढ़ेंज्योतिषअकतूबर 2005व्यूस: 6483
ब्रह्मांड : कुछ महत्वपूर्ण तथ्य डॉ. अरुण बंसलहमारे इस ब्रह्मांड में लगभग चार हजार करोड तारे है और इस प्रकार के ब्रह्मांड एक हजार करोड से अधिक हमारा यह ब्रह्मांड ही इतना विशाल है की यदि सूर्य को एक सूई की नोक के बराबर मान लिया जाए तो नजदीकी तारा लगभग।... और पढ़ेंज्योतिषमार्च 2008व्यूस: 14512
ब्रह्मांड की उत्पत्ति डॉ. अरुण बंसलसंपूर्ण चराचर भूतगण ब्रह्मा के दिन के प्रवेशकाल में अव्यक्त से अर्थात् ब्रह्मा के सूक्ष्म शरीर से उत्पन्न होते हैं और ब्रह्मा की रात्रि के प्रवेशकाल में उस अव्यक्त नामक ब्रह्मा के सूक्ष्म शरीर में लीन हो जाते हैं।... और पढ़ेंज्योतिषपंचांगखगोल-विज्ञानआगस्त 2012व्यूस: 16660
विवाह में मुहूर्त का महत्व पारस राम वशिष्टज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुंडली मिलानी चाहिए या नहीं। ऐसे कुछ प्रश्न आज हमारे सामने हैं जिन्हें लेकर हम तथा समाज दुखी है ऐसा क्यों? आइए कारण ढूंढ़ते हैं। कुंडली मिलान करने के पश्चात शादी की तारीख पक्की की जाती है। एक तो ज्यादातर शाद... और पढ़ेंज्योतिषविवाहमुहूर्तजनवरी 2007व्यूस: 8772
चमत्कारिक यंत्र राजेंद्र कुमार शर्माप्राचीन समय में अनेक व्यक्ति अपने मकानों पर यंत्र लिखते थे। वे वैज्ञानिक थे या यों ही शुभ मानकर लिख लिया करते थे यह कुछ कहा नहीं जा सकता। उन्होंने उन यंत्रों का नामकरण पंद्रीया यंत्र, बीसा यंत्र, चैंतीसा यंत्र, तथा चालीसा यं... और पढ़ेंज्योतिषयंत्रजून 2015व्यूस: 11081